देहरादून: पीसीसीएफ अधिकारी जयराज और वन मंत्री हरक सिंह रावत के बीच मनमुटाव की खबरें यूं तो आम हैं, लेकिन शायद ही पहले कभी इस दबंग नेता को इस कदर अपमानित होना पड़ा हो, जैसा इस बार देखने को मिला है. वन मंत्री हरक सिंह को उनके ही विभाग के कार्यक्रम में नजरअंदाज कर दिया गया. यह हाल तब है जब उनकी तरफ से एक दिन पहले ही इसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी थी.
दरअसल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को राजपुर नेचर फेस्टिवल का उद्घाटन किया. राजपुर क्षेत्र के लोग हर साल वन मंत्री की मदद से इस फेस्टिवल का आयोजन करते हैं. तीन दिवसीय इस फेस्टिवल में प्राकृतिक विरासत संरक्षण पर संदेश देने की कोशिश की जाती है. इस बार कार्यक्रम की थीम बर्ड एंड देयर हैबिटेट रही. फेस्टिवल में यहां आने वाले लोग अपना मनोरंजन कर सकेंगे वहीं प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का भी लोगों को मौका मिलेगा.
पढ़ें- प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है झमाझम बारिश, ठंड बढ़ने से लोगों ने निकाले गर्म कपड़े
वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को इस बात को लेकर हैरानी हुई कि वन विभाग के इस कार्यक्रम में विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ही गैर मौजूद रहे. खास बात यह है कि इस कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर विभागीय मंत्री का ही नाम नहीं होने के चलते उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री दरबार में भी करवाई थी. बावजूद इसके विभागीय मंत्री को कार्यक्रम में कोई तवज्जों नहीं दी गई. हालांकि इस बात को लेकर विभाग के मंत्री हरक सिंह रावत बेहद नाराज हैं.
मंत्री अपनी नाराजगी भी सीएम कार्यालय में दर्ज करवा चुके हैं. खबर तो ये भी है कि पीसीसीएफ जयराज से वनमंत्री की खटपट के चलते उन्हें कार्यक्रम से दूर कर दिया गया. हालांकि पीसीसीएफ अधिकारी जयराज ने इसे एक संस्था कार्यक्रम होने की बात कहकर मामले पर वन मंत्री से माफी मांगने की बात कही.