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प्रदेश भर के NHM कर्मचारियों का सचिवालय कूच, हरियाणा की तर्ज पर वेतन दिए जाने की मांग

एनएचएम कर्मचारियों ने हरियाणा की तर्ज पर वेतनमान दिए जाने को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सुनील भंडारी ने कहा है कि सरकार को एनएचएम कर्मियों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है. सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है.

protest of nhm employees
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Published : Nov 8, 2021, 4:54 PM IST

Updated : Nov 8, 2021, 7:40 PM IST

देहरादून: हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान दिए जाने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्यभर से आए एनएचएम कर्मचारियों ने सचिवालय कूच कर अपना विरोध जताया. इससे पहले प्रदेश भर से आए एनएचएम कर्मी देहरादून में जुटे और सचिवालय घेराव के लिए निकले. लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारी को सचिवालय से पहले ही रोक दिया.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सुनील भंडारी का कहना है कि सरकार को एनएचएम कर्मियों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है, क्योंकि 3 माह पूर्व अपनी 9 सूत्रीय मांगों को सरकार के समक्ष रखा था.

प्रदेश भर के NHM कर्मचारियों का सचिवालय कूच.

इस संबंध में उनकी मांगों को लेकर वार्ता भी हुई थी. वार्ता के दौरान एनएचएम कर्मियों को 1 माह के भीतर उनकी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. इसलिए उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है.

पढ़ें- हरदा और गोदियाल ने बीजेपी पर साधा निशाना, बोले- तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी

एनएचएम कर्मचारियों की सरकार से मांग है कि उन्हें भी हरियाणा की तरह वेतनमान मिलना चाहिए. एनएचएम में आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जा रही भर्तियों को तत्काल रोका जाए. साथ ही वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को जिला स्वास्थ समिति या राज्य के माध्यम से भर्ती किया जाए. एनएचएम कर्मचारियों ने आउटसोर्सिंग कर्मियों को एनएचएम में समायोजित किए जाने की भी मांग उठाई है.

देहरादून: हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान दिए जाने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्यभर से आए एनएचएम कर्मचारियों ने सचिवालय कूच कर अपना विरोध जताया. इससे पहले प्रदेश भर से आए एनएचएम कर्मी देहरादून में जुटे और सचिवालय घेराव के लिए निकले. लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारी को सचिवालय से पहले ही रोक दिया.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सुनील भंडारी का कहना है कि सरकार को एनएचएम कर्मियों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है, क्योंकि 3 माह पूर्व अपनी 9 सूत्रीय मांगों को सरकार के समक्ष रखा था.

प्रदेश भर के NHM कर्मचारियों का सचिवालय कूच.

इस संबंध में उनकी मांगों को लेकर वार्ता भी हुई थी. वार्ता के दौरान एनएचएम कर्मियों को 1 माह के भीतर उनकी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. इसलिए उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है.

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एनएचएम कर्मचारियों की सरकार से मांग है कि उन्हें भी हरियाणा की तरह वेतनमान मिलना चाहिए. एनएचएम में आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जा रही भर्तियों को तत्काल रोका जाए. साथ ही वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को जिला स्वास्थ समिति या राज्य के माध्यम से भर्ती किया जाए. एनएचएम कर्मचारियों ने आउटसोर्सिंग कर्मियों को एनएचएम में समायोजित किए जाने की भी मांग उठाई है.

Last Updated : Nov 8, 2021, 7:40 PM IST
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