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देहरादून में चल रहा था अवैध बस अड्डा, पकड़ी गई 10 बसों पर नहीं हुई कार्रवाई, मुख्य सचिव को लिखा पत्र

देहरादून में अवैध बस अड्डे से पकड़ी गई बसों के खिलाफ प्रवर्तन टीम ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. 11 नवंबर को उत्तराखंड पुलिस और उत्तराखंड परिवहन निगम की संयुक्त टीम ने रिस्पना पुल स्थित अवैध बस अड्डे पर छापा मारा था. तमाम परिवहन नियमों का उल्लंघन कर रही 10 बसों को संयुक्त टीम ने पकड़ा था. एक हफ्ते बाद भी प्रवर्तन टीम द्वारा इन बसों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने से नाराज कर्मचारियों ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.

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Published : Nov 18, 2022, 6:27 AM IST

देहरादून: आईएसबीटी समेत प्रदेश के तमाम डिपो से डग्गामारी के मामले समय-समय पर सामने आते रहे हैं. इसी क्रम में 11 नवंबर को राजधानी देहरादून के रिस्पना पुल स्थित एक अवैध बस अड्डे से उत्तराखंड पुलिस एवं उत्तराखंड परिवहन निगम की संयुक्त टीम ने 10 बसें पकड़ी थीं. लेकिन एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने ना ही इन बसों का निरीक्षण किया और ना ही इन बसों पर एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. इस संबंध में उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है.

दरअसल, अवैध रूप से संचालित होने वाली इन 10 बसों के पकड़े जाने के बाद परिवहन निगम के एक सुपरवाइजर ने थाना पटेलनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत में अवैध बस अड्डा चलाने, यात्रियों के साथ छल-कपट करने, अवैध प्रपत्रों के साथ डग्गामार बसों का संचालन करने, बसों के बॉडी स्ट्रक्चर में नियम विरुद्ध बदलाव करके यात्रियों की जान जोखिम में डालने तथा अवैध टिकट बुकिंग करने सहित अन्य धाराओं में अभियोग पंजीकृत हुआ है. लेकिन परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने 11 नवंबर से अभी तक इन बसों पर एमवी एक्ट में कार्रवाई नहीं की है.
ये भी पढ़ें: लोगों में खत्म हो रहा कोरोना का डर? एक्सपायर होने की कगार पर 70 हजार से ज्यादा बूस्टर डोज

इसके चलते परिवहन निगम के कर्मचारियों ने प्रदेश में डग्गामार वाहनों का संचालन परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से होने को आशंका जताई है. साथ ही, मुख्य सचिव को पत्र के माध्यम से पकड़ी गई बसों के प्रपत्रों की सूक्ष्म जांच तथा भौतिक निरीक्षण कराने का अनुरोध किया है. ताकि बसों के स्वामी न्यायालय से बसों को रिलीज न करा सकें.

Illegal bus stand
अवैध बसों पर कार्रवाई की मांग

इसके अतरिक्त अनुरोध किया है कि देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, रामनगर, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, नैनीताल, टनकपुर आदि स्थानों से हो रहे अवैध बस संचालन को रोकने के लिए सघन चेकिंग अभियान भी चलाया जाए.

देहरादून: आईएसबीटी समेत प्रदेश के तमाम डिपो से डग्गामारी के मामले समय-समय पर सामने आते रहे हैं. इसी क्रम में 11 नवंबर को राजधानी देहरादून के रिस्पना पुल स्थित एक अवैध बस अड्डे से उत्तराखंड पुलिस एवं उत्तराखंड परिवहन निगम की संयुक्त टीम ने 10 बसें पकड़ी थीं. लेकिन एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने ना ही इन बसों का निरीक्षण किया और ना ही इन बसों पर एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. इस संबंध में उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है.

दरअसल, अवैध रूप से संचालित होने वाली इन 10 बसों के पकड़े जाने के बाद परिवहन निगम के एक सुपरवाइजर ने थाना पटेलनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत में अवैध बस अड्डा चलाने, यात्रियों के साथ छल-कपट करने, अवैध प्रपत्रों के साथ डग्गामार बसों का संचालन करने, बसों के बॉडी स्ट्रक्चर में नियम विरुद्ध बदलाव करके यात्रियों की जान जोखिम में डालने तथा अवैध टिकट बुकिंग करने सहित अन्य धाराओं में अभियोग पंजीकृत हुआ है. लेकिन परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने 11 नवंबर से अभी तक इन बसों पर एमवी एक्ट में कार्रवाई नहीं की है.
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इसके चलते परिवहन निगम के कर्मचारियों ने प्रदेश में डग्गामार वाहनों का संचालन परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से होने को आशंका जताई है. साथ ही, मुख्य सचिव को पत्र के माध्यम से पकड़ी गई बसों के प्रपत्रों की सूक्ष्म जांच तथा भौतिक निरीक्षण कराने का अनुरोध किया है. ताकि बसों के स्वामी न्यायालय से बसों को रिलीज न करा सकें.

Illegal bus stand
अवैध बसों पर कार्रवाई की मांग

इसके अतरिक्त अनुरोध किया है कि देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, रामनगर, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, नैनीताल, टनकपुर आदि स्थानों से हो रहे अवैध बस संचालन को रोकने के लिए सघन चेकिंग अभियान भी चलाया जाए.

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