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नगर निकाय कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार, चौपट हुआ कामकाज - warning of municipal employees

प्रदेशभर में आज नगर निकाय कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया. जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ ही अन्य कामों पर भी असर पड़ा. नगर निकाय कर्मचारियों ने मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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नगर निकाय कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार
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Published : Sep 13, 2021, 5:37 PM IST

देहरादून/मसूरी: राज्य के सभी नगर निकायों में 20 सितंबर से सफाई व्यवस्था ठप हो सकती है. उत्तराखंड के सभी नगर निकायों में कर्मचारी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं. देहरादून नगर निगम में अपनी मांगें पूरी करने के लिए कर्मचारियों ने एक दिन सामूहिक अवकाश किया. साथ ही उन्होंने बताया अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो 20 सितंबर को प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जायेगा.

देहरादून नगर आयुक्त अभिषेक रोहिला ने नगर निकाय कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए शासन स्तर पर पत्र भेजा है. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. कर्मचारियों का कहना है कि अगर जल्दी उनकी मांगों को निस्तारित नहीं किया गया तो 20 तारीख से वह पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार कर देंगे.

नगर निकाय कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार

पढ़ें- MLA राजकुमार की 'घर वापसी' पर बोले गोदियाल, पार्टी हो रही मजबूत

बताते चलें कि अकेले देहरादून जिले के नगर निकायों में लगभग 5000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. ऐसे में अगर कर्मचारी हड़ताल पर गए तो देहरादून सहित राज्य की सफाई व्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम बहादुर ने बताया कि कर्मचारियों को 2016 से मिलने वाला सातवां वेतनमान जारी हुआ था. जिसका आवास भत्ता भी नगर निगम कर्मचारियों को अभी नहीं दिया गया. साथ ही अभी तक कर्मचारियों को हेल्थ कार्ड भी नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही कर्मचारियों की सभी मांग पूरी नही की गई तो वह 20 तारीख को प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे.

पढ़ें- उत्तराखंड कांग्रेस को लगा झटका, पुरोला विधायक राजकुमार की हुई 'घर वापसी'

वहीं, नगर पालिका परिषद मसूरी के कर्मचारियों ने सोमवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश रखा. जिसके कारण कार्यालयों के काम, सफाई व्यवस्था पूरे तरीके से ठप्प रहे. नगर पालिका परिषद कर्मचारी संघ मसूरी द्वारा आठ सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिसको लेकर लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, मसूरी में गंदगी का अंबार लग गया है. आज न तो सफाई कर्मचारी और न ही नगरपालिका में कार्यरत कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं, अगर 19 तारीख तक सरकार द्वारा नगर निकाय कर्मचारी संघ की 8 सूत्रीय मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो 20 तारीख से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

पढ़ें- उत्तराखंड के अस्पतालों में 40% डॉक्टरों के पद हैं खाली, कैसे होगा 'बीमार' अस्पतालों का इलाज?

कर्मचारियों ने कहा जिस तरीके से उत्तराखंड सरकार नगर निकाय कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है और उनकी जायज मांगों को नहीं माना जा रहा है तो आने वाले 2022 में भाजपा सरकार को जवाब दिया जाएगा.

महावीर सिंह राणा अध्यक्ष नगर पालिका परिषद कर्मचारी संघ मसूरी ने कहा प्रदेशभर के नगर निकाय के कर्मचारी अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा 19 सितंबर तक अगर सरकार द्वारा नगर निकाय कर्मचारियों के द्वारा उठाई जा रही 8 मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो 20 तारीख से पूरे उत्तराखंड कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

पढ़ें- उत्तराखंड: स्टाफ और मेडिकल सुविधाओं से जूझ रहे अस्पताल, कैसे पाएंगे कोरोना से 'पार'

उन्होंने बताया 16 से 18 सितंबर तक प्रदेश के समस्त निकायों में कार्मिक धरना प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होने कहा राज्य सरकार द्वारा नगर निकाय कर्मचारियों की अनदेखी कर रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. वहीं, अगर सरकार उनकी मांगों को लेकर जल्द निर्णय नहीं लेती तो आंदोलन को उग्र कर 2022 के चुनाव में भाजपा को सबक सिखाया जाएगा.

देहरादून/मसूरी: राज्य के सभी नगर निकायों में 20 सितंबर से सफाई व्यवस्था ठप हो सकती है. उत्तराखंड के सभी नगर निकायों में कर्मचारी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं. देहरादून नगर निगम में अपनी मांगें पूरी करने के लिए कर्मचारियों ने एक दिन सामूहिक अवकाश किया. साथ ही उन्होंने बताया अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो 20 सितंबर को प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जायेगा.

देहरादून नगर आयुक्त अभिषेक रोहिला ने नगर निकाय कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए शासन स्तर पर पत्र भेजा है. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. कर्मचारियों का कहना है कि अगर जल्दी उनकी मांगों को निस्तारित नहीं किया गया तो 20 तारीख से वह पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार कर देंगे.

नगर निकाय कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार

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बताते चलें कि अकेले देहरादून जिले के नगर निकायों में लगभग 5000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. ऐसे में अगर कर्मचारी हड़ताल पर गए तो देहरादून सहित राज्य की सफाई व्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम बहादुर ने बताया कि कर्मचारियों को 2016 से मिलने वाला सातवां वेतनमान जारी हुआ था. जिसका आवास भत्ता भी नगर निगम कर्मचारियों को अभी नहीं दिया गया. साथ ही अभी तक कर्मचारियों को हेल्थ कार्ड भी नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही कर्मचारियों की सभी मांग पूरी नही की गई तो वह 20 तारीख को प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे.

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वहीं, नगर पालिका परिषद मसूरी के कर्मचारियों ने सोमवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश रखा. जिसके कारण कार्यालयों के काम, सफाई व्यवस्था पूरे तरीके से ठप्प रहे. नगर पालिका परिषद कर्मचारी संघ मसूरी द्वारा आठ सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिसको लेकर लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, मसूरी में गंदगी का अंबार लग गया है. आज न तो सफाई कर्मचारी और न ही नगरपालिका में कार्यरत कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं, अगर 19 तारीख तक सरकार द्वारा नगर निकाय कर्मचारी संघ की 8 सूत्रीय मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो 20 तारीख से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

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कर्मचारियों ने कहा जिस तरीके से उत्तराखंड सरकार नगर निकाय कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है और उनकी जायज मांगों को नहीं माना जा रहा है तो आने वाले 2022 में भाजपा सरकार को जवाब दिया जाएगा.

महावीर सिंह राणा अध्यक्ष नगर पालिका परिषद कर्मचारी संघ मसूरी ने कहा प्रदेशभर के नगर निकाय के कर्मचारी अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा 19 सितंबर तक अगर सरकार द्वारा नगर निकाय कर्मचारियों के द्वारा उठाई जा रही 8 मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो 20 तारीख से पूरे उत्तराखंड कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

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उन्होंने बताया 16 से 18 सितंबर तक प्रदेश के समस्त निकायों में कार्मिक धरना प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होने कहा राज्य सरकार द्वारा नगर निकाय कर्मचारियों की अनदेखी कर रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. वहीं, अगर सरकार उनकी मांगों को लेकर जल्द निर्णय नहीं लेती तो आंदोलन को उग्र कर 2022 के चुनाव में भाजपा को सबक सिखाया जाएगा.

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