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विश्व पर्यटन दिवस: पर्यटकों के लिए उत्तराखंड में विकसित किए जाएंगे नए आध्यात्मिक पर्यटन स्थल, यह है तैयारी - dehradun news

पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के लिए पर्यटन आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण जरिया है. यहीं कारण है कि सरकार प्रदेश में नए पर्यटक स्थल विकसित करने के कार्य मे जुटी हुई है.

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Published : Sep 27, 2020, 2:16 PM IST

देहरादून: पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के लिए पर्यटन आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण जरिया है. यहीं कारण है कि सरकार प्रदेश में नए पर्यटक स्थल विकसित करने के कार्य मे जुटी हुई है. जिसमें विशेषकर नए आध्यात्मिक पर्यटक स्थल यानी आध्यात्मिक पर्यटक सर्किट शामिल हैं.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज.

गौरतलब है कि, प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटक सर्किट विकसित किए जाने से न सिर्फ प्रदेश सरकार को बेहतर राजस्व प्राप्त हो सकेगा. बल्कि इससे स्थानीय निवासियों को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे. सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सरकार आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट विकसित करने के साथ ही प्रदेश के पहाड़ी व्यंजनों को एक अलग पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट विकसित करने के तहत प्रदेश में माता भगवती सर्किट, भगवान शिव और भगवान विष्णु सर्किट और नाव ग्रह सर्किट तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही रामायण, महाभारत और माता सीता सर्किट भी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट को विकसित करने से प्रदेश का रुख करने वाले पर्यटकों को यह बेहतर तरह से समझ आ सकेगा कि आखिर उत्तराखंड को वास्तव में देवभूमि क्यों कहा जाता है.

क्या है आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट?

बता दें कि, आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट के तहत प्रदेश के अलग-अलग पहाड़ी और मैदानी जनपदों में मौजूद धार्मिक स्थलों को समूह बनाकर विकसित किया जाएगा. जिनका वेद पुराणों में जिक्र है. उदाहरण के तौर पर बात करें तो महाभारत सर्किट में उन धार्मिक स्थलों को विकसित किया जाएगा, जहां पर पांडव ठहरे थे. इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया है. वहीं दूसरी तरफ बात माता सीता सर्किट की करें तो पौड़ी जिले के फलस्वाड़ी गांव में माता सीता मंदिर है. मान्यता है कि इसी स्थान पर माता सीता ने भू समाधि ली थी. ऐसे में अब सरकार इस मंदिर को भव्य स्वरूप देने की तैयारी में है. जिसके लिए सरकार ने ट्रस्ट का भी गठन कर दिया है.

पढ़ें: मसूरी: जल्द शुरू होगा पुरूकुल रोपवे का निर्माण कार्य, पर्यटन सचिव ने किया शिफन कोर्ट का निरीक्षण

वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार 13 जिले और 13 नए पर्यटक स्थल योजना पर भी कार्य कर रही है. इसके तहत प्रदेश के सभी 13 जनपदों में नए पर्यटक स्थल विकसित किए जा रहे हैं. जिससे लिए सरकार ने अलग-अलग जनपदों में विकसित किए जा रहे नए पर्यटक स्थलों की थीम भी निर्धारित कर ली है.

पढें: उत्तराखंड का मानसरोवर है भराड़सर ताल, यहां प्रकृति ने बिखेरी है अनमोल छटा

उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों में यहां विकसित किए जाएंगे नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन -

जिला टूरिस्ट डेस्टिनेशन थीम

1. देहरादून चकराता हेरीटेज टूरिज्म, महाभारत सर्किट.

2-पौड़ी खिरसू, फलस्वाड़ी वाइल्ड लाइफ, सीता सर्किट.
3- रुद्रप्रयाग चोपता इको टूरिज्म.
4-उत्तरकाशी चिलयानिसौड़ ऑल पर्पज.
5-चमोली गैरसैंण, औली विंटर स्पोर्ट्स.
6-हरिद्वार शक्तिपीठ,पिरान क्लियर धार्मिक पर्यटन.
7-चंपावत लोहाघाट हिल स्टेशन.
8-नैनीताल मुक्तेश्वर लेजर टूरिज्म.
9-उधमसिंग नगर पराग फार्म एम्यूजमेंट पार्क.
10-टिहरी टिहरी झील वाटर स्पोर्ट्स.
11-बागेश्वर कौसानी टी गार्डन.
12-अल्मोड़ा कटारमल,कसार देवी मेडिटेशन.
13-पिथौरागढ़ चौकोड़ी, मुनस्यारी लेजर टूरिज्म.

