ऋषिकेश: जी 20 कार्यक्रम को लेकर उत्तराखंड सरकार राज्य की सभी सड़कों की मरम्मत या निर्माण कार्य कर रही है. इसी कड़ी में स्वर्गाश्रम क्षेत्र में सड़क निर्माण किया जा रहा है. जिससे जानकी पुल पर लोगों की आवाजाही ठप कर दी गई है, लेकिन राम झूला पुल पर लोगों की आवाजाही बढ़ गई है. ऐसे में अगर लोगों की भीड़ का दबाव राम झूला पुल पर ज्यादा पड़ा, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है. ये बात लोक निर्माण विभाग अधिकारी ने कही है.
बता दें कि समय सीमा पूरी करने के बाद लक्ष्मण झूला पुल कई महीनों से लोगों की आवाजाही के लिए बंद है. जानकी पुल और रामझूला पुल से ही लोग अपने-अपने गंतव्य की ओर आना-जाना कर रहे हैं. वर्तमान समय में चारधाम यात्रा अपने पीक पर है. गर्मी का सीजन होने की वजह से राफ्टिंग करने वाले हजारों पर्यटक भी प्रतिदिन मुनि की रेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. इससे राम झूला पुल पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के साथ श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ गया है.
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता गंभीर सिंह असवाल ने बताया कि राम झूला पुल की क्षमता एक समय में अधिकतम 700 से 800 आदमियों के गुजरने की है. अगर इस संख्या से अधिक लोग पुल पर पहुंचेंगे, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि राम झूला पुल काफी पुराना बना हुआ है. उन्होंने बताया कि जानकी सेतु पर आवाजाही लोक निर्माण विभाग ने नहीं, बल्कि सिंचाई विभाग ने बंद की है. वहीं, वह इस मामले की जानकारी प्रशासन को देने जा रहे हैं.
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स्थानीय लोगों को हो रहीं दिक्कत: स्थानीय लोगों ने बताया कि राम झूला पुल बंद होने की वजह से प्रतिदिन आवाजाही करने वाले लोगों और स्कूल जाने वाले बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुल के एक छोर से दूसरे छोर पहुंचने में आधे घंटे तक का वक्त लग रहा है. जिससे लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि लक्ष्मण झूला पुल पहले से ही बंद था, लेकिन अब जानकी सेतु पर आवाजाही बंद होने से सारा दबाव राम झूला पुल पर पड़ रहा है.
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