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शीतकालीन सत्रः सांसद तीरथ सिंह रावत ने गौचर में हवाई विस्तारीकरण का उठाया मुद्दा

संसद में गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुये तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चमोली जिले के गौचर में वर्षों से विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण होना आवश्यक है.

tirath singh rawat
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Published : Nov 19, 2019, 6:24 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 6:42 PM IST

नई दिल्ली/देहरादून: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद तीरथ सिंह रावत ने चमोली जिले के गौचर में विमान क्षेत्र के विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण का मुद्दा उठाया. रावत ने इस मुद्दे पर केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुये प्रस्ताव रखा कि इस क्षेत्र ने इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. यह क्षेत्र सबसे बड़े व्यापार मेलों में से एक का स्थान भी रहा है. ऐसे में यहां विमान सेवा का होना बेहद जरूरी है.

संसद में गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुये तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चमोली जिले के गौचर स्थान पर वर्षों से विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण होना आवश्यक है. ये क्षेत्र बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित है. सैन्य सामाजिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है.

संसद में अपनी बात रखते सांसद तीरथ सिंह रावत.

ये भी पढ़ेंः एनएच-74 घोटाला: ईडी की बड़ी कार्रवाई, 21.96 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

भारत-तिब्बत संबंधों में गौचर की प्रमुख भूमिका का जिक्र करते हुये रावत ने कहा कि 1943 से गौचर उत्तराखंड में सबसे बड़े व्यापार मेलों में से जाना जाता है. गढ़वाल हिमालय के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले चमोली जिले के भोटिया, ऊन के प्रसंस्करण और रंग के अलावा, ऊनी वस्त्रों के लिए जाने जाते हैं. 1948 तक भारत और पूर्व तिब्बत के बीच अंतर-सीमा व्यापार था. इसके लिये सामारिक मेला चलता था.

मेले में भोटिया लोगों के लिये स्वदेशी कुटीर उद्योग के लिए ऊन का आयात, आय का प्रमुख स्रोत था. इसके साथ ही कीमती गहने और बर्तन बेचने के लिए भी इस क्षेत्र ने विशाल बाजार के रूप में काम किया. लेकिन 1962 के बाद चीन और भारत के बीच संघर्ष के कारण व्यापार बंद कर दिया गया था. यह मेला केवल एक स्थानीय मेला नहीं था. लोग देशभर से यहां व्यापार करने आते थे. उसके बाद आज भी कृषि औद्योगिक मेला बरसों से यहां चलता है.

ये भी पढ़ेंः 'अमिताभ बच्चन' के सामने हॉट सीट पर बैठे DM पति-पत्नी, जीते एक करोड़ रुपए

रावत ने कहा कि चमोली जिले से बदरी-केदार, फूलों की घाटी व हेमकुंड साहिब जैसे दर्शनीय स्थल जुड़े हैं. ऐसी स्थिति में यहां जल्दी ही हवाई सेवा प्रारंभ होना जरूरी है. इससे तीर्थाटन को भी काफी मजबूती मिलेगी. सैन्य बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण वहां लोगों को भी मदद मिलेगी.

तीरथ सिंह रावत ने इस दौरान केदारनाथ में 2013 में आई विध्वंसकारी आपदा का भी उदाहरण दिया जब सैन्य विमानों ने वहां उतरकर आपदा के दौरान मदद की थी, वहां बड़ी-बड़ी मशीनें उतारने में सहयोग किया था. रावत ने कहा कि उसी प्रकार ऐसे क्षेत्रों में मदद के लिये विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण बेहद आवश्यक है.

ये भी पढ़ेंः सरकारी भूमि बेचने के आरोपों से बरी हुए बेनाम, कहा- अफवाह फैलाने के खिलाफ करूंगा कानूनी कार्रवाई

हादसे में घायल हुये थे तीरथ
कुछ समय पहले गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दूसरी गाड़ी को बचाने के चक्कर में हरिद्वार के भीमगोड़ा सप्त ऋषि मार्ग पर यह हादसा हुआ था. हादसे में तीरथ सिंह रावत घायल हो गए और गनर, ड्राइवर और पीआरओ को भी चोटें आई थीं. हादसे के तुरंत बाद उन्हें हरिद्वार के सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया. उसके बाद ऋषिकेश एम्स में उनका इलाज चला. गढ़वाल सांसद के कंधे, कमर और गर्दन में गुम चोटें आई थीं.

हालांकि, थोड़ा स्वस्थ होने के तुरंत बाद तीरथ सिंह रावत संसद में नजर आए और चमोली जिले से संबंधित इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उड्डयन मंत्री का ध्यान आकर्षित किया.

