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विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा संपन्न, 46 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन कर तोड़े सभी रिकॉर्ड - Tourism Minister Satpal Maharaj

इस साल चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस यात्रा सीजन चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ (Uttarakhand Chardham Income) दिए हैं और कुल 46,81,131 की संख्या में पहुंचकर यात्रियों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. जबकि साल 2019 में 32,40,882 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए थे.

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Published : Nov 20, 2022, 12:33 PM IST

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम (Uttarakhand Chardham) के कपाट आगामी 6 महीने यानी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. हालांकि, इस यात्रा सीजन चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ (Uttarakhand Chardham Income) दिए हैं और कुल 46,81,131 की संख्या में पहुंचकर यात्रियों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. जबकि साल 2019 में 32,40,882 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए थे.

चारधाम यात्रा को बहुत पवित्र माना जाता है और हिन्दुओं में चारों धामों की यात्रा करना काफी महत्व है. माना जाता है कि इन चारधामों की यात्रा करने मात्र से श्रद्धालुओं के समस्त पाप धुल जाते हैं और आत्मा को जीवन-मृत्यु के इस बंधन से मुक्ति मिल जाती है. प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में जीवनदायिनी गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुना नदी के उद्गम स्थल को यमुनोत्री स्थित है और इन दोनों धामों के कपाट 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन खुले थे. कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा भी शुरू हो गई थी. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भोले बाबा का पवित्र धाम केदारनाथ स्थित है, जिनके कपाट 6 मई को खुले थे. इसके साथ ही उत्तराखंड के चमोली जिले में भगवान बदरी विशाल का पवित्र धाम है, जिनके कपाट 8 मई को खोले गए थे.
पढ़ें-कपाट बंदी पर बदला दिखा केदारनाथ का नजारा, हाथ जोड़ने की जगह लहरा रहे थे मोबाइल

यमुनोत्री धाम- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित पवित्र यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 3 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 27 अक्टूबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. पौराणिक वहीं मां यमुना जी की देवडोली का शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुनोत्री मंदिर का निर्माण, यमुना नदी के उद्गम स्थल के पास 19वी शताब्दी में किया गया था, जहां देवी यमुना की पूजा की जाती है. हालांकि इस यात्रा सीजन मे यमुनोत्री धाम के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 4,85,688 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किए.

Uttarakhand Chardham
यमुनोत्री धाम.

गंगोत्री धाम- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 3 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 26 अक्टूबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के बंद हो गए थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पतित पावनी मां गंगा की डोली, गंगोत्री का मायके कहे जाने वाले मुखबा गांव में शीतकाल के लिए प्रवास करेंगी. हालांकि, इस यात्रा सीजन में गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 6,24,516 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये.

Uttarakhand Chardham
गंगोत्री धाम.
पढ़ें-
चारधाम यात्रा: इस सीजन GMVN की बल्ले-बल्ले, करोड़ों के मुनाफे से होगा घाटे का निपटारा

केदारनाथ धाम- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित धाम बाबा केदारनाथ (Kedarnath Dham) के कपाट 6 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 27 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ के कपाट परंपरानुसार भैया दूज के दिन शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विश्व विख्यात देवों के देव महादेव की देवडोली शीतकाल के दौरान उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में प्रवास करेगी. हालांकि, इस यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 15,63,278 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे.

Uttarakhand Chardham
केदारनाथ धाम.

बदरीनाथ धाम- उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भगवान बदरी विशाल (Badrinath Dham) का पवित्र धाम है, जिसके कपाट 8 मई को खोले गए थे. जिसके बाद 6 महीने के बाद 19 नवम्बर को भगवान बदरी विशाल के कपाट विजयदशमी के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद किए गए है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भू-बैकुंठ कहे जाने वाले श्री हरि विष्णु जी की देवडोली शीतकाल के दौरान पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर में प्रवास करेगी. हालांकि इस यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 17,60,449 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने पहुंचे.

Uttarakhand Chardham
बदरीनाथ धाम.

