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सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वालों के लिए अच्छी खबर, अब नहीं होगी दवाइयों की कमी

हाल ही में उत्तराखंड कैबिनेट ने नई क्रय नीति पर मुहर लगाई थी. जिस पर शासनादेश होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग में क्रय नीति लागू हो गई है. इससे पहले साल 2015 की क्रय नीति में दवाइयों की खरीद को लेकर खासी दिक्कतें सामने आ रही थीं.

स्वास्थ्य विभाग
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Published : Oct 7, 2019, 7:13 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 9:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में नई क्रय नीति लागू कर दी गई है. नई नीति के तहत दवाई और उपकरणों की खरीद को लेकर उन सभी तकनीकी दिक्कतों को दूर किया गया है, जिसके कारण प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी से मरीजों को जूझना पड़ रहा था.

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की खरीद को लेकर नई क्रय नीति लागू हो गयी है. नई नीति लागू होने के बाद अब सरकारी अस्पतालों में दवाओं की अकसर आने वाली कमियों को दूर किया जा सकेगा.

पढ़ें- यहां शफीक के बनाए रावण दहन करते हैं राम, 55 सालों से परिवार दे रहा भाईचारे का संदेश

बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड कैबिनेट ने नई क्रय नीति पर मुहर लगाई थी. जिस पर शासनादेश होने के बाद अब महकमे में क्रय नीति लागू हो गई है. इससे पहले साल 2015 की क्रय नीति में दवाइयों की खरीद को लेकर खासी दिक्कतें सामने आ रही थी. इसमें दवाई खत्म होने के बाद टेंडर प्रक्रिया में होने वाली देरी के दौरान सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी मरीजों के लिए परेशानी बन रही थी, लेकिन अब नई पॉलिसी आने के बाद मूल्य को लेकर निजी कंपनियों से अनुबंध किया जाएगा और उसी के आधार पर दवाइयां खरीदी जाएंगी.

सरकारी अस्पतालों में नहीं होगी दवाइयों की कमी

इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा किराए के लिए कंपनियों के साथ हुए अनुबंध का समय 2 साल तक रहेगा और बंद हुए मूल्य पर इन 2 सालों में दवाएं खरीदी जाएंगी. ऐसी स्थिति में दवाई खत्म होने के बाद तत्काल सरकारी अस्पतालों में इसकी आपूर्ति हो पाएगी. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया कि नई पॉलिसी को लेकर आदेश आ चुके हैं और अब इस पर काम किया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में नई क्रय नीति लागू कर दी गई है. नई नीति के तहत दवाई और उपकरणों की खरीद को लेकर उन सभी तकनीकी दिक्कतों को दूर किया गया है, जिसके कारण प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी से मरीजों को जूझना पड़ रहा था.

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की खरीद को लेकर नई क्रय नीति लागू हो गयी है. नई नीति लागू होने के बाद अब सरकारी अस्पतालों में दवाओं की अकसर आने वाली कमियों को दूर किया जा सकेगा.

पढ़ें- यहां शफीक के बनाए रावण दहन करते हैं राम, 55 सालों से परिवार दे रहा भाईचारे का संदेश

बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड कैबिनेट ने नई क्रय नीति पर मुहर लगाई थी. जिस पर शासनादेश होने के बाद अब महकमे में क्रय नीति लागू हो गई है. इससे पहले साल 2015 की क्रय नीति में दवाइयों की खरीद को लेकर खासी दिक्कतें सामने आ रही थी. इसमें दवाई खत्म होने के बाद टेंडर प्रक्रिया में होने वाली देरी के दौरान सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी मरीजों के लिए परेशानी बन रही थी, लेकिन अब नई पॉलिसी आने के बाद मूल्य को लेकर निजी कंपनियों से अनुबंध किया जाएगा और उसी के आधार पर दवाइयां खरीदी जाएंगी.

सरकारी अस्पतालों में नहीं होगी दवाइयों की कमी

इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा किराए के लिए कंपनियों के साथ हुए अनुबंध का समय 2 साल तक रहेगा और बंद हुए मूल्य पर इन 2 सालों में दवाएं खरीदी जाएंगी. ऐसी स्थिति में दवाई खत्म होने के बाद तत्काल सरकारी अस्पतालों में इसकी आपूर्ति हो पाएगी. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया कि नई पॉलिसी को लेकर आदेश आ चुके हैं और अब इस पर काम किया जाएगा.

Intro:summary- उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में नई क्रय नीति लागू कर दी गई है... नीति के तहत दबाव और उपकरणों की खरीद को लेकर उन सभी तकनीकी दिक्कतों को दूर किया गया है जिसके कारण प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी से मरीजों को जूझना पड़ रहा था....


Body:प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की खरीद को लेकर नई क्रय नीति लागू हो गयी है... नई नीति लागू होने के बाद अब सरकारी अस्पतालों में दवाओं की अक्सर आने वाली कमियों को दूर किया जा सकेगा... आपको बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड कैबिनेट ने नई गृह नीति पर मुहर लगाई थी... जिस पर शासनादेश होने के बाद अब महकमे में क्रे पॉलिसी लागू हो गई है... इससे पहले साल 2015 की क्रय नीति में दवाओं की खरीद को लेकर खासी दिक्कतें सामने आ रही थी... इसमें दवाई खत्म होने के बाद टेंडर प्रक्रिया में होने वाली देरी के दौरान सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी आना मरीजों के लिए परेशानी बन रहा था.... लेकिन अब दही पॉलिसी आने के बाद मूल्य को लेकर निजी कंपनियों से अनुबंध किया जाएगा और उसी के आधार पर दवाइयां खरीदी जाएगी.... इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा किराए के लिए कंपनियों के साथ हुए अनुबंध का समय 2 साल तक रहेगा और और बंद हुए मूल्य पर इन 2 सालों में दवाएं खरीदी जाएगी... ऐसी स्थिति में दवाई खत्म होने के बाद तत्काल सरकारी अस्पतालों में इसकी आपूर्ति हो पाएगी.... स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती ने बताया कि नई पॉलिसी को लेकर आदेश आ चुके हैं और अब इस पर काम किया जाएगा....


Conclusion:
Last Updated : Oct 7, 2019, 9:11 PM IST
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