देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में वायरस से लड़ने में मददगार नीम और गिलोय को लेकर अभियान शुरू किया है. वहीं, नीम शक्ति अभियान के नाम से शुरू किए गए इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय अब प्रदेश भर के तमाम विश्वविद्यालयों को जोड़ने का प्रयास भी कर रहा है.
बुधवार को देहरादून स्थित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने विभिन्न बीमारियों में आयुर्वेदिक दवाइयों के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले नीम और गिलोय को लेकर अभियान शुरू किया है. इसके तहत विश्वविद्यालय ने प्रदेश में एक लाख से ज्यादा गिलोय और नीम के पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
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इस अभियान के तहत विश्वविद्यालय में एक वृक्ष, एक छात्र का नारा देकर सभी छात्रों को एक नीम का वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया है. साथ ही विश्वविद्यालय कैंपस में रहने के दौरान उस वृक्ष की देखरेख की जिम्मेदारी भी छात्र को ही दी गई है.
बता दें कि नीम का प्रयोग आयुर्वेद में डेंगू, मलेरिया, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए किया जाता है. वहीं, गिलोय को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोगी माना जाता है. वहीं, इनका उपयोग कोरोना के दौरान भी बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं. खास बात यह है कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय अब प्रदेश की तमाम दूसरे विश्वविद्यालयों से भी बातचीत कर रहा है ताकि उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों में नीम शक्ति अभियान को आगे बढ़ाया जा सके.