स्वास्थ्य कारणों से 281 यात्रियों की हुई मौत: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा बेहतर ढंग से तो सम्पन्न हो गयी है, लेकिन चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कमी जरूर देखने को मिली, क्योकि इस यात्रा सीजन में करीब 281 श्रद्धालुओं की हार्टअटैक समेत कई अन्य कारणों से मौत हुई है. इस यात्रा सीजन में साढ़े 15 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे जिसमे से 150 श्रद्धालुओं की मौत हुई. वहीं, यमुनोत्री धाम के दर्शन करने आये 48 यात्रियों, गंगोत्री धाम के दर्शन करने आये 17 श्रद्धालुओं के साथ ही बदरीनाथ के दर्शन करने आए 66 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. जबकि साल 2019 में चार धाम यात्रा के दौरान मात्रा 91 लोगों की मौत हुई थी.
पढ़ें-केदारनाथ धाम में रंगोली से बनाई शिव पार्वती की खूबसूरत तस्वीर, इंदौर की शिखा का संकल्प पूरा

शीतकालीन चारधाम यात्रा पर फोकस: विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड की चारधाम यात्रा ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है. चारों धामों पर करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया. 19 नवंबर यानी शनिवार को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारों धाम के शीतकालीन प्रवासों पर पूजा अर्चना की गई. ऐसे में उत्तराखंड सरकार का फोकस अब शीतकालीन चारधाम यात्रा पर है. गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदारनाथ के ऊखीमठ और बदरीनाथ धाम के जोशीमठ व पांडुकेश्वर में पूजा की जाएगी. चारधाम के शीतकालीन प्रवासों में तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं पर सरकार फोकस कर रही है.

पहली बार तीर्थयात्रियों के लिए की गई पंजीकरण की व्यवस्था: कोरोना काल के मुश्किल भरे दो साल बाद इस बार बिना बंदिशों के संचालित की गई चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को अनिवार्य किया गया था. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से ऑनलाइन व ऑफलाइन के साथ मोबाइल एप की व्यवस्था की गई थी. पंजीकरण के सत्यापन के लिए हेमकुंड साहिब समेत चारधामों में कर्मचारी तैनात किए गए थे. यह व्यवस्था चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या का आकलन करने के लिए लागू की गई थी, ताकि किसी भी धाम में एक साथ अचानक बड़ी संख्या में तीर्थयात्री न पहुंच पाए और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी से बचाया जा सके.

पहली बार शुरू की गई थी हेल्थ स्क्रीनिंग: यात्रा रूटों पर 30 से ज्यादा स्थानों पर कैमरे भी लगाए गए थे. तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए पर्यटन विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर 1364 भी जारी किया गया. तीर्थयात्रियों ने धामों में बुकिंग की स्थिति से लेकर अन्य अपनी शिकायतों का समाधान इस नंबर पर बातचीत कर आसानी से किया. चारधामों में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य पर पड़ने पर विपरीत प्रभाव के लिए 30 डॉक्टरों को उपचार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया. इसके अलावा हृदय रोगियों के लिए 12 डाक्टरों को कार्डियोलॉजी ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया.

शीतकालीन चारधाम यात्रा पर सरकार का जोर: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) ने कहा कि चारधाम यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है, अब सरकार का फोकस शीतकालीन चारधाम यात्रा पर है. इसमें तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा. उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन के साथ साहसिक पर्यटन भी लोगों की पहली पसंद बन रहा है. इससे प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे है. उन्होंने कहा, शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शीतकालीन चारधाम यात्रा महत्वपूर्ण साबित होगी। हमारा फोकस शीतकालीन चारधाम को बढ़ावा देने के साथ तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर है.

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधामों के कपाट बंद होने पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार रिकॉर्ड यात्रियों का चारधाम की यात्रा पर आना यह भी परिलक्षित करता है कि राज्य सरकार द्वारा की गई बेहतर व्यवस्थाओं के चलते संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मार्गदर्शन में वर्तमान में केदारनाथ धाम एवं बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे आने वाली यात्राकाल में तीर्थयात्रियों एवं आम जनमानस को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी.

पीएम ने रखी केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड धाम के लिए रोपवे की आधारशिला: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया दौरे के दौरान केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड धाम के लिए रोपवे की आधारशिला रखी है जिससे आने वाले दिनों में यह दोनों यात्राएं न केवल सुगम बल्कि सुरक्षित हो सकेगी. मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में जुटे रहे तमाम विभागों के कार्मिकों का भी आभार प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही कुशलता पूर्वक यात्रा संभव हो सके.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहुंचे श्रद्धालुओ की संख्या

  • बदरीनाथ धाम पहुंचे 1760449 श्रद्धालु.
  • केदारनाथ धाम पहुंचे 1563278 श्रद्धालु.
  • यमुनोत्री धाम पहुंचे 485688 श्रद्धालु.
  • गंगोत्री धाम पहुंचे 624516 श्रद्धालु.
  • उत्तराखंड चारधाम पहुंचे कुल 44,34,131 श्रद्धालु.
  • हेमकुंड साहिब पहुंचे 2,47,000 तीर्थयात्री.
  • चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब में पहुंचे-4681131 श्रद्धालु.

