ऋषिकेशः चंद्रभागा नदी में खनन की कवायद तेज हो गई है. शासन द्वारा नदी का सर्वे कर रिपोर्ट मांगी गई है. आज वन निगम के साथ वन विभाग और राजस्व की टीम ने चंद्रभागा नदी का निरीक्षण किया, जिसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित की. खनन शुरू होने पर सरकार को 60 करोड़ के राजस्व का फायदा होगा. मुनि की रेती कैलाश गेट स्थित वन विभाग मुख्यालय में वन निगम और राजस्व विभाग की सयुंक्त बैठक हुई. जिसमें खनन के लिए टिहरी क्षेत्र के खारा स्रोत, दयाघाट व चन्द्रभागा की जांच के लिए निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि दयाघाट व खारा स्रोत खनन योग्य नहीं है व चंद्रभागा नदी खनन योग्य है, जो लगभग 14 हजार क्यूब मीटर का खनन दे सकता है, जिससे सरकार को लगभग 60 करोड़ का राजस्व मिलेगा.
शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी जिसके बाद सम्भावना जताई जा रही है कि खनन का काम सभी प्रकार की अनापत्ति लेकर 2 साल बाद शुरू हो सकेगा. डीएफओ धर्म सिंह मीणा ने बताया कि कार्यदायी संस्था वन निगम रहेगा जिसके साथ वन विभाग और राजस्व विभाग मिलकर कार्य करेगा. उन्होंने बताया कि अभी स्थल निरीक्षण किए गए हैं, लेकिन अभी कई विभागों की एनओसी लेना बाकी है अभी इस प्रक्रिया में समय लग सकता है.
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ऋषिकेश के चंद्रभागा नदी में पिछले तीन दशक से खनन नहीं हो पाया, जिसके कारण नदी का लेवल लगातार बढ़ता ही जा रहा है. आज नदी का स्तर उसके किनारे बसे आबादी क्षेत्र के बराबर पंहुच चुका है. अगर ऐसे में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होती है तो बड़ी क्षति झेलनी पड़ सकती है. अब खनन खुलता है तो सरकार को राजस्व तो प्राप्त होगा ही साथ ही बाढ़ के समय खतरा भी पैदा नहीं होगा. हालांकि अब सारी बात राज्य सरकार के ऊपर है कि वह अब कब तक इस कार्य को शुरू कराती है.