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IMPACT: कूड़े ने बढ़ाई सरकार की टेंशन, गढ़वाल के तमाम नगर आयुक्तों को मंत्री की फटकार

उत्तराखंड सरकार ने ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लिया है. ईटीवी भारत ने केदारनाथ से लेकर बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, उत्तरकाशी, श्रीनगर, हरिद्वार और ऋषिकेश का पूरा सूरत-ए-हाल बताया तो सरकार हरकत में आ गई है. अब शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने तमाम नगर आयुक्तों को फटकार लगाई है.

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खबर का बड़ा असर
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Published : Jun 4, 2022, 2:37 PM IST

Updated : Jun 4, 2022, 8:32 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर इस वक्त लाखों श्रद्धालु रोजाना दर्शन के लिए आ रहे हैं. ऐसे में हरिद्वार से लेकर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, ऋषिकेश और श्रीनगर ऐसे स्थान हैं जहां पर श्रद्धालु सबसे अधिक संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं. स्वाभाविक है कि श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी तो कूड़ा भी बेइंतहा होगा. ऐसे में ईटीवी भारत ने बीते 15 दिनों से गढ़वाल के अलग-अलग जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए सरकार को ये बताने की कोशिश की कि आखिरकार जिलों में बैठे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को किस तरह से निभा रहे हैं.

ईटीवी भारत ने केदारनाथ से लेकर बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, उत्तरकाशी, श्रीनगर, हरिद्वार और ऋषिकेश का पूरा सूरत-ए-हाल बताया. लिहाजा, अब राज्य सरकार को इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाना पड़ा है. शहरी विकास मंत्रालय ने गढ़वाल के तमाम नगर निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों के आयुक्त और अधिकारियों को पत्र लिखा है.

खबर का बड़ा असर

अधिकारियों को कड़ा निर्देश: पत्र में कहा गया है कि, बीते दिनों से लगातार मैदानी और पहाड़ी इलाकों से आ रही खबरें न केवल राज्य सरकार की छवि खराब कर रही हैं बल्कि इस हकीकत को भी बता रही हैं कि सिस्टम किस तरह से काम कर रहा है. कड़े लहजे में शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तमाम अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि उन तमाम जगहों का अवलोकन कर कार्रवाई की जाए जहां पर कूड़े के ढेर, प्लास्टिक और अन्य प्रदूषण करने वाली सामग्रियां जहां-तहां पड़ी हुई हैं.

एक्टिव हुए शहरी विकास मंत्री: पत्र में तमाम अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल प्रभाव से इस पर कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही पत्र में शहरी विकास मंत्रालय ने इस बारे में भी खेद जताया है कि बार-बार बैठकों में चर्चा होने और व्यवस्थाएं बनाए जाने की बात होने के बाद भी हालात ये हैं. बताया जा रहा है कि शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने खुद तमाम जिलों के जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों से फोन पर बातचीत कर इस ओर ध्यान केंद्रित करने और कूड़ा निस्तारण करने के लिए कहा है.
पढ़ें- श्रीनगर में गंदगी का ढेर, सिस्टम फेल! अलकनंदा नदी किनारे जलाया जा रहा कूड़ा

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट्स: आपको बता दें, ईटीवी भारत ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में बताया था कि कैसे कूड़े का ढेर तमाम धार्मिक स्थलों और पवित्र नदियों को दूषित कर रहा है. हमने अपनी रिपोर्ट में दिखाया था कि कैसे केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे कूड़े का ढेर लगा हुआ है, कैसे चमोली स्थित जोशीमठ के पास कूड़े को नदियों में बहाया जा रहा है, श्रीनगर के हालात बताते हुए हमने दिखाया था कि कैसे नदियों के किनारे महीनों से कूड़ा पड़ा हुआ है और उसे अब जलाकर ठिकाने लगाया जा रहा है, हमने बताया था कि कैसे उत्तरकाशी में सालों से डंपिंग जोन न होने की वजह से हाइवे के किनारे पर गंगा किनारे कूड़ा डाला जा रहा है और बरसात के समय पर यह कूड़ा सीधा नदियों में जा रहा है. इसके साथ ही ईटीवी भारत ने देहरादून से लेकर हरिद्वार की हकीकत को दिखाया था, वो हकीकत जिसको जानते हुए भी अधिकारी आंख मूंदे बैठे हुए थे.

