देहरादून: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर एनएमओपीएस (National Movement For Old Pension Scheme) के कर्मचारियों ने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है. शनिवार को पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े कर्मियों ने सरकार पर अपमानित किए जाने का आरोप लगाते हुए 15 नवंबर को सचिवालय तक रैली निकालने का आह्वान किया है.
एनएमओपीएस के प्रांतीय अध्यक्ष जीत मणि पैन्यूली का कहना है कि 1 अक्टूबर 2005 के बाद उत्तराखंड के जितने सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्हें नई पेंशन स्कीम से आच्छादित किया गया है. उन्होंने कहा कि यह स्कीम पूरी तरह से शेयर बाजार पर आधारित है, जिस कारण सेवानिवृत्त हुए कर्मियों की पेंशन बहुत कम हो गई है.
उन्होंने कहा कि यह सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपमानित करने जैसा है, क्योंकि जब कोई व्यक्ति 60 वर्ष का हो जाता है. तब उसके ऊपर सामाजिक और परिवारिक जिम्मेदारियों का भार पड़ जाता है. उस समय उसको पैसे की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है, लेकिन सरकार 35 से 40 साल सेवाएं देने के बाद कर्मचारियों को अपमानित करके उन्हें बाहर निकाल रही है.
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एनएमओपीएस के प्रतिनिधियों का कहना है कि राज्य सरकार के खिलाफ 15 नवंबर को देहरादून के परेड ग्राउंड से सचिवालय तक रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा. इस प्रदर्शन में एनएमओपीएस के केंद्रीय अध्यक्ष विजय बंधु के अलावा राज्य के सभी मान्यता प्राप्त संगठनों के कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल होंगे.