नैनीताल: आईआईटी रुड़की में मार्च 2019 में हुई HOD की नियुक्ति का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने एचओडी की नियुक्ति में अनियमितता पाते हुए नियुक्ति को खारिज कर दिया है. अदालत ने IIT को निर्देश दिए हैं कि वो बोर्ड का गठन कर एचओडी की नियुक्ति के लिए गाइड लाइन बनाए.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने IIT के निदेशक को तीन महीने के अंदर गाइडलाइन बनाकर HOD की नियमानुसार नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, इस मामले में IIT रुड़की के प्रो. अनिल कुमार शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि आईआईटी के सभी विभागों में Head of Department के पदों में संस्थान के ही वरिष्ठ प्रोफेसर को ही नियमानुसार नियुक्त किया जाता है. लेकिन, इस बार आईआईटी के निदेशक ने अपने करीबी को नियम विरुद्ध HOD बना दिया गया है, जो उनसे करीब 8 साल जूनियर है.
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याचिकाकर्ता ने निदेशक द्वारा किये गए HOD की नियुक्ति को नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए पद और शक्ति का दुरुप्रयोग करने का आरोप लगाया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ ने एचओडी की नियुक्ति को खारिज करते हुए बोर्ड का गठन कर 3 महीनों में नियुक्ति को लेकर नियमावली बनाने और उसके बाद 1 माह के अंदर एचओडी की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं.