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फिर सुर्खियों में उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड, इस बार वेबसाइट पर श्रम मंत्री से हरक का नाम गायब

उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड शायद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को श्रम मंत्री मानता ही नहीं. क्योंकि बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर श्रम मंत्री के तौर पर हरक सिंह रावत का नाम लिखने के बजाय शमशेर सिंह सत्याल का नाम अंकित है.

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Published : Feb 19, 2021, 8:20 AM IST

देहरादून: कर्मकार कल्याण बोर्ड में मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल की जांच को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. खास बात ये है कि हरक सिंह रावत के अध्यक्ष पद से हटने के बाद नए बोर्ड ने मंत्री हरक सिंह रावत के ही कार्यकाल की जांच को फोकस किया. उधर, हरक सिंह रावत के खिलाफ जिस तरह एक के बाद एक मामले सामने आए, उसने भी नए बोर्ड की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.

harak singh rawat.
वेबसाइट में श्रम मंत्री से हरक सिंह का नाम गायब.

बहरहाल, इन पुरानी बातों से हटकर अब कर्मकार कल्याण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट में भी कुछ ऐसी गलतियां की गई हैं जो कर्मकार कल्याण बोर्ड और हरक सिंह रावत के बीच की दूरियों को और भी बढ़ा देगा. दरअसल, कर्मकार कल्याण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट में बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर शमशेर सिंह सत्याल का नाम तो अपडेट किया गया है. लेकिन साथ ही श्रम मंत्री के तौर पर हरक सिंह रावत का नाम लिखने के बजाय शमशेर सिंह सत्याल को ही श्रम मंत्री दर्ज कर दिया गया है.

पढ़ेंः गैरसैंण बजट सत्र में गूंजेगा भ्रष्टाचार का मामला, 'अपने' ही उठाएंगे सवाल

हालांकि, वेबसाइट में यह गलती लापरवाही से हुई या फिर किसी ने जानबूझकर ऐसा किया, यह कहना तो मुश्किल है. लेकिन इस मामले से एक बार फिर कर्मकार कल्याण बोर्ड सुर्खियों में आ गया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि यह बोर्ड में किसी की शरारत हो सकती है. उन्होंने इस से ज्यादा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.

उधर, बोर्ड की सचिव दीप्ति सिंह ने इस सवाल पर बचने की कोशिश करते हुए फोन को स्विच ऑफ कर लिया. बता दें कि दीप्ति सिंह वहीं अधिकारी हैं जिन्हें मंत्री हरक सिंह रावत का विरोधी माना जाता है.

देहरादून: कर्मकार कल्याण बोर्ड में मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल की जांच को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. खास बात ये है कि हरक सिंह रावत के अध्यक्ष पद से हटने के बाद नए बोर्ड ने मंत्री हरक सिंह रावत के ही कार्यकाल की जांच को फोकस किया. उधर, हरक सिंह रावत के खिलाफ जिस तरह एक के बाद एक मामले सामने आए, उसने भी नए बोर्ड की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.

harak singh rawat.
वेबसाइट में श्रम मंत्री से हरक सिंह का नाम गायब.

बहरहाल, इन पुरानी बातों से हटकर अब कर्मकार कल्याण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट में भी कुछ ऐसी गलतियां की गई हैं जो कर्मकार कल्याण बोर्ड और हरक सिंह रावत के बीच की दूरियों को और भी बढ़ा देगा. दरअसल, कर्मकार कल्याण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट में बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर शमशेर सिंह सत्याल का नाम तो अपडेट किया गया है. लेकिन साथ ही श्रम मंत्री के तौर पर हरक सिंह रावत का नाम लिखने के बजाय शमशेर सिंह सत्याल को ही श्रम मंत्री दर्ज कर दिया गया है.

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हालांकि, वेबसाइट में यह गलती लापरवाही से हुई या फिर किसी ने जानबूझकर ऐसा किया, यह कहना तो मुश्किल है. लेकिन इस मामले से एक बार फिर कर्मकार कल्याण बोर्ड सुर्खियों में आ गया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि यह बोर्ड में किसी की शरारत हो सकती है. उन्होंने इस से ज्यादा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.

उधर, बोर्ड की सचिव दीप्ति सिंह ने इस सवाल पर बचने की कोशिश करते हुए फोन को स्विच ऑफ कर लिया. बता दें कि दीप्ति सिंह वहीं अधिकारी हैं जिन्हें मंत्री हरक सिंह रावत का विरोधी माना जाता है.

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