देहरादून: उत्तराखंड पुलिस विभाग (Uttarakhand Police Department) में लंबे समय से IPS ऑफिसर से लेकर कांस्टेबल रैंक तक अलग-अलग इकाइयों में 4 हजार से अधिक महत्वपूर्ण पद रिक्त (shortage of policemen in uttarakhand police) चल रहे हैं. यही कारण है कि मानकों के अनुसार थाना-चौकी से लेकर सड़कों तक ट्रैफिक ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों की कमी नजर आती है. मानकों के अनुसार देखा जाए तो उत्तराखंड जैसे किसी भी छोटे राज्य में कम से कम 1000 लोगों के लिए ढाई पुलिसकर्मियों की आवश्यकता होती है. लेकिन उत्तराखंड में 1000 लोगों के लिए मुश्किल से डेढ़ पुलिस जवान सुरक्षा में मौजूद हैं.
पुलिस की उपलब्धता को कुछ हद तक बढ़ाने के लिए साल 2016 के उपरांत 2022 में कांस्टेबल से लेकर दारोगा तक की नई भर्ती कछुए की चाल से चल रही है. 2 साल से नई भर्ती प्रक्रिया संपन्न नहीं होने के चलते पुलिस में फोर्स का संकट बरकरार है.
उत्तराखंड पुलिस विभाग में समस्त पदों की संख्या बल की स्थिति: उत्तराखंड पुलिस विभाग में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 28,298 हैं. जिसमें 24,000 पद ही भरे हैं. 4,298 पद अभी भी पुलिस विभाग में खाली हैं. उपनल के माध्यम से संविदा पर 731 लोगों को लगाया गया है.
पढ़ें- स्पीकर ऋतु खंडूड़ी का बड़ा बयान, बोलीं- कोटद्वार का जिला होना जरूरी, KV को लेकर कही ये बात
हर महीने सेवानिवृत्त हो रहे पुलिसकर्मी: जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस विभाग में प्रत्येक माह औसतन 70 से 100 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में लगातार फोर्स कमी का संकट बढ़ता जा रहा है. इसका सबसे बड़ा प्रभाव चारधाम यात्रा और पर्यटक सीजन में देखा जा रहा है. जहां एक तरफ सेवाकाल पूरे हो चुके पुलिस कर्मचारी लगातार रिटायर हो रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी जगह रिक्त पदों पर भर्ती पूरी न होने से मैन पावर की कमी हो रही है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय कार्मिक अनुभाग के मुताबिक 1 अप्रैल 2022 तक राज्य में IPS से लेकर सब-इंस्पेक्टर पदों तक की उपलब्धता और रिक्त पदों की स्थिति ये है.
नई भर्ती प्रक्रिया संपन्न होते ही बढ़ेगी पुलिस स्ट्रेंथ: राज्य में पुलिस के रिक्त पदों को लेकर डीजीपी अशोक कुमार का मानना है कि कांस्टेबल से लेकर दरोगा तक प्रचलित भर्ती प्रक्रिया 3,000 रिक्त पदों में से 1,700 पदों पर भर्तियां हो रही हैं. इसके संपन्न होते ही काफी हद तक राज्य पुलिस की स्थिति बेहतर हो सकेगी. डीजीपी भी मानते हैं कि फोर्स में अधिकारियों को छोड़ कांस्टेबल की सबसे ज्यादा कमी है, जिसे पूरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं.