ETV Bharat / state

पुरोला में पटरी पर लौट रही मुस्लिम परिवारों की 'जिंदगी', खुलने लगी दुकानें - Shops open in Purola market

पुरोला बाजार में एक बार फिर से रौनक लौटने लगी है. यहां अधिकतर दुकानों के शटर खुले हैं. बीते दिनों हुए विवाद के बाद पुरोला बाजार के दुकानों के खुले शटर राहत देने वाले हैं. हिंदू व्यापारियों के साथ ही अब मुस्लिम दुकानदारों ने भी दुकानें खोलनी शुरू कर दी हैं.

purola love jihad case latest news
पुरोला में पटरी पर लौट रही मुस्लिम परिवारों की 'जिंदगी'
author img

By

Published : Jun 19, 2023, 8:45 PM IST

Updated : Jun 19, 2023, 10:25 PM IST

देहरादून: उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में हुए तनाव और दो समुदाय में विवाद के लगभग 24 दिन बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं. प्रशासन ने क्षेत्र में लगी धारा 144 को भी हटा दिया है. 26 मई से शुरू हुए विवाद के बाद यहां हालात तनावपूर्ण थे. हिंदू और मुस्लिम संगठनों की महापंचायत की घोषणा ने इस क्षेत्र में और अशांति फैला दी थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने यहां मोर्चा संभाला. जिसके बाद धीरे धीरे पुरोला में हालात सामान्य होने लगे हैं. आज सुबह कई मुस्लिमों ने दुकानें खोली बल्कि उन्होंने अमनचैन और शांति का भी संदेश दिया.

पुरोला में मोहम्मद रईस लगभग 60 साल से रह रहे हैं. उनका भाई खालिम भी उन्हीं के साथ रहता है. इन दोनों भाइयों ने आज कई दिनों बाद अपनी दुकानें खोली. इस दौरान दोनों भाइयों ने बताया उनके पिता आज से 60 साल पहले यहां आये. जिसके बाद से ही वे यहां रह रहे हैं. आज दोनों भाई पुरोला में ही व्यापार करते हैं. मोहम्मद रईस पुरोला में कपड़ों की दुकान लगाते हैं. उनका भाई खलील नाई की दुकान चलाता है. खलील की दो दुकानें हैं. दोनों भाईयों ने कहा बीते दिनों हुए घटनाक्रम के कारण उनकी जिंदगी में उनके परिवार में या उनके संबंधों में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई है. आज भी वे बाजार में लोगों से उसी तरह से मिल रहे हैं जैसे पहले मिला करते थे. आज भी फोन पर उनसे बात हो रही है.

पढे़ं- Uttarakhand Purola love jihad: 18 जून को देहरादून में होने वाली मुस्लिम महापंचायत रद्द

दोनों भाई बताते हैं हमें आज तक यह महसूस ही नहीं हुआ कि हम कभी नीचे रहा करते थे. बचपन की पढ़ाई, रोजगार, शादी सभी कुछ यहीं पर हुआ. जिसके कारण वे यहां से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा बीते दिनों जो यहां हुआ उससे मन दुखी है. इसके साथ ही बड़कोट में जो लोग काम छोड़ कर चले गए थे वह भी वापस आ गए हैं. 57 वर्ष के इरफान अहमद इन्हीं में से एक हैं. इरफान अहमद ने कहा रवांई घाटी ने आज तक उन्हें यह महसूस नहीं होने दिया कि वह मुस्लिम हैं. उन्होंने कहा वे यहां होने वाले सभी कारिजों में जाते हैं. सभी हमे बड़ी इज्जत देते हैं. वे कहते हैं बीते दिनों हुआ विवाद एक सोची समझी साजिश हो सकता है. उन्होंने कहा जिन लोगों ने ये हरकत की है प्रशासन उन्हें चिन्हित कर रहा है. उन्होंने कहा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इरफान अहमद ने उम्मीद जताई की जल्द ही सबकुछ ठीक हो जाएगा.

