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विकासनगर में आपदा को लेकर मॉकड्रिल, राहत और बचाव के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल - disaster situation in uttarakhand

चकराता में आपदा को लेकर मॉकड्रिल किया गया. इस दौरान गुलाब सिंह महाविद्यालय में आपदा प्रबंधन केंद्र बनाया गया.

विकासनगर में आपदा को लेकर मॉकड्रिल
विकासनगर में आपदा को लेकर मॉकड्रिल
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Published : Jun 11, 2022, 3:26 PM IST

Updated : Jun 11, 2022, 6:32 PM IST

विकासनगर: गुलाब सिंह महाविद्यालय चकराता में आपदा प्रबंधन में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल को लेकर तहसील स्तर पर इमरजेंसी सेंटर बनाया गया. इस दौरान मॉकड्रिल से संबंधित टेक्नोलॉजी के माध्यम से सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया.

आपदा प्रबंधन अपर सचिव ने कहा उत्तराखंड में आपदा की स्थिति बनती रहती है. आपदा से निपटने के लिए हम तत्काल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को एक्टिवेट करते हैं. आपदा की मॉकड्रिल की गई है, जिसमें दो सेंटर बनाए गए.

विकासनगर में आपदा को लेकर मॉकड्रिल.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में 1 जुलाई से प्लास्टिक पर प्रतिबंध, पढ़िए गाइडलाइन

एक आपदा सेंटर कैंट इंटर कॉलेज में और दूसरा लांगा पोखरी में बनाया गया. जहां एक्सीडेंट कमांडर बनाए गए थे. जिस तरह वहां आवश्यकता थी, उसके मैसेज हमें लगातार मिलती है. हम टेक्नोलॉजी का किस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. ताकि आपदा के समय वहां जो परिस्थितियां है, उसको सीधा टेक्नोलॉजी इस्तेमाल से त्वरित व्यवस्था कर सकें.

आपदा प्रबंधन अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव ने कहा इसमें लगभग 16 विभाग जुड़े होते हैं. एसडीआरएफ, पुलिस, लोक निर्माण, जल संस्थान और स्वास्थ्य सहित अन्य विभाग अपने कार्यों में जुड़ जाते हैं.

विकासनगर: गुलाब सिंह महाविद्यालय चकराता में आपदा प्रबंधन में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल को लेकर तहसील स्तर पर इमरजेंसी सेंटर बनाया गया. इस दौरान मॉकड्रिल से संबंधित टेक्नोलॉजी के माध्यम से सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया.

आपदा प्रबंधन अपर सचिव ने कहा उत्तराखंड में आपदा की स्थिति बनती रहती है. आपदा से निपटने के लिए हम तत्काल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को एक्टिवेट करते हैं. आपदा की मॉकड्रिल की गई है, जिसमें दो सेंटर बनाए गए.

विकासनगर में आपदा को लेकर मॉकड्रिल.

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एक आपदा सेंटर कैंट इंटर कॉलेज में और दूसरा लांगा पोखरी में बनाया गया. जहां एक्सीडेंट कमांडर बनाए गए थे. जिस तरह वहां आवश्यकता थी, उसके मैसेज हमें लगातार मिलती है. हम टेक्नोलॉजी का किस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. ताकि आपदा के समय वहां जो परिस्थितियां है, उसको सीधा टेक्नोलॉजी इस्तेमाल से त्वरित व्यवस्था कर सकें.

आपदा प्रबंधन अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव ने कहा इसमें लगभग 16 विभाग जुड़े होते हैं. एसडीआरएफ, पुलिस, लोक निर्माण, जल संस्थान और स्वास्थ्य सहित अन्य विभाग अपने कार्यों में जुड़ जाते हैं.

Last Updated : Jun 11, 2022, 6:32 PM IST
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