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मसूरी MPG कॉलेज प्राध्यापकों की पदोन्नति का मामला पहुंचा HC, पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता को नोटिस जारी

मसूरी एमपीजी कॉलेज के प्राध्यापकों की पदोन्नति मामले में हाई कोर्ट ने पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता सहित संबंधितों को नोटिस जारी किया. साथ ही मामले में 6 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष पेश करने को कहा है.

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MPG कॉलेज प्राध्यापकों की पदोन्नति का मामला पहुंचा HC
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Published : Feb 18, 2022, 9:50 PM IST

मसूरी: म्युनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज (एमपीजी कॉलेज) के प्राध्यापकों की पदोन्नति का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मसूरी पालिका अध्यक्ष, प्रबंध समिति सहित संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिये हैं.

बता दें कि मसूरी एमपीजी कॉलेज के प्राध्यापकों और पालिका अध्यक्ष, प्रबंध समिति के बीच उपजा विवाद बढ़ता ही चला जा रहा है. पिछले तीन वर्षों से कई प्राध्यापकों की पदोन्नति लंबित है. पालिका प्रबंध समिति और पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता के अड़ियल रवैये के कारण डॉ. ललित मोहन उपाध्याय, डॉ. प्रमोद भारतीय, डॉ. वीपी जोशी और अमिताभ भट्ट की पदोन्नति रुकी हुई है. इससे न केवल इनकी शैक्षणिक प्रगति बाधित हो रही है, बल्कि आर्थिक रूप से भी इन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

डॉ. ललित मोहन उपाध्याय अन्तरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिका के संपादक भी हैं. वह कॉलेज में गणित विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्यक्ष हैं. आज से तीन साल पूर्व ही चयन समिति ने इन्हें प्रोफेसर पद के लिये अपनी संस्तुति दे दी है, लेकिन दुर्भावना से कॉलेज प्रबंध समिति पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने संस्तुति अनुमोदन के लिए निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखंड को आज तक नहीं भेजा. डॉ. प्रमोद भारतीय, कॉलेज के संस्कृत विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्यक्ष हैं. उन्होंने भी दो वर्ष पूर्व ही प्रोफेसर पद पर आवेदन कर रखा है, लेकिन इनके आवेदन पर भी अध्यक्ष, प्रबंध समिति ने चुप्पी साध रखी है.

ये भी पढ़ें: पुलिस उप महानिरीक्षक को मिला SKOCH अवॉर्ड, कोरोना काल में किया बेहतरीन कार्य

वहीं, राजनीति विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर और अध्यक्ष अमिताभ भट्ट ने भी एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन इनके आवेदन को भी अध्यक्ष, प्रबंध समिति ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है. वाणिज्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वीपी जोशी ने भी एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन इनके आवेदन पर भी आज तक कोई विचार नहीं किया गया.

मामले में पीड़ित अध्यापकों ने बात रखी तो प्राचार्य ने कहा कि अध्यक्ष महोदय ने पदोन्नति सहित कई प्रकरण को रोक रखा है. अध्यक्ष के रवैये से क्षुब्ध होकर डॉ. वीपी जोशी ने उच्च न्यायालय, नैनीताल की ओर रुख किया है. मामले में उच्च न्यायालय ने अध्यक्ष, प्रबंध समिति सहित समस्त संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी कर दिया है. साथ ही 6 सप्ताह के भीतर अपने-अपने पक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं.

मसूरी: म्युनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज (एमपीजी कॉलेज) के प्राध्यापकों की पदोन्नति का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मसूरी पालिका अध्यक्ष, प्रबंध समिति सहित संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिये हैं.

बता दें कि मसूरी एमपीजी कॉलेज के प्राध्यापकों और पालिका अध्यक्ष, प्रबंध समिति के बीच उपजा विवाद बढ़ता ही चला जा रहा है. पिछले तीन वर्षों से कई प्राध्यापकों की पदोन्नति लंबित है. पालिका प्रबंध समिति और पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता के अड़ियल रवैये के कारण डॉ. ललित मोहन उपाध्याय, डॉ. प्रमोद भारतीय, डॉ. वीपी जोशी और अमिताभ भट्ट की पदोन्नति रुकी हुई है. इससे न केवल इनकी शैक्षणिक प्रगति बाधित हो रही है, बल्कि आर्थिक रूप से भी इन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

डॉ. ललित मोहन उपाध्याय अन्तरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिका के संपादक भी हैं. वह कॉलेज में गणित विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्यक्ष हैं. आज से तीन साल पूर्व ही चयन समिति ने इन्हें प्रोफेसर पद के लिये अपनी संस्तुति दे दी है, लेकिन दुर्भावना से कॉलेज प्रबंध समिति पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने संस्तुति अनुमोदन के लिए निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखंड को आज तक नहीं भेजा. डॉ. प्रमोद भारतीय, कॉलेज के संस्कृत विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्यक्ष हैं. उन्होंने भी दो वर्ष पूर्व ही प्रोफेसर पद पर आवेदन कर रखा है, लेकिन इनके आवेदन पर भी अध्यक्ष, प्रबंध समिति ने चुप्पी साध रखी है.

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वहीं, राजनीति विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर और अध्यक्ष अमिताभ भट्ट ने भी एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन इनके आवेदन को भी अध्यक्ष, प्रबंध समिति ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है. वाणिज्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वीपी जोशी ने भी एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन इनके आवेदन पर भी आज तक कोई विचार नहीं किया गया.

मामले में पीड़ित अध्यापकों ने बात रखी तो प्राचार्य ने कहा कि अध्यक्ष महोदय ने पदोन्नति सहित कई प्रकरण को रोक रखा है. अध्यक्ष के रवैये से क्षुब्ध होकर डॉ. वीपी जोशी ने उच्च न्यायालय, नैनीताल की ओर रुख किया है. मामले में उच्च न्यायालय ने अध्यक्ष, प्रबंध समिति सहित समस्त संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी कर दिया है. साथ ही 6 सप्ताह के भीतर अपने-अपने पक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं.

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