पढे़ं- उत्तराखंड के पुरोला में क्यों और कैसे सुलगा 'लव जिहाद' का मामला, मौजूदा हालात पर डालें एक नजर

बता दें पुरोला में अब 24 दिन बाद हालात सामान्य होने लगे हैं. हालांकि पुलिस ने पुरोला क्षेत्र में अभी भी मोर्चा संभाला हुआ है. पुरोला आने जाने वाली हर गाड़ी और हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है. इतना ही नहीं प्रशासन और सरकार की अपील के बाद भी कुछ विशेष समुदाय के व्यापारी दोबारा देहरादून से पुरोला की तरफ आ गए हैं. उम्मीद भी जताई जा रही है कि मंगलवार से पूरा बाजार खुलना शुरू हो जाएगा.

purola love jihad case latest news
पुरोला लव जिहाद मामला

कब और कैसे शुरू हुआ विवाद: ये पूरा विवाद 26 मई 2023 को शुरू हुआ. जब पुरोला में एक मुस्लिम युवक उबैद खान और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. आरोप था कि ये दोनों युवक पुरोला क्षेत्र की हिंदू नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का प्रयास कर रहे थे. लोगों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद उन्होंने मामले को हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाने के अलावा लव जिहाद से जोड़ दिया. इसके बाद तो मामला और गरमा गया. स्थानीय लोगों ने बाहरी व्यापारियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर ले लिया.

purola love jihad case latest news
पुरोला लव जिहाद मामला

27 मई को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने पुरोला में मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सभी को पुरोला छोड़कर जाने की चेतावनी दी जाने लगी, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में डर का माहौल बन गया. इसी बीच 4 जून की रात हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए.पोस्टर में धमकी भरे शब्दों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को जल्द से जल्द दुकानें खाली करने की बात लिखी गई.

purola love jihad case latest news
पुरोला लव जिहाद मामला

मुस्लिम समुदाय दुकानों के बाहर कथित चस्पा पोस्टर देवभूमि रक्षा अभियान के हवाले से लगाया था. जिसमें लिखा गया था कि 'लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पूर्व अपनी दुकानें खाली कर दें, यदि तुम्हारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो वह वक्त पर निर्भर करेगा. देवभूमि रक्षा अभियान' इसके बाद पुरोला में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुकानें बंद की. करीब 12 लोग दुकानों से सामान समेटकर वापस भी गये. इसके बाद हिंदू संगठनों ने यहां महापंचायत का ऐलान किया. जिसके बाद बाद पुरोला में माहौल तनाव पूर्ण हो गया. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए यहां धारा 144 लागू की गई. पुरोला में करीब 300 पुलिस के जवान तैनात किए गए. इसके बाद बमुश्किल महापंचायत स्थगित हुई. तब से पुरोला में माहौल शांतिपूर्ण है

देहरादून: उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में हुए तनाव और दो समुदाय में विवाद के लगभग 24 दिन बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं. प्रशासन ने क्षेत्र में लगी धारा 144 को भी हटा दिया है. 26 मई से शुरू हुए विवाद के बाद यहां हालात तनावपूर्ण थे. हिंदू और मुस्लिम संगठनों की महापंचायत की घोषणा ने इस क्षेत्र में और अशांति फैला दी थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने यहां मोर्चा संभाला. जिसके बाद धीरे धीरे पुरोला में हालात सामान्य होने लगे हैं. आज सुबह कई मुस्लिमों ने दुकानें खोली बल्कि उन्होंने अमनचैन और शांति का भी संदेश दिया.

पुरोला में मोहम्मद रईस लगभग 60 साल से रह रहे हैं. उनका भाई खालिम भी उन्हीं के साथ रहता है. इन दोनों भाइयों ने आज कई दिनों बाद अपनी दुकानें खोली. इस दौरान दोनों भाइयों ने बताया उनके पिता आज से 60 साल पहले यहां आये. जिसके बाद से ही वे यहां रह रहे हैं. आज दोनों भाई पुरोला में ही व्यापार करते हैं. मोहम्मद रईस पुरोला में कपड़ों की दुकान लगाते हैं. उनका भाई खलील नाई की दुकान चलाता है. खलील की दो दुकानें हैं. दोनों भाईयों ने कहा बीते दिनों हुए घटनाक्रम के कारण उनकी जिंदगी में उनके परिवार में या उनके संबंधों में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई है. आज भी वे बाजार में लोगों से उसी तरह से मिल रहे हैं जैसे पहले मिला करते थे. आज भी फोन पर उनसे बात हो रही है.