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम (Uttarakhand Chardham) के कपाट आगामी 6 महीने यानी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. हालांकि, इस यात्रा सीजन चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ (Uttarakhand Chardham Income) दिए हैं और कुल 46,81,131 की संख्या में पहुंचकर यात्रियों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. जबकि साल 2019 में 32,40,882 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए थे.

चारधाम यात्रा को बहुत पवित्र माना जाता है और हिन्दुओं में चारों धामों की यात्रा करना काफी महत्व है. माना जाता है कि इन चारधामों की यात्रा करने मात्र से श्रद्धालुओं के समस्त पाप धुल जाते हैं और आत्मा को जीवन-मृत्यु के इस बंधन से मुक्ति मिल जाती है. प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में जीवनदायिनी गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुना नदी के उद्गम स्थल को यमुनोत्री स्थित है और इन दोनों धामों के कपाट 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन खुले थे. कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा भी शुरू हो गई थी. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भोले बाबा का पवित्र धाम केदारनाथ स्थित है, जिनके कपाट 6 मई को खुले थे. इसके साथ ही उत्तराखंड के चमोली जिले में भगवान बदरी विशाल का पवित्र धाम है, जिनके कपाट 8 मई को खोले गए थे.
पढ़ें-कपाट बंदी पर बदला दिखा केदारनाथ का नजारा, हाथ जोड़ने की जगह लहरा रहे थे मोबाइल

यमुनोत्री धाम- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित पवित्र यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 3 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 27 अक्टूबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. पौराणिक वहीं मां यमुना जी की देवडोली का शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुनोत्री मंदिर का निर्माण, यमुना नदी के उद्गम स्थल के पास 19वी शताब्दी में किया गया था, जहां देवी यमुना की पूजा की जाती है. हालांकि इस यात्रा सीजन मे यमुनोत्री धाम के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 4,85,688 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किए.

Uttarakhand Chardham
यमुनोत्री धाम.

गंगोत्री धाम- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 3 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 26 अक्टूबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के बंद हो गए थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पतित पावनी मां गंगा की डोली, गंगोत्री का मायके कहे जाने वाले मुखबा गांव में शीतकाल के लिए प्रवास करेंगी. हालांकि, इस यात्रा सीजन में गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 6,24,516 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये.

Uttarakhand Chardham
गंगोत्री धाम.
पढ़ें-चारधाम यात्रा: इस सीजन GMVN की बल्ले-बल्ले, करोड़ों के मुनाफे से होगा घाटे का निपटारा

केदारनाथ धाम- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित धाम बाबा केदारनाथ (Kedarnath Dham) के कपाट 6 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 27 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ के कपाट परंपरानुसार भैया दूज के दिन शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विश्व विख्यात देवों के देव महादेव की देवडोली शीतकाल के दौरान उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में प्रवास करेगी. हालांकि, इस यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 15,63,278 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे.

Uttarakhand Chardham
केदारनाथ धाम.

बदरीनाथ धाम- उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भगवान बदरी विशाल (Badrinath Dham) का पवित्र धाम है, जिसके कपाट 8 मई को खोले गए थे. जिसके बाद 6 महीने के बाद 19 नवम्बर को भगवान बदरी विशाल के कपाट विजयदशमी के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद किए गए है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भू-बैकुंठ कहे जाने वाले श्री हरि विष्णु जी की देवडोली शीतकाल के दौरान पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर में प्रवास करेगी. हालांकि इस यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 17,60,449 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने पहुंचे.

Uttarakhand Chardham
बदरीनाथ धाम.

स्वास्थ्य कारणों से 281 यात्रियों की हुई मौत: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा बेहतर ढंग से तो सम्पन्न हो गयी है, लेकिन चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कमी जरूर देखने को मिली, क्योकि इस यात्रा सीजन में करीब 281 श्रद्धालुओं की हार्टअटैक समेत कई अन्य कारणों से मौत हुई है. इस यात्रा सीजन में साढ़े 15 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे जिसमे से 150 श्रद्धालुओं की मौत हुई. वहीं, यमुनोत्री धाम के दर्शन करने आये 48 यात्रियों, गंगोत्री धाम के दर्शन करने आये 17 श्रद्धालुओं के साथ ही बदरीनाथ के दर्शन करने आए 66 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. जबकि साल 2019 में चार धाम यात्रा के दौरान मात्रा 91 लोगों की मौत हुई थी.
पढ़ें-केदारनाथ धाम में रंगोली से बनाई शिव पार्वती की खूबसूरत तस्वीर, इंदौर की शिखा का संकल्प पूरा

