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ETV भारत पर उत्तराखंड के नवनियुक्त डीजीपी EXCLUSIVE, गिनाईं अपनी प्राथमिकताएं - उत्तराखंड के नए डीजीपी

ईटीवी भारत से खास बातचीत में नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार ने आधुनिक पुलिसिंग और पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही.

Newly appointed DGP
नवनियुक्त डीजीपी EXCLUSIVE
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Published : Nov 21, 2020, 2:33 PM IST

Updated : Nov 21, 2020, 4:36 PM IST

देहरादून: 30 नवंबर को आईपीएस अशोक कुमार उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक का पदभार ग्रहण करेंगे. DGP अनिल कुमार रतूड़ी आगामी 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. IPS अशोक कुमार को उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों (बीएसएफ और सीआरपीएफ) के साथ काम करने का अनुभव है.

उत्तराखंड के नवनियुक्त डीजीपी EXCLUSIVE.

मौजूदा डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी के सेवानिवृत्त होने के बाद उत्तराखंड पुलिस की कमान तेजतर्रार वरिष्ठ आईपीएस अशोक कुमार के हाथों में आ जाएगी. ऐसे में अपने 3 साल के डीजीपी कार्यकाल में कौन सी प्रमुख प्राथमिकता रहेगी इसको लेकर ईटीवी भारत ने नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार से खास बातचीत की है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में अशोक कुमार ने अपनी प्राथमिकता में पीड़ितों को न्याय दिलाना सर्वोपरि बताया है. इसके साथ ही उन्होंने आधुनिक पुलिसिंग और देवभूमि उत्तराखंड के धार्मिक भावनाओं को आगे रखकर राज्य में बेहतर कानून और सुरक्षा व्यवस्था बनाने की बात भी कही. आईपीएस अशोक कुमार ने उत्तर भारत से उत्तराखंड में पनाह लेने वाले अपराधियों पर नकेल कसने और उनके वर्चस्व को खत्म करने का दावा किया है.

ये भी पढ़ें: कर्तव्यनिष्ठा लाई सफलता के नजदीक, ऐसा रहा अशोक कुमार का DGP बनने तक का सफर

बेदाग छवि के लिए जाने जाते हैं अशोक कुमार

आईपीएस अशोक कुमार ने केंद्रीय सेवाएं देते हुए सीआरपीएफ और बीएसएफ में आईजी के पद पर बेहतरीन कार्य किया. केंद्र की प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्हें कई बार नक्सल चुनौती का भी सामना करना पड़ा. इसके बावजूद उन्होंने बीएसएफ में रहते हुए पंजाब फ्रंटियर पर भारत-पाकिस्तान सीमा में घुसपैठ को रोकने के साथ ही वृक्ष की तस्करी पर प्रतिबंध लगाने के लिए बेहतरीन कार्य किया.

हरियाणा के कुराना गांव में जन्मे अशोक कुमार

अशोक कुमार का जन्म और पालन पोषण हरियाणा के जनपद पानीपत के एक छोटे से गांव कुराना में हुआ है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल से प्राप्त की. हालांकि वे अपने स्कूल के होनहार छात्रों में गिने जाते थे. जिसके चलते परिजनों ने उनकी शिक्षा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. 1986 में बीटेक और 1988 में आईआईटी दिल्ली से उन्होंने एमटेक किया. लेकिन IIT को अपना मकसद ना मानते हुए उन्होंने जनमानस की सेवा के दृष्टिगत वर्ष 1989 में भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन करते हुए पास आउट किया.

देहरादून: 30 नवंबर को आईपीएस अशोक कुमार उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक का पदभार ग्रहण करेंगे. DGP अनिल कुमार रतूड़ी आगामी 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. IPS अशोक कुमार को उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों (बीएसएफ और सीआरपीएफ) के साथ काम करने का अनुभव है.

उत्तराखंड के नवनियुक्त डीजीपी EXCLUSIVE.

मौजूदा डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी के सेवानिवृत्त होने के बाद उत्तराखंड पुलिस की कमान तेजतर्रार वरिष्ठ आईपीएस अशोक कुमार के हाथों में आ जाएगी. ऐसे में अपने 3 साल के डीजीपी कार्यकाल में कौन सी प्रमुख प्राथमिकता रहेगी इसको लेकर ईटीवी भारत ने नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार से खास बातचीत की है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में अशोक कुमार ने अपनी प्राथमिकता में पीड़ितों को न्याय दिलाना सर्वोपरि बताया है. इसके साथ ही उन्होंने आधुनिक पुलिसिंग और देवभूमि उत्तराखंड के धार्मिक भावनाओं को आगे रखकर राज्य में बेहतर कानून और सुरक्षा व्यवस्था बनाने की बात भी कही. आईपीएस अशोक कुमार ने उत्तर भारत से उत्तराखंड में पनाह लेने वाले अपराधियों पर नकेल कसने और उनके वर्चस्व को खत्म करने का दावा किया है.

ये भी पढ़ें: कर्तव्यनिष्ठा लाई सफलता के नजदीक, ऐसा रहा अशोक कुमार का DGP बनने तक का सफर

बेदाग छवि के लिए जाने जाते हैं अशोक कुमार

आईपीएस अशोक कुमार ने केंद्रीय सेवाएं देते हुए सीआरपीएफ और बीएसएफ में आईजी के पद पर बेहतरीन कार्य किया. केंद्र की प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्हें कई बार नक्सल चुनौती का भी सामना करना पड़ा. इसके बावजूद उन्होंने बीएसएफ में रहते हुए पंजाब फ्रंटियर पर भारत-पाकिस्तान सीमा में घुसपैठ को रोकने के साथ ही वृक्ष की तस्करी पर प्रतिबंध लगाने के लिए बेहतरीन कार्य किया.

हरियाणा के कुराना गांव में जन्मे अशोक कुमार

अशोक कुमार का जन्म और पालन पोषण हरियाणा के जनपद पानीपत के एक छोटे से गांव कुराना में हुआ है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल से प्राप्त की. हालांकि वे अपने स्कूल के होनहार छात्रों में गिने जाते थे. जिसके चलते परिजनों ने उनकी शिक्षा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. 1986 में बीटेक और 1988 में आईआईटी दिल्ली से उन्होंने एमटेक किया. लेकिन IIT को अपना मकसद ना मानते हुए उन्होंने जनमानस की सेवा के दृष्टिगत वर्ष 1989 में भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन करते हुए पास आउट किया.

Last Updated : Nov 21, 2020, 4:36 PM IST
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