देहरादून: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर इस वक्त लाखों श्रद्धालु रोजाना दर्शन के लिए आ रहे हैं. ऐसे में हरिद्वार से लेकर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, ऋषिकेश और श्रीनगर ऐसे स्थान हैं जहां पर श्रद्धालु सबसे अधिक संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं. स्वाभाविक है कि श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी तो कूड़ा भी बेइंतहा होगा. ऐसे में ईटीवी भारत ने बीते 15 दिनों से गढ़वाल के अलग-अलग जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए सरकार को ये बताने की कोशिश की कि आखिरकार जिलों में बैठे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को किस तरह से निभा रहे हैं.

ईटीवी भारत ने केदारनाथ से लेकर बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, उत्तरकाशी, श्रीनगर, हरिद्वार और ऋषिकेश का पूरा सूरत-ए-हाल बताया. लिहाजा, अब राज्य सरकार को इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाना पड़ा है. शहरी विकास मंत्रालय ने गढ़वाल के तमाम नगर निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों के आयुक्त और अधिकारियों को पत्र लिखा है.

खबर का बड़ा असर

अधिकारियों को कड़ा निर्देश: पत्र में कहा गया है कि, बीते दिनों से लगातार मैदानी और पहाड़ी इलाकों से आ रही खबरें न केवल राज्य सरकार की छवि खराब कर रही हैं बल्कि इस हकीकत को भी बता रही हैं कि सिस्टम किस तरह से काम कर रहा है. कड़े लहजे में शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तमाम अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि उन तमाम जगहों का अवलोकन कर कार्रवाई की जाए जहां पर कूड़े के ढेर, प्लास्टिक और अन्य प्रदूषण करने वाली सामग्रियां जहां-तहां पड़ी हुई हैं.

एक्टिव हुए शहरी विकास मंत्री: पत्र में तमाम अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल प्रभाव से इस पर कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही पत्र में शहरी विकास मंत्रालय ने इस बारे में भी खेद जताया है कि बार-बार बैठकों में चर्चा होने और व्यवस्थाएं बनाए जाने की बात होने के बाद भी हालात ये हैं. बताया जा रहा है कि शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने खुद तमाम जिलों के जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों से फोन पर बातचीत कर इस ओर ध्यान केंद्रित करने और कूड़ा निस्तारण करने के लिए कहा है.
पढ़ें- श्रीनगर में गंदगी का ढेर, सिस्टम फेल! अलकनंदा नदी किनारे जलाया जा रहा कूड़ा

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट्स: आपको बता दें, ईटीवी भारत ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में बताया था कि कैसे कूड़े का ढेर तमाम धार्मिक स्थलों और पवित्र नदियों को दूषित कर रहा है. हमने अपनी रिपोर्ट में दिखाया था कि कैसे केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे कूड़े का ढेर लगा हुआ है, कैसे चमोली स्थित जोशीमठ के पास कूड़े को नदियों में बहाया जा रहा है, श्रीनगर के हालात बताते हुए हमने दिखाया था कि कैसे नदियों के किनारे महीनों से कूड़ा पड़ा हुआ है और उसे अब जलाकर ठिकाने लगाया जा रहा है, हमने बताया था कि कैसे उत्तरकाशी में सालों से डंपिंग जोन न होने की वजह से हाइवे के किनारे पर गंगा किनारे कूड़ा डाला जा रहा है और बरसात के समय पर यह कूड़ा सीधा नदियों में जा रहा है. इसके साथ ही ईटीवी भारत ने देहरादून से लेकर हरिद्वार की हकीकत को दिखाया था, वो हकीकत जिसको जानते हुए भी अधिकारी आंख मूंदे बैठे हुए थे.

Last Updated : Jun 4, 2022, 8:32 PM IST
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