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विकानसगर: एस्टीमेट ना बनने से अधर में लटकीं कई योजनाएं, मनरेगा मजदूर परेशान

कालसी ब्लॉक के अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों के आने वाले खेड़े मजरों में मनरेगा के तहत प्रस्तावित सुरक्षात्मक एवं अन्य योजनाएं एस्टीमेट ना बनने से अधर में लटकी हुई हैं.

MNREGA workers
विकासनगर
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Published : Jul 14, 2022, 4:39 PM IST

विकासनगर: कालसी ब्लॉक के अंतर्गत लगभग 100 से अधिक ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिसमें मनरेगा के तहत कई विकास कार्य प्रस्तावित हैं. एस्टीमेट ना बनने से कई योजना अधर में लटकी हुई हैं. कालसी ब्लॉक के कनिष्ठ उपप्रमुख रितेश असवाल ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ऑडिट चल रहा है. ऑडिट के बाद जल्द ही प्रस्तावित 2022-23 के कार्य को सुनिश्चित किया जाएगा.

साल 2021-22 के तहत प्रस्तावित ग्राम पंचायत पानवा के दौरा खेड़ा में मनरेगा के तहत सुरक्षात्मक कार्य प्रस्तावित है. बावजूद इसके ब्लॉक की ओपर से एक वर्ष बीत जाने के बाद भी योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है, जिस कारण से ग्रामीणों को बरसात के दिनों में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि एक साल से मनरेगा के तहत सुरक्षात्मक कार्य का एस्टीमेट नहीं बना है, जिस कारण से सुरक्षात्मक कार्य नहीं हुए हैं.

एस्टीमेट ना बनने से अधर में लटकीं कई योजनाएं.
पढ़ें- हरेला अभियान के तहत 5 लाख पौधरोपण करेगी बीजेपी- अरविंद पांडे

कालसी ब्लॉक के कनिष्ठ उपप्रमुख रितेश असवाल ने कहा कि मनरेगा के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कार्य किए गए हैं. वर्तमान में 2021-22 का मनरेगा के कार्यों का ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट किया जा रहा है. मार्च के बाद सभी प्रस्तावित योजनाओं का एस्टीमेट रिवाइज होता है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग एस्टीमेट रिवाइज करेगा. उसके बाद ही प्रस्तावित 2022-23 के कार्य को सुनिश्चित किया जाएगा.

विकासनगर: कालसी ब्लॉक के अंतर्गत लगभग 100 से अधिक ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिसमें मनरेगा के तहत कई विकास कार्य प्रस्तावित हैं. एस्टीमेट ना बनने से कई योजना अधर में लटकी हुई हैं. कालसी ब्लॉक के कनिष्ठ उपप्रमुख रितेश असवाल ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ऑडिट चल रहा है. ऑडिट के बाद जल्द ही प्रस्तावित 2022-23 के कार्य को सुनिश्चित किया जाएगा.

साल 2021-22 के तहत प्रस्तावित ग्राम पंचायत पानवा के दौरा खेड़ा में मनरेगा के तहत सुरक्षात्मक कार्य प्रस्तावित है. बावजूद इसके ब्लॉक की ओपर से एक वर्ष बीत जाने के बाद भी योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है, जिस कारण से ग्रामीणों को बरसात के दिनों में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि एक साल से मनरेगा के तहत सुरक्षात्मक कार्य का एस्टीमेट नहीं बना है, जिस कारण से सुरक्षात्मक कार्य नहीं हुए हैं.

एस्टीमेट ना बनने से अधर में लटकीं कई योजनाएं.
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कालसी ब्लॉक के कनिष्ठ उपप्रमुख रितेश असवाल ने कहा कि मनरेगा के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कार्य किए गए हैं. वर्तमान में 2021-22 का मनरेगा के कार्यों का ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट किया जा रहा है. मार्च के बाद सभी प्रस्तावित योजनाओं का एस्टीमेट रिवाइज होता है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग एस्टीमेट रिवाइज करेगा. उसके बाद ही प्रस्तावित 2022-23 के कार्य को सुनिश्चित किया जाएगा.

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