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उत्तराखंड में जल्द लागू होगी चकबंदी, 2023 से पहले बनेगा सैन्य धामः गणेश जोशी

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा कि 2023 से पहले सैन्य धाम बनकर तैयार हो जाएगा. इसके अलावा प्रदेश में जल्द चकबंदी लागू की जाएगी.

ganesh joshi
गणेश जोशी
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Published : Mar 30, 2022, 5:24 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 6:11 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में एक बार फिर गणेश जोशी को अहम जिम्मेदारी दी गई है. मंगलवार को मंत्रियों के विभागों की बंटवारे में गणेश जोशी को सैनिक कल्याण विभाग के साथ-साथ कृषि उद्यान और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की भी जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, विभागों के आवंटन के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए गणेश जोशी ने कहा कि सैनिक कल्याण मंत्रालय में वह पहले भी कई बड़े काम कर चुके हैं और 2023 से पहले पांचवां धाम यानी सैनिक धाम का काम पूरा करना उनका सबसे प्राथमिक लक्ष्य है.

उपनल गैर सैनिक परिवारों के लिए बंदः वहीं, इसके अलावा उन्होंने कहा कि उपनल को लेकर उन्होंने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि 31 मार्च के बाद उपनल में पंजीकरण की प्रक्रिया गैर सैनिक परिवारों के लिए बंद कर दी जाएगी. यानी कि 1 अप्रैल से उपनल में सामान्य नागरिकों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया बंद हो जाएगी. उपनल में सिर्फ सैन्य परिवार के लोग ही शामिल होंगे.

उत्तराखंड में जल्द लागू होगी चकबंदी
ये भी पढ़ेंः कर्ज के बोझ में दबे उत्तराखंड को उबारने की कोशिश, शहरी निकायों में भी करेंगे बदलावः प्रेमचंद

जल्द लागू करेंगे चकबंदीः सैनिक कल्याण के अलावा गणेश जोशी को मिली कृषि उद्यान की जिम्मेदारी पर गणेश जोशी ने कहा कि उनका लक्ष्य होगा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के बंजर होते खेतों को एक बार फिर से खेती योग्य बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह तकनीकी के अधिकारियों को जिम्मेदारी देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर लगातार बढ़ रहे पलायन और जंगली जानवरों के चलते कम होती खेती पर काम करते हुए वह प्रदेश में जल्द ही चकबंदी लागू करेंगे. जिसके बाद एक बार फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को उचित लाभ मिले, इसका वह पूरा प्रयास करेंगे.

क्या होता है चकबंदीः ग्रामीण इलाकों में परिवार में बंटवारे के बाद जमीन भी बंट जाती है. इसकी वजह से पैतृक खेत, बागान आदि की जमीन कई टुकड़ों में बंट जाती है. इस वजह से खेत छोटे हो जाते हैं, जिससे किसानों को खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खेती की भूमि कम होने से कृषि की आधुनिक तकनीक को अपनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए किसानों के बिखरे हुए जमीन के टुकड़े को एक जगह किया जाता है. इसे ही चकबंदी कहते हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में एक बार फिर गणेश जोशी को अहम जिम्मेदारी दी गई है. मंगलवार को मंत्रियों के विभागों की बंटवारे में गणेश जोशी को सैनिक कल्याण विभाग के साथ-साथ कृषि उद्यान और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की भी जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, विभागों के आवंटन के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए गणेश जोशी ने कहा कि सैनिक कल्याण मंत्रालय में वह पहले भी कई बड़े काम कर चुके हैं और 2023 से पहले पांचवां धाम यानी सैनिक धाम का काम पूरा करना उनका सबसे प्राथमिक लक्ष्य है.

उपनल गैर सैनिक परिवारों के लिए बंदः वहीं, इसके अलावा उन्होंने कहा कि उपनल को लेकर उन्होंने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि 31 मार्च के बाद उपनल में पंजीकरण की प्रक्रिया गैर सैनिक परिवारों के लिए बंद कर दी जाएगी. यानी कि 1 अप्रैल से उपनल में सामान्य नागरिकों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया बंद हो जाएगी. उपनल में सिर्फ सैन्य परिवार के लोग ही शामिल होंगे.

उत्तराखंड में जल्द लागू होगी चकबंदी
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जल्द लागू करेंगे चकबंदीः सैनिक कल्याण के अलावा गणेश जोशी को मिली कृषि उद्यान की जिम्मेदारी पर गणेश जोशी ने कहा कि उनका लक्ष्य होगा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के बंजर होते खेतों को एक बार फिर से खेती योग्य बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह तकनीकी के अधिकारियों को जिम्मेदारी देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर लगातार बढ़ रहे पलायन और जंगली जानवरों के चलते कम होती खेती पर काम करते हुए वह प्रदेश में जल्द ही चकबंदी लागू करेंगे. जिसके बाद एक बार फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को उचित लाभ मिले, इसका वह पूरा प्रयास करेंगे.

क्या होता है चकबंदीः ग्रामीण इलाकों में परिवार में बंटवारे के बाद जमीन भी बंट जाती है. इसकी वजह से पैतृक खेत, बागान आदि की जमीन कई टुकड़ों में बंट जाती है. इस वजह से खेत छोटे हो जाते हैं, जिससे किसानों को खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खेती की भूमि कम होने से कृषि की आधुनिक तकनीक को अपनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए किसानों के बिखरे हुए जमीन के टुकड़े को एक जगह किया जाता है. इसे ही चकबंदी कहते हैं.

Last Updated : Mar 30, 2022, 6:11 PM IST
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