देहरादून: पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के लिए पर्यटन आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण जरिया है. यहीं कारण है कि सरकार प्रदेश में नए पर्यटक स्थल विकसित करने के कार्य मे जुटी हुई है. जिसमें विशेषकर नए आध्यात्मिक पर्यटक स्थल यानी आध्यात्मिक पर्यटक सर्किट शामिल हैं.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज.

गौरतलब है कि, प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटक सर्किट विकसित किए जाने से न सिर्फ प्रदेश सरकार को बेहतर राजस्व प्राप्त हो सकेगा. बल्कि इससे स्थानीय निवासियों को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे. सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सरकार आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट विकसित करने के साथ ही प्रदेश के पहाड़ी व्यंजनों को एक अलग पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट विकसित करने के तहत प्रदेश में माता भगवती सर्किट, भगवान शिव और भगवान विष्णु सर्किट और नाव ग्रह सर्किट तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही रामायण, महाभारत और माता सीता सर्किट भी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट को विकसित करने से प्रदेश का रुख करने वाले पर्यटकों को यह बेहतर तरह से समझ आ सकेगा कि आखिर उत्तराखंड को वास्तव में देवभूमि क्यों कहा जाता है.

क्या है आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट?

बता दें कि, आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट के तहत प्रदेश के अलग-अलग पहाड़ी और मैदानी जनपदों में मौजूद धार्मिक स्थलों को समूह बनाकर विकसित किया जाएगा. जिनका वेद पुराणों में जिक्र है. उदाहरण के तौर पर बात करें तो महाभारत सर्किट में उन धार्मिक स्थलों को विकसित किया जाएगा, जहां पर पांडव ठहरे थे. इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया है. वहीं दूसरी तरफ बात माता सीता सर्किट की करें तो पौड़ी जिले के फलस्वाड़ी गांव में माता सीता मंदिर है. मान्यता है कि इसी स्थान पर माता सीता ने भू समाधि ली थी. ऐसे में अब सरकार इस मंदिर को भव्य स्वरूप देने की तैयारी में है. जिसके लिए सरकार ने ट्रस्ट का भी गठन कर दिया है.

पढ़ें: मसूरी: जल्द शुरू होगा पुरूकुल रोपवे का निर्माण कार्य, पर्यटन सचिव ने किया शिफन कोर्ट का निरीक्षण

वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार 13 जिले और 13 नए पर्यटक स्थल योजना पर भी कार्य कर रही है. इसके तहत प्रदेश के सभी 13 जनपदों में नए पर्यटक स्थल विकसित किए जा रहे हैं. जिससे लिए सरकार ने अलग-अलग जनपदों में विकसित किए जा रहे नए पर्यटक स्थलों की थीम भी निर्धारित कर ली है.

पढें: उत्तराखंड का मानसरोवर है भराड़सर ताल, यहां प्रकृति ने बिखेरी है अनमोल छटा

उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों में यहां विकसित किए जाएंगे नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन -

जिला टूरिस्ट डेस्टिनेशन थीम

1. देहरादून चकराता हेरीटेज टूरिज्म, महाभारत सर्किट.

2-पौड़ी खिरसू, फलस्वाड़ी वाइल्ड लाइफ, सीता सर्किट.
3- रुद्रप्रयाग चोपता इको टूरिज्म.
4-उत्तरकाशी चिलयानिसौड़ ऑल पर्पज.
5-चमोली गैरसैंण, औली विंटर स्पोर्ट्स.
6-हरिद्वार शक्तिपीठ,पिरान क्लियर धार्मिक पर्यटन.
7-चंपावत लोहाघाट हिल स्टेशन.
8-नैनीताल मुक्तेश्वर लेजर टूरिज्म.
9-उधमसिंग नगर पराग फार्म एम्यूजमेंट पार्क.
10-टिहरी टिहरी झील वाटर स्पोर्ट्स.
11-बागेश्वर कौसानी टी गार्डन.
12-अल्मोड़ा कटारमल,कसार देवी मेडिटेशन.
13-पिथौरागढ़ चौकोड़ी, मुनस्यारी लेजर टूरिज्म.

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