देहरादून/उत्तरकाशी: द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन (Avalanche near Danda 2 mountain peak) में 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षक, 34 प्रशिक्षु और 1 नर्सिंग सहायक की फंस होने की खबर हैं. वहीं, अब तक 7 लोगों का शव निकाला गया है. साथ ही 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू (Safe rescue of 8 climbers) कर लिया गया है. जबकि 27 लोग अभी भी लापता है. जिनको निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन खराब मौसम की वजह रेक्सयू में देरी हो रही है. जिसको देखते हुए अभी 24 घंटे का इंतजार करना पड़ सकता है.
डांडा-2 पर्वत चोटी पर भारी बर्फबारी: द्रौपदी उत्तराखंड एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने एएनआई को बताया कि द्रौपदी की डांडा-2 पर्वत चोटी पर लगातार भारी बर्फबारी हो रही है. इसके बावजूद, एनआईएम पर्वतारोहण प्रशिक्षुओं को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के माध्यम से रेकी के प्रयास कर रही हैं. हालांकि, एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर सहारनपुर के सरसावा एयरबेस से उड़ान भरकर हर्षिल पहुंच चुके है. जबकि, उत्तर प्रदेश के बरेली से LH हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी जिले के मातली हेलीपैड पर लैंड हो चुका है, लेकिन जिस हिम इलाके में ये घटना घटित हुई है. वहां अत्यधिक बर्फबारी होने की वजह से रेस्क्यू कार्य शुरु नहीं हो पा रहा है. जानकारी मुताबिक पायलट पहले इलाके की एयर रेकी करना चाहते है, लेकिन ये काम अभी शुरू नहीं हो सकता है. अगले 24 घंटे बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है, तभी रेस्क्यू शुरू होने की संभावना है.
हिमालय ग्लेशियर क्षेत्र में भूस्खलन: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग (Uttarakhand Disaster Management Department) के अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला ने कहा जिस जगह की यह घटना हुई है. वह बेहद उच्च-ऊंचाई हिमालय का एरिया है. जहां अक्सर इस तरह के हेवी एवलॉन्च आते रहते हैं. जिस हिमालय के नजदीक यह हादसा हुआ उस इलाके में दो कोर्स चल रहे थे, जिसमें एक बेसिक और एक एडवांस कोर्स चल रहा था. 11 बजे सुबह द्रौपदी का डांडा हिमालय ग्लेशियर क्षेत्र में जबरदस्त हिम भूस्खलन हुआ. जिसमें एडवांस कैंप के 53 लोग प्रभावित हुए. जिसमें से 29 लोग कही फंस गए. 8 लोगों को खोज निकाला गया है.
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राहत बचाव कार्य में देरी: उस इलाके में कोई मोबाइल या अन्य तरह का नेटवर्क नहीं है. सैटेलाइट फोन के सहारे कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम और भारी हिमस्खलन के कारण राहत बचाव में काफी समस्याएं आ रही है. हालांकि, एसडीआरएफ टीम मौके में पहुंच चुकी है. वही दूसरी तरफ एयरफोर्स के दो चीता हेलीकॉप्टर हर्षिल पहुंच चुके हैं. जबकि एक सिविल एविएशन का हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर खड़ा है. इलाके में मौसम ज्यादा खराब होने और भारी बर्फबारी के चलते रेस्क्यू में काफी समस्या आ रही है. उम्मीद है कि अगले 24 घंटे के बाद मौसम कुछ साफ होगा. जिसके बाद रेस्क्यू कार्य शुरू हो पाएगा. अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने दो महिला ट्रेनर की मौत की पुष्टि की है. अन्य की तलाश जारी है.
बता दें कि 14 सितंबर 2022 से एनआईएम उत्तरकाशी में प्रशिक्षण शुरू हुआ. पाठ्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार, एनआईएम और तेखला रॉक क्लाइंबिंग प्रशिक्षण क्षेत्र में रॉक क्लाइंबिंग प्रशिक्षण के संशोधन के बाद, पाठ्यक्रम 23 सितंबर 2022 को 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षक, 34 प्रशिक्षु और एक नर्सिंग सहायक के साथ पहाड़ पर चला गया. जिसके बाद कोर्स 25 सितंबर 2022 को बेस कैंप में पहुंचा. इस कोर्स को बेस कैंप और एडवांस बेस कैंप में आइस एंड स्नो क्राफ्ट किया गया.
एडवांस पर्वतारोहण पाठ्यक्रम शिविर: प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार शिविर 1 में उच्च-ऊंचाई प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम चला गया, जो 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर 2022 तक निर्धारित किया गया था. 4 अक्टूबर को प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार पाठ्यक्रम उच्च ऊंचाई वाले नेविगेशन और ऊंचाई हासिल करने के लिए माउंट द्रौपदी के डांडा में चला गया. सुबह 4 बजे पर्वत शिखर से वापस लौटते समय एडवांस पर्वतारोहण पाठ्यक्रम शिविर-1 के ऊपर एक हिमस्खलन के साथ मिला. जिसमें 34 प्रशिक्षु और 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षक 8:45 बजे हिमस्खलन की चपेट में आ गए. बचाव कार्य जारी है. अब तक 7 शव निकाले जा चुके हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और भारतीय वायु सेना बचाव राहत और बचाव कार्य में जुटी है.