देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दिए गए एक समुदाय विशेष द्वारा वैक्सीन नहीं लगाए जाने वाले विवादित बयान से सरकार ने किनारा कर लिया है. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पूर्व सीएम को नसीहत देते हुए कहा कि समाज को हिंदू-मुस्लिम के आधार पर नहीं बल्कि शिक्षा और जागरूकता के आधार पर बांटकर देखें.
दरअसल, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते रोज खुले मंच से वैक्सीनेशन को लेकर अपने विचार रखते हुए एक समुदाय विशेष पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मुस्लिम इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट भी हो रही है.
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पूर्व सीएम को नसीहत
पूर्व सीएम के समुदाय विशेष पर टिप्पणी के लेकर जब ETV Bhart ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत की तो पता चला कि अधिकतर लोगों ने पहले ही वैक्सीन लगवा ली है. उन्होंने पूर्व सीएम के इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय वैक्सीनेशन करवा रहा है. यहां तक कि पेड वैक्सीनेशन करवा रहा है.
वहीं मुस्लिम युवा रिजवान अली ने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को समाज को धर्म के आधार पर नहीं बांटना चाहिए बल्कि आप शिक्षा और जागरूकता के आधार पर अपना पक्ष रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनके परिवार के 16 में से 12 लोगों ने पेड वैक्सीनेशन कराया है. जबकि 4 लोगों का फ्री वैक्सीनेशन हुआ है.
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भ्रम फैलाना गलत
वहीं मुस्लिम समुदाय के अन्य लोगों से बात की तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि उनके द्वारा वैक्सीन लगवाई जा चुकी है. उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय को लेकर इस तरह का भ्रम फैलाना गलत है. लोगों का कहना है कि यदि कहीं पर वैक्सीन को लेकर कोई आशंका है तो वह उस व्यक्ति विशेष की जागरूकता और शिक्षा पर निर्भर करता है. उसके लिए वहां का स्थानीय प्रशासन भी उतना ही जिम्मेदार है.
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त्रिवेंद्र के बयान से किनारा
वहीं, दूसरी तरफ पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के इस बयान पर सरकार का क्या कहना है इसको लेकर भी हमने सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल से प्रतिक्रिया ली. उन्होंने पूर्व सीएम के बयान से किनारा करते हुए स्पष्ट कहा कि उनके पास ऐसा कोई भी आंकड़ा मौजूद नहीं है. जिससे ये कहा जाए कि एक समुदाय विशेष वैक्सीनेशन नहीं करवा रहा है.