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Joshimath Crisis: आगामी कैबिनेट में आएगी नई विस्थापन नीति, आपदा पीड़ितों को मिलेंगे कई सवालों के जवाब - uttarakhand cabinet meeting

सरकार जोशीमठ आपदा पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर लगातार कार्य कर रही है. जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा सके. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि अध्ययन की रिपोर्ट आ चुकी है, जिसको लेकर आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा.

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Published : Feb 14, 2023, 7:57 AM IST

देहरादून: 15 फरवरी को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में जोशीमठ आपदा पीड़ितों के लिए सरकार नई विस्थापन नीति लेकर आ रही है. वहीं एनडीएमए की बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर निर्णायक बातचीत हुई है.

जोशीमठ में पिछले 1 महीने से भी ज्यादा समय से केंद्र और राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां भू धंसाव के कारणों का पता लगाने और इसके उपचार को लेकर संयुक्त रूप से इन्वेस्टिगेशन कर रही थी. तकरीबन सभी तकनीकी एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी NDMA को सौंप दी हैं. वहीं अब एनडीएमए को इन सभी रिपोर्ट का अध्ययन कर जोशीमठ को लेकर के आगे की रणनीति को तय करनी है. पिछली दो बैठकों में NDMA के अधिकारियों ने जोशीमठ में इन्वेस्टिगेशन करने वाली तमाम तकनीकी एजेंसियों के साथ गंभीर चर्चाएं की और लगातार शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. NDMA द्वारा एक निचोड़ पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि जोशीमठ शहर के भविष्य को लेकर एक मजबूत रणनीति तैयार की जा सके.
पढ़ें-Joshimath Crisis: वो पांच कारण जिनकी वजह से धंस रहा जोशीमठ, NIT ने स्टडी रिपोर्ट में किया जिक्र

वहीं दूसरी तरफ जोशीमठ में भू धंसाव की वजह से बेघर हुए लोगों को किस तरह से रिहैबिलिटेट किया जाना है और विस्थापन-पुनर्वास की क्या रणनीति होगी इसका भी जल्द जवाब मिलेगा. जोशीमठ में कैसे और किन मानकों पर विस्थापन किया जाएगा, इसको लेकर आगामी कैबिनेट बैठक में एक मजबूत ड्राफ्ट पेश किया जाएगा. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी एनडीएमए के साथ दो दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. जिसमें तमाम तकनीकी एजेंसियों के साथ-साथ उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग और केंद्र सरकार के कई बड़े अधिकारियों के साथ चर्चा हुई है. जिसमें इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के अध्ययन को लेकर के लगातार एक निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
पढ़ें-Future Energy Gas Hydrate: भारत में है गैस हाइड्रेट का भंडार, बनेगा भविष्य का मुख्य ईंधन!

जल्द ही इसे राज्य सरकार के समक्ष भी पेश किया जाएगा. इसके अलावा नई विस्थापन नीति का भी ड्राफ्ट तैयार किया गया है, जिसे कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा गया है. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में बेघर हुए लोगों के विस्थापन और पुनर्वास को केंद्र में रखते हुए नई विस्थापन नीति सरकार द्वारा लाई जा रही है जोकि आगामी कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडल के सम्मुख रखी जाएगी. उसके बाद जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास को लेकर काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा. वहीं केंद्र से मांगे जाने वाले राहत पैकेज को लेकर के भी तस्वीर साफ हो जाएगी.

देहरादून: 15 फरवरी को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में जोशीमठ आपदा पीड़ितों के लिए सरकार नई विस्थापन नीति लेकर आ रही है. वहीं एनडीएमए की बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर निर्णायक बातचीत हुई है.

जोशीमठ में पिछले 1 महीने से भी ज्यादा समय से केंद्र और राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां भू धंसाव के कारणों का पता लगाने और इसके उपचार को लेकर संयुक्त रूप से इन्वेस्टिगेशन कर रही थी. तकरीबन सभी तकनीकी एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी NDMA को सौंप दी हैं. वहीं अब एनडीएमए को इन सभी रिपोर्ट का अध्ययन कर जोशीमठ को लेकर के आगे की रणनीति को तय करनी है. पिछली दो बैठकों में NDMA के अधिकारियों ने जोशीमठ में इन्वेस्टिगेशन करने वाली तमाम तकनीकी एजेंसियों के साथ गंभीर चर्चाएं की और लगातार शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. NDMA द्वारा एक निचोड़ पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि जोशीमठ शहर के भविष्य को लेकर एक मजबूत रणनीति तैयार की जा सके.
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वहीं दूसरी तरफ जोशीमठ में भू धंसाव की वजह से बेघर हुए लोगों को किस तरह से रिहैबिलिटेट किया जाना है और विस्थापन-पुनर्वास की क्या रणनीति होगी इसका भी जल्द जवाब मिलेगा. जोशीमठ में कैसे और किन मानकों पर विस्थापन किया जाएगा, इसको लेकर आगामी कैबिनेट बैठक में एक मजबूत ड्राफ्ट पेश किया जाएगा. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी एनडीएमए के साथ दो दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. जिसमें तमाम तकनीकी एजेंसियों के साथ-साथ उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग और केंद्र सरकार के कई बड़े अधिकारियों के साथ चर्चा हुई है. जिसमें इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के अध्ययन को लेकर के लगातार एक निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
पढ़ें-Future Energy Gas Hydrate: भारत में है गैस हाइड्रेट का भंडार, बनेगा भविष्य का मुख्य ईंधन!

जल्द ही इसे राज्य सरकार के समक्ष भी पेश किया जाएगा. इसके अलावा नई विस्थापन नीति का भी ड्राफ्ट तैयार किया गया है, जिसे कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा गया है. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में बेघर हुए लोगों के विस्थापन और पुनर्वास को केंद्र में रखते हुए नई विस्थापन नीति सरकार द्वारा लाई जा रही है जोकि आगामी कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडल के सम्मुख रखी जाएगी. उसके बाद जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास को लेकर काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा. वहीं केंद्र से मांगे जाने वाले राहत पैकेज को लेकर के भी तस्वीर साफ हो जाएगी.

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