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क्या पौड़ी जिले से ही मिल सकता है नया मुख्यमंत्री!, इसी जिले से हैं सबसे ज्यादा दावेदार

उत्तराखंड में नई सरकार के गठन से पहले सीएम फेस की तलाश जारी है. उत्तराखंड के सीएम पद के दावेदार नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है. अगर पुष्कर धामी के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो एक बार फिर पौड़ी जिले से प्रदेश को मुख्यमंत्री मिल सकता है. सीएम पद के सबसे ज्यादा दावेदार पौड़ी जनपद से ताल्लुक रखते हैं.

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उत्तराखंड
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Published : Mar 20, 2022, 2:17 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में एक दर्जन से ज्यादा भाजपा के नेता इन दिनों मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. सपने को साकार करने के लिए दिल्ली दौड़ भी पार्टी के नेताओं की तरफ से की जा रही है. लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि अगर पुष्कर धामी के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो एक बार फिर पौड़ी जिले से प्रदेश को मुख्यमंत्री मिल सकता है. वैसे दिलचस्प बात यह है कि राज्य में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री के दावेदार पौड़ी जनपद से ही हैं.

उत्तराखंड में अब तक सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री देने वाला पौड़ी जिला एक बार फिर चर्चाओं में है. दरअसल, इन दिनों दिल्ली में भाजपा हाईकमान उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की तलाश में जुटा हुआ है. इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा चेहरे दिल्ली में पहुंचकर अपने नाम के लिए लॉबिंग भी कर रहे हैं. लेकिन इसमें सबसे ज्यादा दावेदार पौड़ी जनपद से ही हैं. वैसे तो कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही दोबारा मौका दिए जाने की खबर सामने आ रही है. यदि धामी को मौका नहीं मिलता है तो सबसे ज्यादा संभावना है इसी बात की है कि मुख्यमंत्री पौड़ी जनपद से ही बनाया जा सकता है.

ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री की रेस में शामिल बड़े चेहरों में सबसे ज्यादा राजनेता पौड़ी से ही ताल्लुक रखते हैं. अब जानिए कौन से हैं वो चेहरे जिनके नाम की चर्चा है और वो पौड़ी से ताल्लुख रखते हैं.

अनिल बलूनी: अनिल बलूनी, जिनका नाम इन दिनों मुख्यमंत्री की रेस में शामिल है. बलूनी यूं तो भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता है और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का बड़ा चेहरा हैं. लेकिन वह पौड़ी के कोटद्वार से ताल्लुक रखते हैं. खास बात यह है कि अनिल बलूनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी मानें जाते हैं.
पढ़ें- सीएम चेहरे को लेकर जल्द साफ हो सकती है तस्वीर, अमित शाह के आवास पर हुई चर्चा

धन सिंह रावत: धन सिंह रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और उन्हें भी दिल्ली का करीबी माना जाता है. फिलहाल, वह श्रीनगर विधानसभा सीट से विधायक बने हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को हराया है. इस तरह विधायकों में सबसे प्रबल दावेदार के रूप में धन सिंह रावत का ही नाम है.

डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक: डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जो कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और केंद्र में शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. दिल्ली में निशंक की अच्छी पकड़ है. अभी वह लगातार मुख्यमंत्री बनने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. रमेश पोखरियाल निशंक भी पौड़ी जिले से ही ताल्लुक रखते हैं. हालांकि, उन्होंने इस बार हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर सांसद बनने में कामयाबी हासिल की थी.

त्रिवेंद्र सिंह रावत: त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और संघ में अच्छी पकड़ रखते हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इन दिनों लॉबिंग जुटे हुए हैं. लगातार पार्टी के नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत यूं तो देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन मूल रूप से त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी जिले के ही रहने वाले हैं.

रितु खंडूड़ी: एक नाम रितु खंडूड़ी का भी है. जो पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी हैं. इस बार कोटद्वार विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेंद्र सिंह नेगी को हराने में भी कामयाब रही हैं. रितु खंडूड़ी का नाम भी इन दिनों काफी तेजी से चल रहा है और कहा जा रहा है कि खंडूड़ी को महिला होने के नाते प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.

सतपाल महाराज: सतपाल महाराज जो कि मुख्यमंत्री की रेस में बने हुए हैं और संघ की पसंद भी है. महाराज वैसे तो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं. बस यही एक कमजोरी है, जिस कारण वह मुख्यमंत्री की रेस में पिछड़ रहे हैं. लेकिन फिर भी सतपाल महाराज को लेकर दिल्ली में लॉबिंग जारी है.

