देहरादून: खनन विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत से खनन में की गई अनियमितताओं के आरोप के बाद एनजीटी (national green tribunal) ने गढ़वाल मंडल के दो खनन पट्टों पर रोक लगाई है. देहरादून विकास नगर क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे दो खनन पट्टों को लेकर एनजीटी ने रोक के आदेश जारी किए हैं. साथ ही एनजीटी ने इस मामले में सरकार से जवाब भी मांगा है.
मामले में प्रदेश के खनन सचिव डॉ पंकज कुमार पांडे (Mines Secretary Dr Pankaj Kumar Pandey) ने कहा इस मामले में विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की गई है. जिसमें विधि विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. डॉ पंकज कुमार पांडे ने कहा कोर्ट में इस मामले से संबंधित तथ्य रखे जाएंगे. इन दोनों खनन पट्टों से राज्य को बड़ा राजस्व मिलता है. ऐसे में राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. इसलिए देखा जाएगा कि आखिर पैरवी करने में कोई कमी हुई या फिर एनजीटी को इस मामले में विस्तृत जानकारी दी गई या नहीं, इन सब तथ्यों पर विस्तार से बात की जाएगी. जिसके बाद मामले में रणनीति तैयार की जाएगी.
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इस मामले में खनन निदेशक एसएल पैट्रिक का कहना है कि सचिव खनन की मौजूदगी में बैठक के बाद इसकी रणनीति तैयार की जा रही है. कोर्ट में सारे तथ्य रखे जाएंगे. खनन निदेशक एसएल पैट्रिक पर भी आरोप है कि उनके बेटे की पार्टनरशिप इस स्टोन क्रशर में है. इस बात को उन्होंने कैमरे पर भी स्वीकार किया है.