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चीन सीमा के पास आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर बजेगी मोबाइल की घंटी, कुटी गांव में लगा टावर

Mobile Network in Adi Kailash Yatra Route चीन सीमा से सटे व्यास घाटी के कुटी गांव में 4जी नेटवर्क पहुंच गया है. छोटी सी आबादी वाला और करीब 12 हजार 300 फुट की ऊंचाई पर बसा कुटी गांव, आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. गांव में संचार सुविधा शुरू होने से आदि कैलाश तीर्थयात्री और जवान समेत ग्रामीण अब डिजिटल दुनिया से सीधे जुड़ गए हैं. गांव में मोबाइल फोन की घंटियां बजने से ग्रामीण उत्साहित हैं.

Mobile Network in Adi Kailash Yatra Route
कुटी गांव में मोबाइल नेटवर्क
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 19, 2023, 7:59 PM IST

देहरादूनः भारत चीन सीमा से सटे इलाकों में संचार सेवा को लगातार मजबूत किया जा रहा है. इसके लिए संचार मंत्रालय की ओर से युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. बॉर्डर एरिया में संचार सेवा के विस्तार से उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में यात्रियों, ग्रामीणों और सुरक्षा बलों को काफी मदद मिलेगी. इसी कड़ी में भारत चीन की सीमा से सटे कुटी गांव में 4G सेवा पहुंच गई है. यह गांव आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर स्थित है.

बता दें कि चीन बॉर्डर से सटे पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी के कुटी गांव समेत अन्य छोटे इलाकों में अब मोबाइल नेटवर्क को शुरू कर दिया गया है. यह केवल वाइब्रेंट विलेज ही नहीं, बल्कि 12,300 फीट की ऊंचाई पर संचालित होनी वाली आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी. इस इलाके में मोबाइल टावर के चालू होने से स्थानीय ग्रामीण और यात्री तो कनेक्टेड रहेंगे ही, बल्कि बॉर्डर पर तैनात जवान भी अब 4जी नेटवर्क से जुड़ जाएंगे, जो कि देश की सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं.

Mobile Network in Adi Kailash Yatra Route
आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर मोबाइल टावर
ये भी पढ़ेंः अब चीन-नेपाल बॉर्डर पर भी बजेगी मोबाइल की घंटी, अपनों से बात करने के लिए नहीं पड़ेगा भटकना!

इस इलाके में मोबाइल कनेक्टिविटी शुरू होने के बाद अब नाभी और गुंजी में भी अगले चरण में मोबाइल टावर लगाने का काम चल रहा है. नए मोबाइल टावर लगने के बाद आदि कैलाश यात्रा मार्ग के ज्यादार हिस्सों में नेटवर्क मिलेगा. इससे पहले पिथौरागढ़ के धारचूला शहर तक तो मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध रहते थे, लेकिन उसके आगे नेटवर्क मिलने में काफी समस्या आती थी.

बता दें कि केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत इलाकों में लगातार सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. जिसमें कनेक्टिविटी भी काफी अहम है. वहीं, उच्च हिमालयी इलाकों में इस काम में कार्यदायी संस्थाओं को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. जिन जगहों पर मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है, वहां अमूमन तापमान शून्य के आस पास ही रहता हैं.

देहरादूनः भारत चीन सीमा से सटे इलाकों में संचार सेवा को लगातार मजबूत किया जा रहा है. इसके लिए संचार मंत्रालय की ओर से युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. बॉर्डर एरिया में संचार सेवा के विस्तार से उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में यात्रियों, ग्रामीणों और सुरक्षा बलों को काफी मदद मिलेगी. इसी कड़ी में भारत चीन की सीमा से सटे कुटी गांव में 4G सेवा पहुंच गई है. यह गांव आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर स्थित है.

बता दें कि चीन बॉर्डर से सटे पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी के कुटी गांव समेत अन्य छोटे इलाकों में अब मोबाइल नेटवर्क को शुरू कर दिया गया है. यह केवल वाइब्रेंट विलेज ही नहीं, बल्कि 12,300 फीट की ऊंचाई पर संचालित होनी वाली आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी. इस इलाके में मोबाइल टावर के चालू होने से स्थानीय ग्रामीण और यात्री तो कनेक्टेड रहेंगे ही, बल्कि बॉर्डर पर तैनात जवान भी अब 4जी नेटवर्क से जुड़ जाएंगे, जो कि देश की सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं.

Mobile Network in Adi Kailash Yatra Route
आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर मोबाइल टावर
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इस इलाके में मोबाइल कनेक्टिविटी शुरू होने के बाद अब नाभी और गुंजी में भी अगले चरण में मोबाइल टावर लगाने का काम चल रहा है. नए मोबाइल टावर लगने के बाद आदि कैलाश यात्रा मार्ग के ज्यादार हिस्सों में नेटवर्क मिलेगा. इससे पहले पिथौरागढ़ के धारचूला शहर तक तो मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध रहते थे, लेकिन उसके आगे नेटवर्क मिलने में काफी समस्या आती थी.

बता दें कि केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत इलाकों में लगातार सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. जिसमें कनेक्टिविटी भी काफी अहम है. वहीं, उच्च हिमालयी इलाकों में इस काम में कार्यदायी संस्थाओं को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. जिन जगहों पर मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है, वहां अमूमन तापमान शून्य के आस पास ही रहता हैं.

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