मसूरी: मसूरी इंटरनेशनल स्कूल में वार्षिक खेल दिवस का भव्य शुभारंभ विद्यालय की प्रार्थना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ. खेल दिवस समारोह के मुख्य अतिथि डॉ सुरेश आडवाणी प्रोफेसर एसपी जैन मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट मुंबई का स्वागत स्कूल की प्रधानाचार्य मीता शर्मा ने किया. मुख्य अतिथि ने झंडा आरोहण करके खेल दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मुख्य अतिथि ने खेल मशाल को स्कूल की खेल कप्तान को दे कर औपचारिक रूप से वार्षिक खेल दिवस कार्यक्रम की घोषणा की.
सर्वप्रथम छात्राओं ने मार्च-पास्ट की अद्भुत झांकी दिखाकर अभिभावकों और दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया. खेल दिवस के अवसर पर विद्यालय प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा बड़ी ही मनभावन थी. छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का पूर्ण रूप से प्रदर्शन करके खेल दिवस कार्यक्रम पर चार चांद लगा दिये.
खेल दिवस के अवसर पर विद्यालय परिसर में विभिन्न खेलों के अतिरिक्त छात्राओं के द्वारा आयोजित ड्रिल, 200 मीटर सब जूनियर दौड़, 200 मीटर जूनियर दौड़, 200 मीटर सीनियर दौड़ और 100 मीटर, सब जूनियर, 100 मीटर जूनियर, 100 मीटर सीनियर, 400 मीटर सब जूनियर, 400 मीटर जूनियर दौड़ में लक्ष्मी और गायत्री सदन की बालिकाओं ने बाजी मारी. विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित जुम्बा, तलवार नृत्य, बाधा दौड़ और मार्शल आर्ट के अंतर्गत कराटे की प्रस्तुति शानदार रही. इसमें छात्राओं ने अपनी सर्वाेच्च प्रतिभा का प्रदर्शन किया.
खेल दिवस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण योग डिस्प्ले रहा. कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि डॉ सुरेश कुमार आडवाणी ने कहा कि 22 वीं शताब्दी बालिकाओं की होगी, क्योंकि आज हर क्षेत्र में बालिकाएं अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं. मसूरी इंटर नेशनल स्कूल की बालिकाओं की क्षमता और योग्यता को देखकर ऐसा महसूस होता है कि आने वाला कल इन्हीं का होगा. क्योंकि जिस प्रकार स्कूल की संस्कृति है, वह हमारे देश के स्वर्ण काल की याद दिला देती है. जिस काल खंड में हमारा देश सबसे उत्कृष्ट और शक्तिशाली था. वास्तव में मसूरी इंटरनेशनल स्कूल की बालिकाओं में हमारी संस्कृति के महान गुण विकसित हो रहे हैं.
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डॉ आडवाणी ने कहा कि स्कूल अपने उद्देश्य पारंपरिक मूल्यों के साथ आधुनिक व्यक्तित्व और स्त्रीत्व को गढ़ रहा है. निसंदेह इन छात्राओं के प्रदर्शन को निखारने में स्कूल की प्रधानाचार्य मीता शर्मा और उनकी टीम का बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान है. बालिकाओं की प्रतिभा देखने बाद आभास होता है कि हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल है.