देहरादून: राजधानी देहरादून में मुस्लिम समुदाय ने रविवार को गांधी रोड स्थित पुराने बस अड्डे पर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर जन आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने सरकार पर मुस्लिम और दलितों पर हो रहे अत्याचारों का आरोप लगाया है.
रविवार को देहरादून में मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग गांधी रोड स्थित पुराने बस अड्डे के परिसर में एकत्रित हुए. जहां शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद काजमी और इमाम संगठन के अध्यक्ष रईस अहमद काजमी पहुंचे और मुस्लिम समुदाय को संबोधित किया. कार्यक्रम स्थल में बड़ी संख्या में लोग तिरंगा झंडा लेकर पहुंचे और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए.
इस दौरान मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने बताया कि उनका यह प्रदर्शन किसी सरकार या व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि संविधान सम्मत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री को अवगत कराने के लिए है.
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उन्होंने कहा कि जिस प्रकार देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. जिसे देखते हुए मुस्लिम समुदाय के संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें गलत तरीके गिरफ्तार किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार संविधान सम्मत आचरण करते हुए भारत के प्रत्येक नागरिक के अधिकारों की रक्षा करेगी.
उन्होंने कहा कि सरकारों का यह कर्तव्य होता है कि वह प्रत्येक नागरिक की जान माल तथा अधिकारों की सुरक्षा करे. लेकिन कुछ समय से मुस्लिमों और दलितों पर हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं. कुछ राजनेताओं का ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करना चिंता का विषय है. मुस्लिम सेवा संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अराजक तत्वों को संरक्षण देने वाले नेताओं पर तत्काल कार्रवाई की जाए. इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने के लिए मांग उठाई.
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जन आक्रोश रैली के माध्यम से मुस्लिम सेवा संगठन ने कहा कि कि ये एक देशभक्ति से ओतप्रोत सामाजिक संगठन है. इसके अलावा सबने एक स्वर में गाय को राष्ट्रपशु घोषित किए जाने की मांग की.