दिलीप रावत: दिलीप रावत जो कि लैंसडाउन विधानसभा से विधायक हैं. उन्होंने इस बार हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं को हराया है. वैसे तो इनका नाम मुख्यमंत्री की रेस में कम ही सुनाई दिया है, लेकिन संत समाज की पसंद दिलीप रावत भी एक अप्रत्याशित चेहरे के रूप में सामने आ सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में एक दर्जन से ज्यादा भाजपा के नेता इन दिनों मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. सपने को साकार करने के लिए दिल्ली दौड़ भी पार्टी के नेताओं की तरफ से की जा रही है. लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि अगर पुष्कर धामी के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो एक बार फिर पौड़ी जिले से प्रदेश को मुख्यमंत्री मिल सकता है. वैसे दिलचस्प बात यह है कि राज्य में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री के दावेदार पौड़ी जनपद से ही हैं.

उत्तराखंड में अब तक सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री देने वाला पौड़ी जिला एक बार फिर चर्चाओं में है. दरअसल, इन दिनों दिल्ली में भाजपा हाईकमान उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की तलाश में जुटा हुआ है. इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा चेहरे दिल्ली में पहुंचकर अपने नाम के लिए लॉबिंग भी कर रहे हैं. लेकिन इसमें सबसे ज्यादा दावेदार पौड़ी जनपद से ही हैं. वैसे तो कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही दोबारा मौका दिए जाने की खबर सामने आ रही है. यदि धामी को मौका नहीं मिलता है तो सबसे ज्यादा संभावना है इसी बात की है कि मुख्यमंत्री पौड़ी जनपद से ही बनाया जा सकता है.

ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री की रेस में शामिल बड़े चेहरों में सबसे ज्यादा राजनेता पौड़ी से ही ताल्लुक रखते हैं. अब जानिए कौन से हैं वो चेहरे जिनके नाम की चर्चा है और वो पौड़ी से ताल्लुख रखते हैं.

अनिल बलूनी: अनिल बलूनी, जिनका नाम इन दिनों मुख्यमंत्री की रेस में शामिल है. बलूनी यूं तो भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता है और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का बड़ा चेहरा हैं. लेकिन वह पौड़ी के कोटद्वार से ताल्लुक रखते हैं. खास बात यह है कि अनिल बलूनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी मानें जाते हैं.
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धन सिंह रावत: धन सिंह रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और उन्हें भी दिल्ली का करीबी माना जाता है. फिलहाल, वह श्रीनगर विधानसभा सीट से विधायक बने हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को हराया है. इस तरह विधायकों में सबसे प्रबल दावेदार के रूप में धन सिंह रावत का ही नाम है.

डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक: डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जो कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और केंद्र में शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. दिल्ली में निशंक की अच्छी पकड़ है. अभी वह लगातार मुख्यमंत्री बनने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. रमेश पोखरियाल निशंक भी पौड़ी जिले से ही ताल्लुक रखते हैं. हालांकि, उन्होंने इस बार हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर सांसद बनने में कामयाबी हासिल की थी.

त्रिवेंद्र सिंह रावत: त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और संघ में अच्छी पकड़ रखते हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इन दिनों लॉबिंग जुटे हुए हैं. लगातार पार्टी के नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत यूं तो देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन मूल रूप से त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी जिले के ही रहने वाले हैं.

रितु खंडूड़ी: एक नाम रितु खंडूड़ी का भी है. जो पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी हैं. इस बार कोटद्वार विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेंद्र सिंह नेगी को हराने में भी कामयाब रही हैं. रितु खंडूड़ी का नाम भी इन दिनों काफी तेजी से चल रहा है और कहा जा रहा है कि खंडूड़ी को महिला होने के नाते प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.

सतपाल महाराज: सतपाल महाराज जो कि मुख्यमंत्री की रेस में बने हुए हैं और संघ की पसंद भी है. महाराज वैसे तो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं. बस यही एक कमजोरी है, जिस कारण वह मुख्यमंत्री की रेस में पिछड़ रहे हैं. लेकिन फिर भी सतपाल महाराज को लेकर दिल्ली में लॉबिंग जारी है.

दिलीप रावत: दिलीप रावत जो कि लैंसडाउन विधानसभा से विधायक हैं. उन्होंने इस बार हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं को हराया है. वैसे तो इनका नाम मुख्यमंत्री की रेस में कम ही सुनाई दिया है, लेकिन संत समाज की पसंद दिलीप रावत भी एक अप्रत्याशित चेहरे के रूप में सामने आ सकते हैं.

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