देहरादून: 5 जुलाई को लोकसभा में पेश होने वाले आम बजट से जहां एक ओर आम जनता आस लगाए बैठी है कि इस बजट में जनता के हितों का ध्यान रखा जाएगा, तो वहीं मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों और व्यापारियों को भी उम्मीद है कि इस बजट में मनरेगा के बजट को रिलीज कर दिया जाएगा क्योंकि लोकसभा चुनाव के चलते केंद्र में आम बजट पेश नहीं हो पाया था जिस वजह से मनरेगा की करीब 100 करोड़ की देनदारी पहुंच गयी है.
लोकसभा चुनाव 2019 के चलते देश भर में आचार संहिता लागू थी. जिसके चलते केंद्र सरकार कोई बजट रिलीज नहीं कर पाई थी और न ही वित्तीय वर्ष 2019-20 का पूरा बजट पेश हो पाया था. जिससे प्रदेश में मनरेगा निर्माण सामग्री का बकाया भुगतान 76 करोड़ तक हो गया है. साथ ही मजदूरों की मजदूरी का भुगतान भी लटका हुआ है और इन कुछ महीनों के दौरान बजट न होने की वजह से निर्माण सामग्री का भुगतान लटका है.
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साथ ही पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों की रफ्तार भी बहुत धीमी हो गयी है. अब ऐसा में राज्य सरकार को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट पेश होने के बाद मनरेगा के बजट जारी हो जाएगा.
इस साल 700 करोड़ का रखा गया है बजट.....
वित्तीय वर्ष 2019-20 में मनरेगा में कुल 700 करोड़ का बजट रखा गया है. जिसमें पंचायतों के विभिन्न विकास कार्य किये जाएंगे. इसके साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनरेगा के तहत पंचायतों के विकास कार्य के लिए कुल 635 करोड़ रुपये खर्च किया गए थे. अभी तक पिछले साल के बकाए का भुगतान नहीं हो पाया है और शासन को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 का 5 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट में मनरेगा का भी बजट रिलीज कर दिया जाएगा.