पढे़ं- Uttarakhand Purola love jihad: 18 जून को देहरादून में होने वाली मुस्लिम महापंचायत रद्द

दोनों भाई बताते हैं हमें आज तक यह महसूस ही नहीं हुआ कि हम कभी नीचे रहा करते थे. बचपन की पढ़ाई, रोजगार, शादी सभी कुछ यहीं पर हुआ. जिसके कारण वे यहां से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा बीते दिनों जो यहां हुआ उससे मन दुखी है. इसके साथ ही बड़कोट में जो लोग काम छोड़ कर चले गए थे वह भी वापस आ गए हैं. 57 वर्ष के इरफान अहमद इन्हीं में से एक हैं. इरफान अहमद ने कहा रवांई घाटी ने आज तक उन्हें यह महसूस नहीं होने दिया कि वह मुस्लिम हैं. उन्होंने कहा वे यहां होने वाले सभी कारिजों में जाते हैं. सभी हमे बड़ी इज्जत देते हैं. वे कहते हैं बीते दिनों हुआ विवाद एक सोची समझी साजिश हो सकता है. उन्होंने कहा जिन लोगों ने ये हरकत की है प्रशासन उन्हें चिन्हित कर रहा है. उन्होंने कहा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इरफान अहमद ने उम्मीद जताई की जल्द ही सबकुछ ठीक हो जाएगा.

पढे़ं- उत्तराखंड के पुरोला में क्यों और कैसे सुलगा 'लव जिहाद' का मामला, मौजूदा हालात पर डालें एक नजर

बता दें पुरोला में अब 24 दिन बाद हालात सामान्य होने लगे हैं. हालांकि पुलिस ने पुरोला क्षेत्र में अभी भी मोर्चा संभाला हुआ है. पुरोला आने जाने वाली हर गाड़ी और हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है. इतना ही नहीं प्रशासन और सरकार की अपील के बाद भी कुछ विशेष समुदाय के व्यापारी दोबारा देहरादून से पुरोला की तरफ आ गए हैं. उम्मीद भी जताई जा रही है कि मंगलवार से पूरा बाजार खुलना शुरू हो जाएगा.

purola love jihad case latest news
पुरोला लव जिहाद मामला

कब और कैसे शुरू हुआ विवाद: ये पूरा विवाद 26 मई 2023 को शुरू हुआ. जब पुरोला में एक मुस्लिम युवक उबैद खान और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. आरोप था कि ये दोनों युवक पुरोला क्षेत्र की हिंदू नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का प्रयास कर रहे थे. लोगों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद उन्होंने मामले को हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाने के अलावा लव जिहाद से जोड़ दिया. इसके बाद तो मामला और गरमा गया. स्थानीय लोगों ने बाहरी व्यापारियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर ले लिया.

purola love jihad case latest news
पुरोला लव जिहाद मामला

27 मई को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने पुरोला में मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सभी को पुरोला छोड़कर जाने की चेतावनी दी जाने लगी, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में डर का माहौल बन गया. इसी बीच 4 जून की रात हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए.पोस्टर में धमकी भरे शब्दों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को जल्द से जल्द दुकानें खाली करने की बात लिखी गई.

purola love jihad case latest news
पुरोला लव जिहाद मामला

मुस्लिम समुदाय दुकानों के बाहर कथित चस्पा पोस्टर देवभूमि रक्षा अभियान के हवाले से लगाया था. जिसमें लिखा गया था कि 'लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पूर्व अपनी दुकानें खाली कर दें, यदि तुम्हारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो वह वक्त पर निर्भर करेगा. देवभूमि रक्षा अभियान' इसके बाद पुरोला में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुकानें बंद की. करीब 12 लोग दुकानों से सामान समेटकर वापस भी गये. इसके बाद हिंदू संगठनों ने यहां महापंचायत का ऐलान किया. जिसके बाद बाद पुरोला में माहौल तनाव पूर्ण हो गया. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए यहां धारा 144 लागू की गई. पुरोला में करीब 300 पुलिस के जवान तैनात किए गए. इसके बाद बमुश्किल महापंचायत स्थगित हुई. तब से पुरोला में माहौल शांतिपूर्ण है

Last Updated : Jun 19, 2023, 10:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.