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पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवारों का कट सकता है टिकट?

इस बार राज्य सरकार निकाय चुनाव की तरह ही पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त का निर्धारण कर सकती है.

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Published : May 7, 2019, 11:58 PM IST

राज्य निर्वाचन आयोग देहरादून.

देहरादूनःप्रदेश में होने जा रहे आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पंचायती राज महकमा तैयारियों में जुट गया है. इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के 12 जिलों में कराए जाएंगे. वहीं, पंचायती राज एक्ट में संसोधन के बाद इस बार पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नगर निकाय की तरह ही प्रावधान लागू कर सकती है. सूत्रों की मानें तो इस संबंध में शासन में सहमती भी बन चुकी है.


बता दें कि साल 2016 में त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंचायती राज एक्ट बनाया गया था. जिसके बाद अब सरकार ने पंचायती राज एक्ट में कुछ संसोधन कर सकती है. हालांकि इस बार राज्य सरकार निकाय चुनाव की तरह ही पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त का निर्धारण कर सकती है. उधर, हरियाणा राज्य की तरह ही पंचायत चुनाव में खड़े हो रहे प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण करने को लेकर भी मंथन चल रहा है. इसके लिए बीते साल पंचायती राज मंत्री ने अधिकारियों को इससे जुड़े तथ्य जुटाने को कहा था.

ये भी पढ़ेंः सड़क पर कूड़ा फेंकने वाले सावधान, अब डस्टबिन के पास तैनात होंगे गार्ड


वहीं, इस बार त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सितंबर महीने में होना संभावित माना जा रहा है. इससे पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद पंचायती राज एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जा सकता है. कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को संसोधित किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को वर्गों के अनुसार रखा है. सामान्य वर्ग के लिए हाईस्कूल, एससी/एसटी वर्ग के लिए आठवीं और महिलाओं के लिए पांचवी पास होना जरूरी होगा. मामले पर शासन स्तर पर गहनता से चर्चा चल रही है.

देहरादूनःप्रदेश में होने जा रहे आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पंचायती राज महकमा तैयारियों में जुट गया है. इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के 12 जिलों में कराए जाएंगे. वहीं, पंचायती राज एक्ट में संसोधन के बाद इस बार पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नगर निकाय की तरह ही प्रावधान लागू कर सकती है. सूत्रों की मानें तो इस संबंध में शासन में सहमती भी बन चुकी है.


बता दें कि साल 2016 में त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंचायती राज एक्ट बनाया गया था. जिसके बाद अब सरकार ने पंचायती राज एक्ट में कुछ संसोधन कर सकती है. हालांकि इस बार राज्य सरकार निकाय चुनाव की तरह ही पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त का निर्धारण कर सकती है. उधर, हरियाणा राज्य की तरह ही पंचायत चुनाव में खड़े हो रहे प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण करने को लेकर भी मंथन चल रहा है. इसके लिए बीते साल पंचायती राज मंत्री ने अधिकारियों को इससे जुड़े तथ्य जुटाने को कहा था.

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वहीं, इस बार त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सितंबर महीने में होना संभावित माना जा रहा है. इससे पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद पंचायती राज एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जा सकता है. कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को संसोधित किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को वर्गों के अनुसार रखा है. सामान्य वर्ग के लिए हाईस्कूल, एससी/एसटी वर्ग के लिए आठवीं और महिलाओं के लिए पांचवी पास होना जरूरी होगा. मामले पर शासन स्तर पर गहनता से चर्चा चल रही है.

Intro:ड्राई स्टोरी है......

त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जुलाई महीने में समाप्त हो रहा हैं, जिसको देखते हुए पंचायती राज महकमा तैयारियों में जुटा हुआ है। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव 2019 में इस बार हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी प्रदेश के 12 जिलों में कराए जाएंगे। लेकिन इस बार पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले नेता चुनाव नही लड़ पाएंगे। जी हा राज्य सरकार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में नगर निकायों की भांति प्रावधान लागू कर सकती है। सूत्रों की माने तो इस संबंध में शासन में सहमती भी बन चुकी हैं।


Body:साल 2016 में त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंचायतीराज एक्ट बनाया था। जिसके बाद अब सरकार ने पंचायतीराज एक्ट में कुछ संसोधन कर सकती हैं। हालांकि राज्य सरकार निकाय चुनाव की तरह ही पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त का निर्धारण कर सकती है। इसके साथ ही हरियाणा राज्य की तरह ही पंचायत चुनाव में खड़े हो रहे प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण करने को लेकर मंथन चल रहा हैं। और इसके लिए पिछले साल पंचायतीराज मंत्री ने अधिकारियों को इससे जुड़े तथ्य जुटाने को कहा था।


हालांकि त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सितंबर महीने में होना संभावित माना जा रहा है, इससे पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद पंचायतीराज एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में लगाया जा सकता है। और कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को संसोधित किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को वर्गों के अनुसार रखा है। सामान्य वर्ग के लिए हाईस्कूल, एससी/एसटी वर्ग के लिए आठवी और महिलाओ के लिए पाचवी पास होना जरूरी होगा। और इस मसले पर शासन स्तर पर गहनता से चर्चा चल रही है। 


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