देहरादून: दून की सड़कों पर अगर आप चलते हैं तो नगर निगम की गाड़ियों से जरा बचकर रहें. ये गाड़ियां बिना नंबर प्लेट के ही सरपट शहरों में दौड़ रही हैं. निगम की इन गाड़ियों को खरीदे हुए तीन महीने से ज्यादा वक्त हो चुका हैं. बावजूद इसके इन गाड़ियों में रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लगा है.
नगर की निगम की लगभग 40 डोर-टू-डोर कूड़ा उठान गाड़िया ऐसे ही बिना नंबर प्लेट के दौड़ रही हैं. ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाता है तो इन गाड़ियों की पहचान भी नहीं हो सकेगी. नियमों का माखौल उड़ाती 'छोटी सरकार' का कहना है कि डोर-डू-डोर क्लेक्शन का ठेका प्राइवेट कंपनी को दिए गये हैं, जिन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी गाड़ी में नंबर लगा हो.
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मोटर वाहन एक्ट की बात करें तो सड़कों पर वाहन बगैर इंश्योरेंस और गाड़ी नंबर के नहीं उतरने चाहिए. अगर ऐसा होता है तो गाड़ी को सीज करने के साथ ही चालक के साथ ही चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन नगर निगम प्रशासन तीन माह से रजिस्ट्रेशन नंबर न लेकर नियमों का मखौल उड़ा रहा है.
शहर में पिछले 3 महीनों से डोर टू डोर कूड़ा उठान की गाड़ियां बिना नम्बर प्लेट के ही वार्डों से कुड़ा उठाने का काम कर रही है. नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि रैमकी कंपनी को डोर टू डोर कूड़ा उठान का काम दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी गाड़ियों के इंश्योरेंस भी हैं और नंबर भी. कंपनी को टेंडर देने से पहले साफ कहा गया था कि गाड़ी में नेम प्लेट लगाए. विनय शंकर ने कहा कि अगर नियम का उल्लंघन हो रहा है तो आरटीओ को इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं, एआरटीओ अरविंद पांडे का कहना है कि पहले भी कई बार नगर निगम की बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां शहर में चलने की शिकायतें आई थीं. उसके दौरान नगर आयुक्त से मिलकर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया था और उसके बाद 42 गाड़िया आरटीओ से रजिस्ट्रेशन करवा लिया था. अगर शहर में नगर निगम की गाड़ियां अभी भी बिना नंबर प्लेट के दिखाई देती हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.