ऋषिकेश: कहते हैं कि कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की कोशिश है कि लोगों को फौरी तौर पर ज्यादा से ज्यादा सहायता दी जा सके. यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना की शुरुआत की है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों खासकर जो ठेली या रेहड़ी आदि चलाकर अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं. वहीं, ऋषिकेश में नगर आयुक्त और उनकी टीम के द्वारा एक रेहड़ी चालक की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है. सवाल यह है कि यदि फल विक्रेता ने कानून का उल्लंघन किया है तो उसे नगर निगम के लोग मारपीट कर रहे हैं जो की अंसवैधानिक है, जिसके लिए क्या उनको को सजा मिलेगी?
हालांकि, इसका संज्ञान लेते हुए ऋषिकेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थाने में तहरीर दी है कि वीडियो में दिख रहे आरोपी के खिलाफ पुलिस तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे. दरअसल, सोशल मीडिया पर निगम के आयुक्त और निगम कर्मचारियों द्वारा एक फल विक्रेता को पीटने का वीडियो वायरल हुआ है. जिसके बाद कांग्रेसियों ने यह शिकायत की है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि नगर निगम के पास अधिकार है कि अवैध तरीके सड़क के किनारे हुए कब्जे को हटाए लेकिन कहीं भी यह अधिकार नहीं है कि वो अभियुक्त के साथ हाथापाई करे.
ऋषिकेश क्षेत्र में सरेआम बुजुर्ग फल विक्रेता के साथ मारपीट के वायरल वीडियो को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता बिफर गए हैं. उन्होंने नगर निगम के नगर आयुक्त और अन्य कर्मचारियों पर मारपीट का आरोप लगाया है. कोतवाली में पुलिस को शिकायत देते हुए मामले की जांच कर मारपीट में संलिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने पर कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के गुंडागर्दी को बयां करता है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से निगम कर्मचारी और पीआरडी के जवान सहित अधिकारी भी जमकर लात-घूसे चला रहे हैं. सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि किसी भी व्यक्ति को इस तरह से पीटने की आजादी निगम की टीम को किसने दी. वहीं, अब इस पूरे मामले में उच्च अधिकारी क्या कुछ कार्रवाई करते हैं यह भी देखने वाली बात होगी.