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आखिरकार मिल गई राजाजी नेशनल पार्क से लापता बाघिन, वन विभाग ने ली राहत की सांस

राजाजी नेशनल पार्क से लापता बाघिन मिल गई है. बाघिन बेरिवाड़ा रेंज में लगाये गए ट्रैप कैमरे में कैद हुई है. बाघिन के गले में लगाया गया सेटेलाइट रेडियो कॉलर भी सुरक्षित है.

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आखिरकार मिल ही गई राजाजी नेशनल पार्क से लापता बाघिन
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Published : Oct 20, 2022, 11:51 AM IST

Updated : Oct 20, 2022, 12:31 PM IST

देहरादून: एक महीने से लापता बाघिन (Missing tigress found in Rajaji National Park) आखिरकार पार्क की पश्चिमी सीमा राजाजी रिजर्व में घूमती दिखाई दी. बाघिन बेरिवाड़ा रेंज में लगाये गए ट्रैप कैमरे (Tigress caught in trap camera) में कैद हुई है. बाघिन के मिलने के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है. पिछले 10 दिनों से वन विभाग की 4 टीमें बाघिन की खोज में लगी हुई थीं. बाघिन के गले में दिसंबर 2020 में लगाया गया सेटेलाइट रेडियो कॉलर भी सुरक्षित है. बैटरी खत्म होने से बाघिन की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही थी.

बता दें करीब एक महीने पहले रानी नाम की बाघिन लापता हो गई थी. अधिकारियों के नेतृत्व में 4 टीमों का गठन किया गया था, जोकि बाघिन की तलाश में जुट गई थी. इस दौरान बेरिवाड़ा और रामगढ़ रेंज में बाघिन के पदचिह्न मिले. माप लेकर इनका मिलान कराया गया. दोनों रेंज में ट्रैप कैमरे बढ़ाये गए. अब बेरिवाड़ा रेंज के ट्रैप कैमरों में बाघिन की गतिविधियां कैद हुई हैं.

आखिरकार मिल ही गई राजाजी नेशनल पार्क से लापता बाघिन
पढ़ें- हरिद्वार में गंग नहर को बंदकर साफ करना भूल गया यूपी सिंचाई विभाग, संस्थाएं भी हुईं गायब

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने बताया बाघिन के लापता होने का कारण कॉलर की बैटरी है, जो आज से लगभग 6 महीने पहले खत्म हो चुकी थी. वन विभाग ने बैटरी को इसलिए नहीं निकाला, क्योंकि इसके लिए बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके बेहोश करना होता. यह काम काफी मुश्किल है. हालांकि जहां पर बाघिन कैमरे में ट्रैप हुई है, वहां पर उसने अपना घर बना लिया है. इस इलाके में जल्द ही नए बाघ लाये जाएंगे. उन पर शुरुआत में ही कॉलर लगा दिए जाएंगे.

देहरादून: एक महीने से लापता बाघिन (Missing tigress found in Rajaji National Park) आखिरकार पार्क की पश्चिमी सीमा राजाजी रिजर्व में घूमती दिखाई दी. बाघिन बेरिवाड़ा रेंज में लगाये गए ट्रैप कैमरे (Tigress caught in trap camera) में कैद हुई है. बाघिन के मिलने के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है. पिछले 10 दिनों से वन विभाग की 4 टीमें बाघिन की खोज में लगी हुई थीं. बाघिन के गले में दिसंबर 2020 में लगाया गया सेटेलाइट रेडियो कॉलर भी सुरक्षित है. बैटरी खत्म होने से बाघिन की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही थी.

बता दें करीब एक महीने पहले रानी नाम की बाघिन लापता हो गई थी. अधिकारियों के नेतृत्व में 4 टीमों का गठन किया गया था, जोकि बाघिन की तलाश में जुट गई थी. इस दौरान बेरिवाड़ा और रामगढ़ रेंज में बाघिन के पदचिह्न मिले. माप लेकर इनका मिलान कराया गया. दोनों रेंज में ट्रैप कैमरे बढ़ाये गए. अब बेरिवाड़ा रेंज के ट्रैप कैमरों में बाघिन की गतिविधियां कैद हुई हैं.

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चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने बताया बाघिन के लापता होने का कारण कॉलर की बैटरी है, जो आज से लगभग 6 महीने पहले खत्म हो चुकी थी. वन विभाग ने बैटरी को इसलिए नहीं निकाला, क्योंकि इसके लिए बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके बेहोश करना होता. यह काम काफी मुश्किल है. हालांकि जहां पर बाघिन कैमरे में ट्रैप हुई है, वहां पर उसने अपना घर बना लिया है. इस इलाके में जल्द ही नए बाघ लाये जाएंगे. उन पर शुरुआत में ही कॉलर लगा दिए जाएंगे.

Last Updated : Oct 20, 2022, 12:31 PM IST
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