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7 सालों से पूरा नहीं हुआ मसूरी झूलाघर सौंदर्यीकरण का काम, कई परिवार प्रभावित - Mussoorie Jhulaghar beautification work could not be done for seven years

सात सालों से आजतक मसूरी के झूलाघर का सौंदर्यीकरण नहीं हो पाया है. जिसके कारण यहां दुकान लगाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब इससे उनके परिवार भी इससे प्रभावित होने लगे हैं.

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7 सालों से पूरा नहीं हुआ मसूरी झूलाघर सौंदर्यीकरण का काम
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Published : Sep 6, 2021, 5:34 PM IST

मसूरी: झूलाघर के सौंदर्यीकरण का कार्य पिछले 7 सालों से चल रहा है, मगर आज तक ये काम पूरा नहीं हो पाया है. जिसके कारण स्थानीय व्यवसायियों और यहां दुकान लगाने वाले लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. ये लोग कछुए की गति से चल रहे काम से प्रभावित हो रहे हैं. इनके परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है.

स्थानीय दुकानदार राजेश कुमार का कहना है कि 7 साल पहले झूलाघर पर उनकी दुकान थी. जिससे उनका घर-परिवार चलता था. तब पालिका ने सौंदर्यीकरण के नाम पर उनकी दुकान तोड़ दी. तब से लेकर आज तक दुकानें आवंटित नहीं की गई हैं. जिसके चलते वे बेरोजगार हो गए हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. उन्होंने इस संबंध में कई बार पालिका प्रशासन और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को सूचित किया, मगर मामला सिफर ही निकला.

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राजेश कुमार का कहना है कि झूलाघर पर जो दुकानें निर्मित की गई हैं, उनका भी आवंटन नहीं हो पाया है. अभी भी वहां पर निर्माण कार्य चल रहा है. उन्होंने बताया वह सड़कों पर दुकान लगाने के लिए मजबूर हैं. लगातार पालिका प्रशासन का डंडा उन पर चलता रहता है.

पढ़ें- देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून मुद्दा सुलझाने में जुटे CM धामी, जानें किस रणनीति पर चल रही सरकार

वहीं, एक और स्थानीय दुकानदार श्रीपति कंडारी का कहना है कि नगर पालिका परिषद मसूरी ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को सौंदर्यीकरण के लिए झूलाघर सौंपा था. तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि एक साल के भीतर दुकानें बनाकर उन्हें दे दी जाएंगी, मगर आज सात साल बीत जाने के बाद भी दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है.

पहले उनकी दुकानें माल रोड से लगी हुई होती थी, लेकिन अब जो दुकानें बनाई गई हैं वह लगभग 15 फीट नीचे हैं. जहां पर उनका व्यापार प्रभावित होने की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा झूलाघर पर झूलों का निर्माण भी करवाया जाना चाहिए ताकि पर्यटकों को झूलाघर की सही जानकारी मिल सके.

पढ़ें- पहाड़ों की रानी में बादलों ने फिर तोड़ी चुप्पी, झमाझम बारिश

इस संबंध में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला का कहना है कि झूलाघर के सौंदर्यीकरण को लेकर न तो पालिका प्रशासन और ना ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने कोई ठोस कार्य किये हैं. यहां कछुआ गति से कार्य किया जा रहा है. इससे प्रभावित लोगों के रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में 14 सितंबर तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, जानें कहां मिली छूट

वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि एक साल पहले मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने झूलाघर को नगर पालिका को सौंप दिया है. उसके बाद नगर पालिका परिषद इस पर शेष कार्य करवा रही है. 2 माह के भीतर निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा. उसके बाद वहां के लोगों को दुकानें आवंटित कर दी जाएंगी.

मसूरी: झूलाघर के सौंदर्यीकरण का कार्य पिछले 7 सालों से चल रहा है, मगर आज तक ये काम पूरा नहीं हो पाया है. जिसके कारण स्थानीय व्यवसायियों और यहां दुकान लगाने वाले लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. ये लोग कछुए की गति से चल रहे काम से प्रभावित हो रहे हैं. इनके परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है.

स्थानीय दुकानदार राजेश कुमार का कहना है कि 7 साल पहले झूलाघर पर उनकी दुकान थी. जिससे उनका घर-परिवार चलता था. तब पालिका ने सौंदर्यीकरण के नाम पर उनकी दुकान तोड़ दी. तब से लेकर आज तक दुकानें आवंटित नहीं की गई हैं. जिसके चलते वे बेरोजगार हो गए हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. उन्होंने इस संबंध में कई बार पालिका प्रशासन और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को सूचित किया, मगर मामला सिफर ही निकला.

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राजेश कुमार का कहना है कि झूलाघर पर जो दुकानें निर्मित की गई हैं, उनका भी आवंटन नहीं हो पाया है. अभी भी वहां पर निर्माण कार्य चल रहा है. उन्होंने बताया वह सड़कों पर दुकान लगाने के लिए मजबूर हैं. लगातार पालिका प्रशासन का डंडा उन पर चलता रहता है.

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वहीं, एक और स्थानीय दुकानदार श्रीपति कंडारी का कहना है कि नगर पालिका परिषद मसूरी ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को सौंदर्यीकरण के लिए झूलाघर सौंपा था. तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि एक साल के भीतर दुकानें बनाकर उन्हें दे दी जाएंगी, मगर आज सात साल बीत जाने के बाद भी दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है.

पहले उनकी दुकानें माल रोड से लगी हुई होती थी, लेकिन अब जो दुकानें बनाई गई हैं वह लगभग 15 फीट नीचे हैं. जहां पर उनका व्यापार प्रभावित होने की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा झूलाघर पर झूलों का निर्माण भी करवाया जाना चाहिए ताकि पर्यटकों को झूलाघर की सही जानकारी मिल सके.

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इस संबंध में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला का कहना है कि झूलाघर के सौंदर्यीकरण को लेकर न तो पालिका प्रशासन और ना ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने कोई ठोस कार्य किये हैं. यहां कछुआ गति से कार्य किया जा रहा है. इससे प्रभावित लोगों के रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है.

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वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि एक साल पहले मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने झूलाघर को नगर पालिका को सौंप दिया है. उसके बाद नगर पालिका परिषद इस पर शेष कार्य करवा रही है. 2 माह के भीतर निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा. उसके बाद वहां के लोगों को दुकानें आवंटित कर दी जाएंगी.

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