देहरादून: प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय के नोटिफिकेशन में हर किस्म की प्याज के निर्यात को पाबंदी के दायरे में लाया गया है. रोक लगने के बाद देहरादून निरंजनपुर मंडी के आढ़तियों ने इसका स्वागत किया है. आढ़तियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाया है. इस कदम से आगे चल कर प्याज के दाम स्थिर हो सकते हैं.
पिछले महीने से लगातार प्याज के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही थी. जिस कारण आम जनता को अपनी जेब से अतिरिक्त पैसे देने पड़ रहे थे. वर्तमान में प्याज के दाम मंडी में 30 रुपए किलो हैं. वहीं बाजारों में प्याज 40 से 50 रुपए किलो तक बिक रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद बाजार में शायद प्याज के दाम स्थिर हो जायें.
ये भी पढ़ें: रुलाने लगा था प्याज, सरकार ने रोका निर्यात
निरंजनपुर मंडी के आढ़ती अध्यक्ष जितेंद्र आनंद ने बताया कि सरकार ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है. प्याज की जिस तरह से बाजार में आपूर्ति में कमी नजर आ रही है, निर्यात बंद होने से आवक बढ़ेगी और कहीं न कहीं दामों में भी कमी आएगी. इसके अलावा मॉनसून की गतिविधियां असामान्य होने के कारण इस बार बिहार और मध्यप्रदेश में बारिश अभी तक चालू है. इस कारण प्याज के क्षेत्र में जो बुआई हुई थी वो खराब हो चुकी है. इस बार प्याज की फसल 20 से 25 दिन सामान्य समय से देरी से आएगी. इसी कारण बाजार में प्याज की कीमतों में तेजी आई है. अगर बाजार में सप्लाई सुचारू रूप से शुरू हो जाये तो यह स्थिति अनियंत्रित नहीं होगी. उम्मीद की जा सकती है कि बाजार में वर्तमान में चल रहे प्याज के भाव में कमी आएगी. नवंबर तक ही नया प्याज आने की उम्मीद जताई जा रही है.
पिछले साल प्याज की कीमतों ने छू लिया था आसमान
गौरतलब है कि पिछले साल इन्हीं दिनों में प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं. प्याज के फुटकर रेट 150 से 200 रुपए तक पहुंच गए थे. प्याज को लेकर विपक्षी दल हमलावर हुए थे तो इसकी कीमतों पर तरह-तरह के कार्टून तक बन गए थे. लोगों ने प्याज को लॉकर में दिखाने तक का व्यंग्य कर दिया था. हालत ये हो गई थी कि ईरान से प्याज मंगाना पड़ा था. पिछले साल की स्थिति से सबक लेकर केंद्र सरकार ने समय रहते प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है.