ऋषिकेश: नेशनल हाईवे-58 से अतिक्रमण हटाने के लेकर सोमवार को ऋषिकेश नगर निगम के सभागार में एनएच, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई. बैठक में नेशनल हाईवे से अतिक्रमण कैसे हटाया जाए इसको लेकर चर्चा होनी थी, लेकिन व्यापारियों के हंगामे के कारण बैठक बेनतीजा निकली.
दरअसल, नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर रविवार को एनएच के अधिकारी ऋषिकेश में एनएच-58 से अतिक्रमण हटाने गए थे. इस दौरान अधिकारियों को स्थानीय व्यापारियों के विरोध का सामना करना पड़ा था. दोनों के बीच काफी गहमागहमी भी हो गई थी. मामला बढ़ता देख अधिकारी बिना कार्रवाई करे ही वहां से वापस लौट आए थे.
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इसके बाद सोमवार को एनएच के अधिकारियों ने व्यापारियों के साथ बैठक की. बैठक में पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान व्यापारियों ने कब्जे की भूमि व दुकानों के दस्तावेज अधिकारियों को दिखाए लेकिन एनएच के अधिकारियों ने व्यापारियों के दस्तावेजों को नकार दिया, जिससे व्यापारी भड़क गए. इसके बाद व्यापारियों ने काफी हंगामा किया. हंगामे के चलते बैठक कैंसिल कर दी गई. बैठक में व्यापारियों और अधिकारियों के बीच कोई सहमति नहीं बनी.
अतिक्रमण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाने वाले अनिल गुप्ता भी बैठक में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि चार हफ्ते के अंदर सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटा दिया जाए. लेकिन एनएच के अधिकारी जिस तरीके से यह बैठक कर रहे हैं इसका कोई औचित्य नहीं है. इसको लेकर वह न्यायालय में शिकायत करेंगे.
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राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह ने बताया कि इस संबंध में बैठक की गई थी. बैठक में अतिक्रमण को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा हुई. अब 26 दिसंबर से राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी अतिक्रमण के खिलाफ दोबार कार्रवाई करेंगे.