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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना पड़ी भारी, उत्तराखंड DGP को HC की सुनवाई में मौजूद रहने के निर्देश, जानिए पूरा मामला - Ramnagar Kotwal Arun Saini suspended

People Arresting Excise Act in Ramnagar, Ramnagar SHO Arun Saini Suspended उत्तराखंड पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन न करना भारी पड़ा है. मामला रामनगर में शराब के मामले में गिरफ्तारी से जुड़ा है. जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना के रूप में देखा गया है. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होनी है. वहीं, इससे पहले ही पुलिस महकमे की ओर से एक्शन लेते हुए रामनगर कोतवाल अरुण सैनी को सस्पेंशन झेलना पड़ा है.

Uttarakhand Police Headquarter
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 17, 2023, 8:41 AM IST

Updated : Dec 18, 2023, 2:34 PM IST

देहरादूनः नैनीताल जिले के रामनगर थाने के अंतर्गत पंजीकृत आबकारी अधिनियम से जुड़े मुकदमे पर आरोपियों की गिरफ्तारी करना पुलिस को भारी पड़ा है. खबर है कि इस प्रकरण पर हाईकोर्ट ने होटल मालिक की याचिका स्वीकार करते हुए पुलिस महानिदेशक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 19 दिसंबर को कोर्ट की सुनवाई में मौजूद रहने के लिए कहा है. वहीं, पुलिस महानिदेशालय के स्तर पर विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

बताया जा रहा है कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अरनेश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार और अन्य के मामले में गिरफ्तारी को लेकर जो निर्देश दिए थे, उसका रामनगर पुलिस की ओर से उल्लंघन किया गया. मामले में पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों की अवहेलना की. इसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस विभाग से जवाब भी मांगा.

खास बात ये है कि हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद उत्तराखंड पुलिस महकमा भी अलर्ट मोड पर आ गया है. इसको लेकर जहां एक तरफ पुलिस महानिदेशक के हाईकोर्ट में पक्ष रखने को लेकर विभाग तैयारी में जुटा हुआ है तो वहीं इस मामले में महानिदेशालय स्तर पर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इसके तहत सभी अधिकारियों को भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन किए जाने के लिए कहा गया है.
ये भी पढ़ेंः कोर्ट के आदेश का पालन न करना पड़ा भारी, सस्पेंड हुए रामनगर कोतवाल अरुण सैनी

उत्तराखंड के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं को आदेश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी को लेकर दिए गए सभी निर्देशों पर सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को कदम उठाने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं, भविष्य में कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर थाना प्रभारी क्षेत्राधिकार और जिले के प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.

रामनगर कोतवाल अरुण सैनी को झेलना पड़ा सस्पेंशन: उधर, डीजीपी अभिनव कुमार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाए. अगर कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो संबंधित थाना और कोतवाली प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं, उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है. यही वजह है कि इस मामले में डीआईजी कुमाऊं योगेंद्र सिंह रावत ने शनिवार 16 दिसंबर को रामनगर कोतवाल अरुण सैनी को सस्पेंड कर दिया है.

ये था मामला: पूरा मामला रामनगर के रिजॉर्ट में बीती 29 नवंबर को की गई छापेमारी और शराब की बरामदगी फिर गिरफ्तारी से जुड़ा है. SHO अरुण सैनी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में स्थित एक रिजॉर्ट पर छापा मारकर कथित रूप से एक्साइज एक्ट का उल्लंघन कर मेहमानों को शराब परोसने के आरोप में रिजॉर्ट के मालिक को गिरफ्तार किया था. इसको लेकर रिजॉर्ट मालिक हाईकोर्ट पहुंचा था. हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना याचिका को स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के डीजीपी और प्रमुख सचिव (गृह) को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. सुनवाई 19 दिसंबर को होगी.

देहरादूनः नैनीताल जिले के रामनगर थाने के अंतर्गत पंजीकृत आबकारी अधिनियम से जुड़े मुकदमे पर आरोपियों की गिरफ्तारी करना पुलिस को भारी पड़ा है. खबर है कि इस प्रकरण पर हाईकोर्ट ने होटल मालिक की याचिका स्वीकार करते हुए पुलिस महानिदेशक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 19 दिसंबर को कोर्ट की सुनवाई में मौजूद रहने के लिए कहा है. वहीं, पुलिस महानिदेशालय के स्तर पर विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

बताया जा रहा है कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अरनेश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार और अन्य के मामले में गिरफ्तारी को लेकर जो निर्देश दिए थे, उसका रामनगर पुलिस की ओर से उल्लंघन किया गया. मामले में पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों की अवहेलना की. इसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस विभाग से जवाब भी मांगा.

खास बात ये है कि हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद उत्तराखंड पुलिस महकमा भी अलर्ट मोड पर आ गया है. इसको लेकर जहां एक तरफ पुलिस महानिदेशक के हाईकोर्ट में पक्ष रखने को लेकर विभाग तैयारी में जुटा हुआ है तो वहीं इस मामले में महानिदेशालय स्तर पर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इसके तहत सभी अधिकारियों को भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन किए जाने के लिए कहा गया है.
ये भी पढ़ेंः कोर्ट के आदेश का पालन न करना पड़ा भारी, सस्पेंड हुए रामनगर कोतवाल अरुण सैनी

उत्तराखंड के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं को आदेश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी को लेकर दिए गए सभी निर्देशों पर सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को कदम उठाने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं, भविष्य में कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर थाना प्रभारी क्षेत्राधिकार और जिले के प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.

रामनगर कोतवाल अरुण सैनी को झेलना पड़ा सस्पेंशन: उधर, डीजीपी अभिनव कुमार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाए. अगर कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो संबंधित थाना और कोतवाली प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं, उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है. यही वजह है कि इस मामले में डीआईजी कुमाऊं योगेंद्र सिंह रावत ने शनिवार 16 दिसंबर को रामनगर कोतवाल अरुण सैनी को सस्पेंड कर दिया है.

ये था मामला: पूरा मामला रामनगर के रिजॉर्ट में बीती 29 नवंबर को की गई छापेमारी और शराब की बरामदगी फिर गिरफ्तारी से जुड़ा है. SHO अरुण सैनी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में स्थित एक रिजॉर्ट पर छापा मारकर कथित रूप से एक्साइज एक्ट का उल्लंघन कर मेहमानों को शराब परोसने के आरोप में रिजॉर्ट के मालिक को गिरफ्तार किया था. इसको लेकर रिजॉर्ट मालिक हाईकोर्ट पहुंचा था. हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना याचिका को स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के डीजीपी और प्रमुख सचिव (गृह) को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. सुनवाई 19 दिसंबर को होगी.

Last Updated : Dec 18, 2023, 2:34 PM IST
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