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बढ़ रहा जर्जर भवनों का आंकड़ा, हजारों जिंदगियों को बचाने की कवायद शुरू - Municipal Council

एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने लंढोर बाजार स्थित जर्जर भवनों का निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने नगर पालिका परिषद और पुलिस के अधिकारियों को खतरे की जद में रह रहे लोगों को चिह्रित कर सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट कराने के निर्देश दिए हैं.

लंढोर बाजार स्थित जर्जर भवनों का निरीक्षण करते एसडीएम गोपाल राम बिनवाल .
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Published : Aug 13, 2019, 10:55 AM IST

मसूरी: नगर में स्थित जर्जर भवनों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते हादसे होने की संभावना लगातार बनी हुई है. जिसे देखते हुए एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने अधिकारियों के साथ लंढोर बाजार स्थित जर्जर भवनों का निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने नगर पालिका परिषद और पुलिस के अधिकारियों को खतरे की जद में रह रहे लोगों को चिह्रित कर सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट कराने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की 2010 की रिपोर्ट के अनुसार मसूरी में 615 भवनों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया था. रिपोर्ट में हुए खुलासा के अनुसार अगर भविष्य में मसूरी में भूकंप आता है, तो बड़े स्तर पर जानमाल की हानि के साथ कई सौ करोड़ का आर्थिक नुकसान हो सकता है. अतिसंवेदनशील भवन सबसे ज्यादा लंढोर बाजार में हैं. जिसमें ऐतिहासिक कोहिनूर बिल्डिंग सबसे ज्यादा जर्जर अवस्था में है.

नगर में स्थित जर्जर भवनों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते हजारों जिंदगियों पर खतरा मंडरा रहा है.

एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि सभी जर्जर भवन स्वामियों को बरसात से पहले भवन खाली करने के नोटिस दिए गए हैं, लेकिन आवास नीति नहीं होने से लोग इन भवनों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में वह जल्द ठोस आवास नीति बनाए जाने को लेकर उच्च अधिकारियों से वार्ता करेंगे.

ये भी पढ़े: उत्तराखंडः 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, स्कूलों में अवकाश घोषित

क्षेत्रीय सभासद आरती अग्रवाल ने बताया कि लंढोर बाजार में सबसे ज्यादा जर्जर भवन हैं. लेकिन शासन-प्रशासन और संबंधित विभाग इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है. साथ ही बताया कि जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए कोई ठोस नीति बनाए जाने की जरूरत है. जिसे लेकर वह लगातार शासन प्रशासन से मांग कर रही हैं.

मसूरी: नगर में स्थित जर्जर भवनों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते हादसे होने की संभावना लगातार बनी हुई है. जिसे देखते हुए एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने अधिकारियों के साथ लंढोर बाजार स्थित जर्जर भवनों का निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने नगर पालिका परिषद और पुलिस के अधिकारियों को खतरे की जद में रह रहे लोगों को चिह्रित कर सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट कराने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की 2010 की रिपोर्ट के अनुसार मसूरी में 615 भवनों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया था. रिपोर्ट में हुए खुलासा के अनुसार अगर भविष्य में मसूरी में भूकंप आता है, तो बड़े स्तर पर जानमाल की हानि के साथ कई सौ करोड़ का आर्थिक नुकसान हो सकता है. अतिसंवेदनशील भवन सबसे ज्यादा लंढोर बाजार में हैं. जिसमें ऐतिहासिक कोहिनूर बिल्डिंग सबसे ज्यादा जर्जर अवस्था में है.

नगर में स्थित जर्जर भवनों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते हजारों जिंदगियों पर खतरा मंडरा रहा है.

एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि सभी जर्जर भवन स्वामियों को बरसात से पहले भवन खाली करने के नोटिस दिए गए हैं, लेकिन आवास नीति नहीं होने से लोग इन भवनों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में वह जल्द ठोस आवास नीति बनाए जाने को लेकर उच्च अधिकारियों से वार्ता करेंगे.

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क्षेत्रीय सभासद आरती अग्रवाल ने बताया कि लंढोर बाजार में सबसे ज्यादा जर्जर भवन हैं. लेकिन शासन-प्रशासन और संबंधित विभाग इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है. साथ ही बताया कि जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए कोई ठोस नीति बनाए जाने की जरूरत है. जिसे लेकर वह लगातार शासन प्रशासन से मांग कर रही हैं.

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पहाड़ों की रानी मसूरी में कई जर्जर भवन है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकते हैं आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की 2010 की रिपोर्ट के अनुसार मसूरी में 3344 भवनों का सर्वे किया गया था जिसमें 615 भवनों को अति संवेदनशील घोषित किया गये थे सर्वे रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया था कि यदि निकट भविष्य में मसूरी में भूकंप आता है तो बड़े स्तर पर जानमाल की हानि के साथ कई सौ करोड़ का आर्थिक नुकसान हो सकता है अति संवेदनशील भवन सबसे ज्यादा लंढोर बाजार में है जिसमें ऐतिहासिक कोहिनूर बिल्डिंग सबसे ज्यादा जर्जर अवस्था में है जो कभी भी गिर कर दोस्त सकती है


Body:मसूरी में जर्जर भवन के कारण बढ़ रहे खतरे को देखते हुए एसडीएम मसूरी गोपाल राम बिनवाल के द्वारा अधिकारियों के साथ मसूरी के लंढोर बाजार स्थित जर्जर भवनों के साथ कोहिनूर बिल्डिंग का निरीक्षण किया गया उन्होंने बताया कि उनके द्वारा मसूरी के विभिन्न जर्जर भवनों का निरीक्षण में पाया गया कि अभी भी कई लोग इन भवनों में रह रहे हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है ऐसे में उनके द्वारा नगर पालिका परिषद और पुलिस के अधिकारियों को निर्देशित कर खतरे की जद में रह रहे लोगों को चिन्हित कर सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं एसडीएम ने बताया कि सभी जर्जर भवन स्वामियों को बरसात से पहले भवन खाली करने के नोटिस दिए गए हैं लेकिन आवास नीति नहीं बनने से लोग इन भवनों में रहने में मजबूर है ऐसे में वह जल्द ठोस आवास नीति बनाए जाने को लेकर उच्च अधिकारियों से वार्ता करेंगे




Conclusion:क्षेत्रीय सभासद आरती अग्रवाल ने बताया कि लंढोर बाजार में सबसे ज्यादा जर्जर भवन है ऐसे में शासन-प्रशासन को संबंधित विभाग इसमें कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए कोई ठोस नीति बनाए जाने की जरूरत है जिसको लेकर वह लगातार शासन प्रशासन से मांग कर रही हैं
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