शीतकालीन चारधाम यात्रा पर फोकस: विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड की चारधाम यात्रा ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है. चारों धामों पर करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया. 19 नवंबर यानी शनिवार को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारों धाम के शीतकालीन प्रवासों पर पूजा अर्चना की गई. ऐसे में उत्तराखंड सरकार का फोकस अब शीतकालीन चारधाम यात्रा पर है. गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदारनाथ के ऊखीमठ और बदरीनाथ धाम के जोशीमठ व पांडुकेश्वर में पूजा की जाएगी. चारधाम के शीतकालीन प्रवासों में तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं पर सरकार फोकस कर रही है.

पहली बार तीर्थयात्रियों के लिए की गई पंजीकरण की व्यवस्था: कोरोना काल के मुश्किल भरे दो साल बाद इस बार बिना बंदिशों के संचालित की गई चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को अनिवार्य किया गया था. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से ऑनलाइन व ऑफलाइन के साथ मोबाइल एप की व्यवस्था की गई थी. पंजीकरण के सत्यापन के लिए हेमकुंड साहिब समेत चारधामों में कर्मचारी तैनात किए गए थे. यह व्यवस्था चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या का आकलन करने के लिए लागू की गई थी, ताकि किसी भी धाम में एक साथ अचानक बड़ी संख्या में तीर्थयात्री न पहुंच पाए और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी से बचाया जा सके.

पहली बार शुरू की गई थी हेल्थ स्क्रीनिंग: यात्रा रूटों पर 30 से ज्यादा स्थानों पर कैमरे भी लगाए गए थे. तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए पर्यटन विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर 1364 भी जारी किया गया. तीर्थयात्रियों ने धामों में बुकिंग की स्थिति से लेकर अन्य अपनी शिकायतों का समाधान इस नंबर पर बातचीत कर आसानी से किया. चारधामों में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य पर पड़ने पर विपरीत प्रभाव के लिए 30 डॉक्टरों को उपचार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया. इसके अलावा हृदय रोगियों के लिए 12 डाक्टरों को कार्डियोलॉजी ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया.

शीतकालीन चारधाम यात्रा पर सरकार का जोर: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) ने कहा कि चारधाम यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है, अब सरकार का फोकस शीतकालीन चारधाम यात्रा पर है. इसमें तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा. उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन के साथ साहसिक पर्यटन भी लोगों की पहली पसंद बन रहा है. इससे प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे है. उन्होंने कहा, शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शीतकालीन चारधाम यात्रा महत्वपूर्ण साबित होगी। हमारा फोकस शीतकालीन चारधाम को बढ़ावा देने के साथ तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर है.

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधामों के कपाट बंद होने पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार रिकॉर्ड यात्रियों का चारधाम की यात्रा पर आना यह भी परिलक्षित करता है कि राज्य सरकार द्वारा की गई बेहतर व्यवस्थाओं के चलते संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मार्गदर्शन में वर्तमान में केदारनाथ धाम एवं बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे आने वाली यात्राकाल में तीर्थयात्रियों एवं आम जनमानस को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी.

पीएम ने रखी केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड धाम के लिए रोपवे की आधारशिला: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया दौरे के दौरान केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड धाम के लिए रोपवे की आधारशिला रखी है जिससे आने वाले दिनों में यह दोनों यात्राएं न केवल सुगम बल्कि सुरक्षित हो सकेगी. मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में जुटे रहे तमाम विभागों के कार्मिकों का भी आभार प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही कुशलता पूर्वक यात्रा संभव हो सके.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहुंचे श्रद्धालुओ की संख्या

  • बदरीनाथ धाम पहुंचे 1760449 श्रद्धालु.
  • केदारनाथ धाम पहुंचे 1563278 श्रद्धालु.
  • यमुनोत्री धाम पहुंचे 485688 श्रद्धालु.
  • गंगोत्री धाम पहुंचे 624516 श्रद्धालु.
  • उत्तराखंड चारधाम पहुंचे कुल 44,34,131 श्रद्धालु.
  • हेमकुंड साहिब पहुंचे 2,47,000 तीर्थयात्री.
  • चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब में पहुंचे-4681131 श्रद्धालु.
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