देहरादूनः इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल का समर्थन किया है. वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए प्रदर्शन कर रहे है. इतना ही नहीं, एएमयू के छात्र 'वी स्टैंड विद फिलिस्तीन' का पोस्टर लेकर धार्मिक नारे भी लगा रहे हैं. यही कारण है कि इन दिनों देश में फिलिस्तान-इजरायल युद्ध और एएमयू छात्रों द्वारा फिलिस्तान का समर्थन का मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है.
एएमयू के छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर एएमयू के एजुकेशन बोर्ड मेंबर मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि छात्रों का काम प्रदर्शन करने का नहीं है. लिहाजा, इस तरह की राजनीति छात्रों को हॉस्टल में नहीं करना चाहिए. बल्कि हॉस्टल के बाहर करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये वर्ल्ड लेवल की राजनीति है. लिहाजा एएमयू और जामिया के छात्रों को इसमें नही पड़ना चाहिए. उन्हें अपने भविष्य को संवारना चाहिए.
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मुफ्ती शमून कासमी ने बड़ा बयान देते हुए राजनीतिक दलों पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि बच्चों का इस्तेमाल टीचर्स को नहीं करना चाहिए. कुछ राजनीतिक दल बच्चों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे दलों पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि एएमयू के संस्थापक सैय्यद अहमद खां ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एजुकेशन को जिया और मुस्लिम यूनिवर्सिटी को बनाया. हालांकि, अगर मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अलग कर दिया जाए तो मुस्लिमों के पास कुछ नहीं रह जाएगा. उन्होंने एएमयू के छात्रों को राजनीति न करने की नसीहत दी है.