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गौर हो कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को हंगामेदार रही. कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के मसले पर हंगामा किया. इस सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधयेक 2019 पर चर्चा उसी प्रकार सरकार के मुख्य एजेंडा में शामिल है, जिस प्रकार मानसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को प्रमुखता दी थी. केंद्र सरकार इस सत्र के दौरान नागरिकता (संशोधन) विधयेक को पास करवाना चाहेगी.

केंद्र सरकार इस सत्र में करीब 35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है. इन विधेयकों में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 भी शामिल है. मौजूदा समय में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं. संसद का यह सत्र 13 दिसंबर को समाप्त होगा.

नई दिल्ली/देहरादून: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद तीरथ सिंह रावत ने चमोली जिले के गौचर में विमान क्षेत्र के विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण का मुद्दा उठाया. रावत ने इस मुद्दे पर केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुये प्रस्ताव रखा कि इस क्षेत्र ने इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. यह क्षेत्र सबसे बड़े व्यापार मेलों में से एक का स्थान भी रहा है. ऐसे में यहां विमान सेवा का होना बेहद जरूरी है.

संसद में गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुये तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चमोली जिले के गौचर स्थान पर वर्षों से विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण होना आवश्यक है. ये क्षेत्र बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित है. सैन्य सामाजिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है.

संसद में अपनी बात रखते सांसद तीरथ सिंह रावत.

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भारत-तिब्बत संबंधों में गौचर की प्रमुख भूमिका का जिक्र करते हुये रावत ने कहा कि 1943 से गौचर उत्तराखंड में सबसे बड़े व्यापार मेलों में से जाना जाता है. गढ़वाल हिमालय के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले चमोली जिले के भोटिया, ऊन के प्रसंस्करण और रंग के अलावा, ऊनी वस्त्रों के लिए जाने जाते हैं. 1948 तक भारत और पूर्व तिब्बत के बीच अंतर-सीमा व्यापार था. इसके लिये सामारिक मेला चलता था.

मेले में भोटिया लोगों के लिये स्वदेशी कुटीर उद्योग के लिए ऊन का आयात, आय का प्रमुख स्रोत था. इसके साथ ही कीमती गहने और बर्तन बेचने के लिए भी इस क्षेत्र ने विशाल बाजार के रूप में काम किया. लेकिन 1962 के बाद चीन और भारत के बीच संघर्ष के कारण व्यापार बंद कर दिया गया था. यह मेला केवल एक स्थानीय मेला नहीं था. लोग देशभर से यहां व्यापार करने आते थे. उसके बाद आज भी कृषि औद्योगिक मेला बरसों से यहां चलता है.

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रावत ने कहा कि चमोली जिले से बदरी-केदार, फूलों की घाटी व हेमकुंड साहिब जैसे दर्शनीय स्थल जुड़े हैं. ऐसी स्थिति में यहां जल्दी ही हवाई सेवा प्रारंभ होना जरूरी है. इससे तीर्थाटन को भी काफी मजबूती मिलेगी. सैन्य बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण वहां लोगों को भी मदद मिलेगी.

तीरथ सिंह रावत ने इस दौरान केदारनाथ में 2013 में आई विध्वंसकारी आपदा का भी उदाहरण दिया जब सैन्य विमानों ने वहां उतरकर आपदा के दौरान मदद की थी, वहां बड़ी-बड़ी मशीनें उतारने में सहयोग किया था. रावत ने कहा कि उसी प्रकार ऐसे क्षेत्रों में मदद के लिये विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण बेहद आवश्यक है.

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हादसे में घायल हुये थे तीरथ
कुछ समय पहले गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दूसरी गाड़ी को बचाने के चक्कर में हरिद्वार के भीमगोड़ा सप्त ऋषि मार्ग पर यह हादसा हुआ था. हादसे में तीरथ सिंह रावत घायल हो गए और गनर, ड्राइवर और पीआरओ को भी चोटें आई थीं. हादसे के तुरंत बाद उन्हें हरिद्वार के सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया. उसके बाद ऋषिकेश एम्स में उनका इलाज चला. गढ़वाल सांसद के कंधे, कमर और गर्दन में गुम चोटें आई थीं.

हालांकि, थोड़ा स्वस्थ होने के तुरंत बाद तीरथ सिंह रावत संसद में नजर आए और चमोली जिले से संबंधित इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उड्डयन मंत्री का ध्यान आकर्षित किया.

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गौर हो कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को हंगामेदार रही. कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के मसले पर हंगामा किया. इस सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधयेक 2019 पर चर्चा उसी प्रकार सरकार के मुख्य एजेंडा में शामिल है, जिस प्रकार मानसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को प्रमुखता दी थी. केंद्र सरकार इस सत्र के दौरान नागरिकता (संशोधन) विधयेक को पास करवाना चाहेगी.

