देहरादून: उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति को लेकर मंथन चल रहा है. इसके मद्देनजर स्कूली शिक्षा के लिए जहां टास्क फोर्स का गठन किया गया है तो वहीं, उच्च शिक्षा में 40 सदस्य कमेटी इसको बारीकी से समझकर प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है. हालांकि, विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निर्णय लेगी और उसके बाद भारत सरकार से नई शिक्षा नीति को लेकर इजाजत भी ली जाएगी.
मोदी सरकार द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उत्तराखंड सरकार बेहद गंभीरता और तेजी के साथ अध्ययन में जुटी है. उम्मीद की जा रही है कि उत्तराखंड शिक्षा नीति को अपनाने वाला देश के अग्रणीय राज्यों में शामिल रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्य सरकार ने काफी त्वरित रूप से एक्शन लेते हुए इस पर अध्ययन शुरू कर दिया है और नीति को अपनाने की दिशा में अहम कदम भी उठाए हैं.
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स्कूली शिक्षा के तहत इस डीपी के अध्यन के लिए टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है तो उच्च शिक्षा में 40 सदस्य कमेटी इसके पूर्ण रूप से अध्ययन में जुटी है. यहां तक की इस कमेटी ने शुरुआती रिपोर्ट भी विभाग को सौंप दी है. हालांकि विशेषज्ञ उत्तराखंड के हालात के लिहाज से इसमें कुछ बदलाव की भी गुंजाइश मान रहे हैं.
विशेषज्ञों की राय के बाद इस पर उत्तराखंड सरकार अंतिम मुहर लगाएगी और फिर केंद्र से मंजूरी के बाद ही इस नीति को अपनाया जा सकेगा. माना जा रहा है कि भाजपा शासित राज्य नई शिक्षा नीति को लेकर काफी तेजी से इसे अपनाने के लिए काम कर रहे हैं और इस दिशा में जल्द ही कोई अंतिम मुहर भी लग सकती है.