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कमलनाथ सरकार के संकटमोचक बनकर भोपाल पहुंचे हरीश रावत और मुकुल वासनिक

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर इस समय खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इसके लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक भोपाल पहुंचे.

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Published : Mar 12, 2020, 1:42 PM IST

mukul wasnik and harish rawat
भोपाल पहुंचे मुकुल वासनिक और हरीश रावत

देहरादून: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट बना हुआ है. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को भोपाल भेजा है. इन दोनों नेताओं को मध्य प्रदेश की स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुसार, सभी 22 बागी विधायक पार्टी के संपर्क में हैं और वो आश्वस्त हैं कि वे विधायक बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. दरअसल, कांग्रेस हाईकमान ने मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद कमलनाथ सरकार को बचाने के प्रयास के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी है.

गौरतलब है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद उनके समर्थकों में से 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा अन्य विधायकों पर भी भाजपा की नजरें जमीं हुई थीं. पूर्व सीएम हरीश रावत जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे तो उस दौरान वो भी 2016 में ऐसी ही स्थिति का सामना कर चुके हैं. उस समय कांग्रेस के 9 विधायकों ने बजट पास होने के समय हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह करके उनकी सरकार गिराने की कोशिश की थी.

ये भी पढ़ें: देहरादून: धरना स्थल शिफ्टिंग मामले ने पकड़ा तूल, प्रतिनिधिमंडल ने CM से की मुलाकात

बिल्कुल ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर रही मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर भरोसा जताया है. फिलहाल, पूर्व सीएम हरीश रावत भोपाल में उन बागी 22 विधायकों के साथ संपर्क में हैं.

देहरादून: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट बना हुआ है. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को भोपाल भेजा है. इन दोनों नेताओं को मध्य प्रदेश की स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुसार, सभी 22 बागी विधायक पार्टी के संपर्क में हैं और वो आश्वस्त हैं कि वे विधायक बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. दरअसल, कांग्रेस हाईकमान ने मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद कमलनाथ सरकार को बचाने के प्रयास के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी है.

गौरतलब है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद उनके समर्थकों में से 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा अन्य विधायकों पर भी भाजपा की नजरें जमीं हुई थीं. पूर्व सीएम हरीश रावत जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे तो उस दौरान वो भी 2016 में ऐसी ही स्थिति का सामना कर चुके हैं. उस समय कांग्रेस के 9 विधायकों ने बजट पास होने के समय हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह करके उनकी सरकार गिराने की कोशिश की थी.

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बिल्कुल ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर रही मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर भरोसा जताया है. फिलहाल, पूर्व सीएम हरीश रावत भोपाल में उन बागी 22 विधायकों के साथ संपर्क में हैं.

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