देहरादूनः उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों ने हरियाणा की तर्ज पर वेतनमान की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई न होता देख अब एनएचएम कर्मियों का धैर्य जवाब देने लगा है. यही वजह है कि अब अपनी मांगों को मनवाने के लिए उन्हें सीएम आवास कूच करना पड़ रहा है. गुरुवार को भी एनएचएम कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.
दरअसल, अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत एनएचएम कर्मचारी गुरुवार को देहरादून परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए. जहां से पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री आवास कूच (nhm workers marched to cm residence) किया, लेकिन पुलिस ने एनएचएम कर्मियों को हाथी बड़कला में रोक दिया. रोके जाने से नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने की जिद पर अड़ गए.
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी का कहना है कि एनएचएम कर्मी लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर उनका कार्य बहिष्कार जारी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह हरियाणा ने साल 2018 में एनएचएम कर्मियों के लिए ग्रेड वेतनमान स्वीकृत किया है और यह वेतनमान वहां लागू भी है तो उत्तराखंड में भी उन्हें हरियाणा राज्य की तर्ज पर वेतनमान (nhm workers demand pay scale according to haryana) मिलना चाहिए.
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इसके अलावा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भंडारी ने एनएचएम (national health mission contract workers) के आउटसोर्स कर्मचारियों को एनएचएम में समायोजित किए जाने की भी मांग उठाई है. अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे एनएचएम कर्मियों ने कहा कि जब तक उनकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात नहीं होती है, तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.