मसूरी: नगर में स्थित जर्जर भवनों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते हादसे होने की संभावना लगातार बनी हुई है. जिसे देखते हुए एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने अधिकारियों के साथ लंढोर बाजार स्थित जर्जर भवनों का निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने नगर पालिका परिषद और पुलिस के अधिकारियों को खतरे की जद में रह रहे लोगों को चिह्रित कर सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट कराने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की 2010 की रिपोर्ट के अनुसार मसूरी में 615 भवनों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया था. रिपोर्ट में हुए खुलासा के अनुसार अगर भविष्य में मसूरी में भूकंप आता है, तो बड़े स्तर पर जानमाल की हानि के साथ कई सौ करोड़ का आर्थिक नुकसान हो सकता है. अतिसंवेदनशील भवन सबसे ज्यादा लंढोर बाजार में हैं. जिसमें ऐतिहासिक कोहिनूर बिल्डिंग सबसे ज्यादा जर्जर अवस्था में है.
एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि सभी जर्जर भवन स्वामियों को बरसात से पहले भवन खाली करने के नोटिस दिए गए हैं, लेकिन आवास नीति नहीं होने से लोग इन भवनों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में वह जल्द ठोस आवास नीति बनाए जाने को लेकर उच्च अधिकारियों से वार्ता करेंगे.
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क्षेत्रीय सभासद आरती अग्रवाल ने बताया कि लंढोर बाजार में सबसे ज्यादा जर्जर भवन हैं. लेकिन शासन-प्रशासन और संबंधित विभाग इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है. साथ ही बताया कि जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए कोई ठोस नीति बनाए जाने की जरूरत है. जिसे लेकर वह लगातार शासन प्रशासन से मांग कर रही हैं.