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बदरीनाथ धाम 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन' के रूप में होगा विकसित, 19.3 करोड़ का एमओयू साइन

बदरीनाथ धाम को 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में विकसित करने के लिए श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट और पावर ग्रिड काॅर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू हस्ताक्षर किया गया है.

19.3 करोड़ का एमओयू साइन
19.3 करोड़ का एमओयू साइन
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Published : Mar 18, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 3:59 PM IST

देहरादून: दिल्ली में बुधवार को श्री बदरीनाथ धाम को 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में विकसित करने के लिए श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट और पावर ग्रिड काॅर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू हस्ताक्षर किया गया. इस एमओयू के तहत पावर ग्रिड कॉरपोरेशन 19.3 करोड़ रुपए की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में श्री बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों के लिए दी जाएगी. आपको बता दें कि सीएसआर के तहत सरकारी व निजी कंपनियों द्वारा लगभग 200 करोड़ रुपये इस योजना के लिए दिया जा चुका है.

बदरीनाथ धाम 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में होगा विकसित
बदरीनाथ धाम 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में होगा विकसित

वही, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हर साल देश और विदेश के कई श्रद्धालुओं बदरीनाथ धाम आकर्षित आते हैं. उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने और बदरीनाथ को स्मार्ट हिल टाउन बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसी क्रम में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने जो 19.3 करोड़ की धनराशि देने की बात कही है. इस धनराशि को बदरीनाथ धाम के विकास परियोजनाओं में इस्तमाल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: सल्ट उपचुनाव: मंत्री का दावा, स्थानीय प्रत्याशी को ही टिकट देगी भाजपा

पर्यटन सचिव ने बताया कि परियोजनाओं में 2.5 किमी लंबी 10.5 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण शामिल है, जो कुशल यातायात प्रबंधन में मदद करेगा. इसके अलावा परियोजना में सार्वजनिक और देवस्थानम बोर्ड भवन का निर्माण, बैटरी संचालित सार्वजनिक परिवहन, संपत्ति साइनेज (साइन बोर्ड) की स्थापना, रास्ते पर चलने वाले संकेत, परिवेश प्रकाश, नल-जल आपूर्ति सेवा शामिल है. हालांकि, मास्टर प्लान के तहत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरण संतुलन तथा स्थानीय हित धारकों के निहितार्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर श्री बदरीनाथ धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकसित होने से, जहां पर्यटक एक बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकेंगे, तो वहीं इससे स्थानीय लोगों अच्छी आमदनी वाले रोजगार प्राप्त हो सकेंगे. ऐसे में यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को उत्कर्ष प्रदान करने वाली परियोजना सिद्ध होगी. बदरीनाथ तीर्थस्थल एक दुर्गम भौगोलिक परिदृश्य में स्थित है. बावजूद इसके, प्रोजेक्ट को 3 साल में पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद 2025 में लगभग 15.6 लाख श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के लिए आ सकेंगे.

देहरादून: दिल्ली में बुधवार को श्री बदरीनाथ धाम को 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में विकसित करने के लिए श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट और पावर ग्रिड काॅर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू हस्ताक्षर किया गया. इस एमओयू के तहत पावर ग्रिड कॉरपोरेशन 19.3 करोड़ रुपए की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में श्री बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों के लिए दी जाएगी. आपको बता दें कि सीएसआर के तहत सरकारी व निजी कंपनियों द्वारा लगभग 200 करोड़ रुपये इस योजना के लिए दिया जा चुका है.

बदरीनाथ धाम 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में होगा विकसित
बदरीनाथ धाम 'स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में होगा विकसित

वही, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हर साल देश और विदेश के कई श्रद्धालुओं बदरीनाथ धाम आकर्षित आते हैं. उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने और बदरीनाथ को स्मार्ट हिल टाउन बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसी क्रम में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने जो 19.3 करोड़ की धनराशि देने की बात कही है. इस धनराशि को बदरीनाथ धाम के विकास परियोजनाओं में इस्तमाल किया जाएगा.

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पर्यटन सचिव ने बताया कि परियोजनाओं में 2.5 किमी लंबी 10.5 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण शामिल है, जो कुशल यातायात प्रबंधन में मदद करेगा. इसके अलावा परियोजना में सार्वजनिक और देवस्थानम बोर्ड भवन का निर्माण, बैटरी संचालित सार्वजनिक परिवहन, संपत्ति साइनेज (साइन बोर्ड) की स्थापना, रास्ते पर चलने वाले संकेत, परिवेश प्रकाश, नल-जल आपूर्ति सेवा शामिल है. हालांकि, मास्टर प्लान के तहत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरण संतुलन तथा स्थानीय हित धारकों के निहितार्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर श्री बदरीनाथ धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकसित होने से, जहां पर्यटक एक बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकेंगे, तो वहीं इससे स्थानीय लोगों अच्छी आमदनी वाले रोजगार प्राप्त हो सकेंगे. ऐसे में यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को उत्कर्ष प्रदान करने वाली परियोजना सिद्ध होगी. बदरीनाथ तीर्थस्थल एक दुर्गम भौगोलिक परिदृश्य में स्थित है. बावजूद इसके, प्रोजेक्ट को 3 साल में पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद 2025 में लगभग 15.6 लाख श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के लिए आ सकेंगे.

Last Updated : Mar 18, 2021, 3:59 PM IST
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