मसूरी: शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों ने मसूरी आईडीएच बिल्डिंग में खाली पड़े कमरों को आवंटित न किए जाने पर स्थानीय और पालिका प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश व्यक्त किया. जिसको लेकर गुरुवार को शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों ने पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और अधिशासी अधिकारी का घेराव किया. इस दौरान पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि उनके द्वारा झड़ीपानी क्षेत्र में बेघर लोगों के लिए अस्थाई व्यवस्था किये जाने को लेकर जमीन देखी गई है. जिसपर पालिका स्तर से कार्यवाही की जा रही है. 15 दिनों के भीतर बेघर लोगों की अस्थाई व्यवस्था कर दी जायेगी.
शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों ने कहा कि उनके द्वारा पूर्व में एसडीएम मसूरी को ज्ञापन देकर 7 दिनों के भीतर अस्थाई रूप से विस्थापित करने की मांग की गई थी. जो कि पूरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा अगर जल्द से ज्लद उनकी व्यवस्था नहीं की गई तो वे पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना व भूख हड़ताल करेंगे.
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संजय टम्टा ने कहा कि मसूरी पुरूकुल रोप-वे परियोजना के तहत प्रशासन और पुलिस ने शिफन कोर्ट में रह रहे गरीब और असहाय लोगों को बलपूर्वक बेघर किया था. जिसके तीन महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें आवास नहीं मिल पाया है. बेघर परिवार अपने बच्चों के साथ लाइब्रेरी, बसस्टैंड के हवाघर में दिन बिता रहे हैं. ठंड भी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में उनका हाल बेहाल है.
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उन्होंने बताया आज उन्होंने पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और अधिशासी अधिकारी का घेराव किया. बेघर लोगों द्वारा लगातार नगर पालिका से खाली पड़े फ्लैट्स देने की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि पालिकाध्यक्ष ने बेघर हुए लोगों को आश्वासन दिया है कि 15 दिनों के भीतर उनके लिए अस्थाई व्यवस्था कर दी जाएगी.