केंद्र सरकार इस सत्र में करीब 35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है. इन विधेयकों में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 भी शामिल है. मौजूदा समय में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं. संसद का यह सत्र 13 दिसंबर को समाप्त होगा.

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नई दिल्ली / देहरादून: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद तीरथ सिंह रावत ने चमोली जिले के गौचर में विमान क्षेत्र के विस्तारीकरण व आधुनिकिकरण का मुद्दा उठाया. रावत ने इस मुद्दे पर केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुये प्रस्ताव रखा कि इस क्षेत्र ने इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. यह क्षेत्र सबसे बड़े व्यापार मेलों में से एक का स्थान भी रहा है. ऐसे में यहां विमान सेवा का होना बेहद जरूरी है. 



संसद में गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुये तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चमोली जिले के गौचर स्थान पर वर्षों से विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकिकरण होना आवश्यक है. ये क्षेत्र बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित है. सैन्य सामाजिक दृष्टि से अधिक महत्वपू्र्ण है.



भारत-तिब्बत संबंधों में गौचर की प्रमुख भूमिका का जिक्र करते हुये रावत ने कहा कि 1943 से गौचर उत्तराखंड में सबसे बड़े व्यापार मेलों में से जाना जाता है. गढ़वाल हिमालय के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले चमोली जिले के भोटिया, ऊन के प्रसंस्करण और रंग के अलावा, ऊनी वस्त्रों के लिए जाने जाते हैं. 1948 तक भारत और पूर्व तिब्बत के बीच अंतर-सीमा व्यापार था. इसके लिये सामारिक मेला चलता था.



मेले में भोटिया लोगों के लिये स्वदेशी कुटीर उद्योग के लिए ऊन का आयात, आय का प्रमुख स्रोत था. इसके साथ ही कीमती गहने और बर्तन बेचने के लिए भी इस क्षेत्र ने विशाल बाजार के रूप में काम किया. लेकिन 1962 के बाद चीन और भारत के बीच संघर्ष के कारण व्यापार बंद कर दिया गया था. यह मेला केवल एक स्थानीय मेला नहीं था. लोग देशभर से यहां व्यापार करने आते थे. उसके बाद आज भी कृषि औद्योगिक मेला बरसों से यहां चलता है.



रावत ने कहा कि चमोली जिले से बदरी-केदार, फूलों की घाटी व हेमकुंड साहिब जैसे दर्शनीय स्थल जुड़े हैं. ऐसी स्थिति में यहां जल्दी ही हवाई सेवा प्रारंभ होना जरूरी है. इससे तीर्थाटन को भी काफी मजबूती मिलेगी. सैन्य बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण वहां लोगों को भी मदद मिलेगी.



तीरथ सिंह रावत ने इस दौरान केदारनाथ में 2013 में आई विध्वंसकारी आपदा का भी उदाहरण दिया जब सैन्य विमानों ने वहां उतरकर आपदा के दौरान मदद की थी, वहां बड़ी-बड़ी मशीने उतारने में सहयोग किया था. रावत ने कहा कि उसी प्रकार ऐसे क्षेत्रों में मदद के लिये विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकिकरण बेहद आवश्यक है.



हादसे में घायल हुये थे तीरथ

कुछ समय पहले गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दूसरी गाड़ी को बचाने के चक्कर में हरिद्वार के भीमगोड़ा सप्त ऋषि मार्ग पर यह हादसा हुआ था. हादसे में तीरथ सिंह रावत घायल हो गए और गनर, ड्राइवर और पीआरओ को भी चोटें आई थीं. हादसे के तुरंत बाद उन्हें हरिद्वार के सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया. उसके बाद ऋषिकेश एम्स में उनका इलाज चला. गढ़वाल सांसद के कंधे, कमर और गर्दन में गुम चोटें आई थीं.



हालांकि, थोड़ा स्वस्थ होने के तुरंत बाद तीरथ सिंह रावत संसद में नजर आए और चमोली जिले से संबंधित इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उड्डयन मंत्री का ध्यान आकर्षित किया.

 



गौर हो कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को हंगामेदार रही. कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के मसले पर हंगामा किया. इस सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधयेक 2019 पर चर्चा उसी प्रकार सरकार के मुख्य एजेंडा में शामिल है, जिस प्रकार मानसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को प्रमुखता दी थी. केंद्र सरकार इस सत्र के दौरान नागरिकता (संशोधन) विधयेक को पास करवाना चाहेगी.



केंद्र सरकार इस सत्र में करीब 35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है. इन विधेयकों में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 भी शामिल है. मौजूदा समय में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं. संसद का यह सत्र 13 दिसंबर को समाप्त होगा. 


Conclusion:
Last Updated : Nov 19, 2019, 6:42 PM IST
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