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राष्ट्रीय आरोग्य मेले का बुधवार से होगा आगाज, आयुर्वेद-होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की मिलेगी जानकारी - आयुष मंत्री हरक सिंह रावत

देहरादून में 12 फरवरी से 16 फरवरी तक राष्ट्रीय आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें आयुर्वेद-होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की जानकारी दी जाएगी.

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राष्ट्रीय आरोग्य मेला
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Published : Feb 11, 2020, 11:24 PM IST

देहरादूनः परेड ग्राउंड में पांच दिवसीय राष्ट्रीय आरोग्य मेले का आयोजन होने जा रहा है. यह मेला 12 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा. जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर आमजन को स्वस्थ रहने और बीमारियों के इलाज से संबंधित निशुल्क परामर्श देंगे. साथ ही मेले में प्राचीन चिकित्सा पद्धति के इस्तेमाल की जानकारी और इसके लाभ को लेकर चर्चा भी की जाएगी.

राष्ट्रीय आरोग्य मेले की जानकारी देते आयुष मंत्री हरक सिंह रावत.

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से हर साल आरोग्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार इस आरोग्य मेले की मेजबानी का मौका उत्तराखंड को मिला है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की धरती आयुर्वेदिक के जनक चरक ऋषि की धरती है. चरक संहिता के बिना आयुर्वेद की कल्पना नहीं की जा सकती है.

ये भी पढ़ेंः चमोली में शहरी आजीविका केंद्र शुरू, DM ने महिलाओं के साथ दरी पर बैठकर सुनी समस्याएं

इस पांच दिवसीय आरोग्य मेले में आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति पर आयुष मंत्रालय और प्रदेश सरकार की ओर से कई स्टॉल भी लगाए जाएंगे. जिसमें प्रदेश के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और निजी कॉलेज भी प्रतिभाग करेंगे. इसके अलावा देशभर से प्राचीन चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ भी इस मेले में शिरकत करेंगे.

देहरादूनः परेड ग्राउंड में पांच दिवसीय राष्ट्रीय आरोग्य मेले का आयोजन होने जा रहा है. यह मेला 12 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा. जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर आमजन को स्वस्थ रहने और बीमारियों के इलाज से संबंधित निशुल्क परामर्श देंगे. साथ ही मेले में प्राचीन चिकित्सा पद्धति के इस्तेमाल की जानकारी और इसके लाभ को लेकर चर्चा भी की जाएगी.

राष्ट्रीय आरोग्य मेले की जानकारी देते आयुष मंत्री हरक सिंह रावत.

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से हर साल आरोग्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार इस आरोग्य मेले की मेजबानी का मौका उत्तराखंड को मिला है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की धरती आयुर्वेदिक के जनक चरक ऋषि की धरती है. चरक संहिता के बिना आयुर्वेद की कल्पना नहीं की जा सकती है.

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इस पांच दिवसीय आरोग्य मेले में आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति पर आयुष मंत्रालय और प्रदेश सरकार की ओर से कई स्टॉल भी लगाए जाएंगे. जिसमें प्रदेश के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और निजी कॉलेज भी प्रतिभाग करेंगे. इसके अलावा देशभर से प्राचीन चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ भी इस मेले में शिरकत करेंगे.

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