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नैनीताल HC ने खारिज की IIT रुड़की के एचओडी की नियुक्ति, गाइडलाइन बनाकर नियमानुसार अपॉइंटमेंट के आदेश - IIT roorkee

आईआईटी रुड़की के एचओडी की नियुक्ति में धांधली के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आईआईटी के निदेशक द्वारा की गई एचओडी की नियुक्ति को खारिज कर दिया है.

नैनीताल हाई कोर्ट.
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Published : Jun 19, 2019, 9:26 AM IST

नैनीताल: आईआईटी रुड़की में मार्च 2019 में हुई HOD की नियुक्ति का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने एचओडी की नियुक्ति में अनियमितता पाते हुए नियुक्ति को खारिज कर दिया है. अदालत ने IIT को निर्देश दिए हैं कि वो बोर्ड का गठन कर एचओडी की नियुक्ति के लिए गाइड लाइन बनाए.

जानकारी देते चक्रधर बहुगुणा, अधिवक्ता याचिकाकर्ता.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने IIT के निदेशक को तीन महीने के अंदर गाइडलाइन बनाकर HOD की नियमानुसार नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, इस मामले में IIT रुड़की के प्रो. अनिल कुमार शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि आईआईटी के सभी विभागों में Head of Department के पदों में संस्थान के ही वरिष्ठ प्रोफेसर को ही नियमानुसार नियुक्त किया जाता है. लेकिन, इस बार आईआईटी के निदेशक ने अपने करीबी को नियम विरुद्ध HOD बना दिया गया है, जो उनसे करीब 8 साल जूनियर है.

पढ़ें- औली में शाही शादी की रस्में शुरू, नियम का उल्लंघन होने पर गुप्ता बंधु को वापस नहीं मिलेंगे 3 करोड़

याचिकाकर्ता ने निदेशक द्वारा किये गए HOD की नियुक्ति को नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए पद और शक्ति का दुरुप्रयोग करने का आरोप लगाया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ ने एचओडी की नियुक्ति को खारिज करते हुए बोर्ड का गठन कर 3 महीनों में नियुक्ति को लेकर नियमावली बनाने और उसके बाद 1 माह के अंदर एचओडी की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: आईआईटी रुड़की में मार्च 2019 में हुई HOD की नियुक्ति का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने एचओडी की नियुक्ति में अनियमितता पाते हुए नियुक्ति को खारिज कर दिया है. अदालत ने IIT को निर्देश दिए हैं कि वो बोर्ड का गठन कर एचओडी की नियुक्ति के लिए गाइड लाइन बनाए.

जानकारी देते चक्रधर बहुगुणा, अधिवक्ता याचिकाकर्ता.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने IIT के निदेशक को तीन महीने के अंदर गाइडलाइन बनाकर HOD की नियमानुसार नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, इस मामले में IIT रुड़की के प्रो. अनिल कुमार शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि आईआईटी के सभी विभागों में Head of Department के पदों में संस्थान के ही वरिष्ठ प्रोफेसर को ही नियमानुसार नियुक्त किया जाता है. लेकिन, इस बार आईआईटी के निदेशक ने अपने करीबी को नियम विरुद्ध HOD बना दिया गया है, जो उनसे करीब 8 साल जूनियर है.

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याचिकाकर्ता ने निदेशक द्वारा किये गए HOD की नियुक्ति को नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए पद और शक्ति का दुरुप्रयोग करने का आरोप लगाया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ ने एचओडी की नियुक्ति को खारिज करते हुए बोर्ड का गठन कर 3 महीनों में नियुक्ति को लेकर नियमावली बनाने और उसके बाद 1 माह के अंदर एचओडी की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं.

Intro:Summry- आईआईटी रुड़की के एच ओ डी की नियुक्ति में धानधली करने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए आई आई टी के निर्देशक द्वारा नियुक्त एच ओ डी की नियुक्ति को खारिज कर दिया है।


intro- आईआईटी रुड़की में मार्च 2019 में हुई एच ओ डी की नियुक्ति का मामला नैनीताल हाई कोर्ट की शरण मे पहुच गया है, नैनीताल हाई कोर्ट ने एच ओ डी की नियुक्ति में अनियमितता पाते हुए पूर्व में नियुक्ति एच ओ डी की नियुक्ति को खारिज कर दिया है,,


Body:कोर्ट ने आई आई टी को निर्देश दिए है कि वो बोर्ड का गठन कर एच ओ डी की नियुक्ति के लिए गाइड लाईन (पैरामीटर) बनाये, और आई आई टी के निर्देशक गाइड लाईन बनने के 1 माह के भीतर आई आई टी में एच ओ डी की नियमानुसार नियुक्ति करे,,


Conclusion:आपको बता दे कि आई आई रुड़की के प्रोफेसर अनिल कुमार शर्मा ने याचिका दायर कर कहा है कि आई आई टी के सभी विभागों में Head of Department के पदों में आई आई टी के वरिष्ठ प्रोफेसर को ही नियमानुसार नियुक्त करा जाता है, लेकिन इस बार आई आई टी के निर्देशक द्वारा अपने करीबी को नियम विरुद्ध एच ओ डी बना दिया गया है और वो उनसे करीब 8 साल जूनियर है,,
याचिकाकर्ता ने निर्देशक द्वारा गलत तरह से एच ओ डी बनाने के आदेश को नैनीताल हाई कोर्ट में चुनोती दी है साथ ही निर्देशक पर अपने पद और शक्ति का दुरप्रयोग करने का भी आरोप लगाया है,,,
आज मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंग नाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ ने आई आई टी के निर्देश द्वारा नियुक्त एच ओ डी की नियुक्ति को खारिज कर दिया है साथ ही आई आई टी को निर्देश दिए है कि वो बोर्ड का गठन कर 3 महीनों में नियुक्ति को लेकर नियमावली बनाये और उसके बाद 1 माह के भीतर एच ओ डी की नियुक्ति करे।

बाइट- चक्र धर बहुगुणा, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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