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अपने वतन लौटने लगे प्रवासी परिंदे, आसन कंजर्वेशन में घटने लगी विदेशी पक्षियों की संख्या

मेहमान परिंदों से गुलजार दिखने वाला विकासनगर का आसन कंजर्वेशन धीर-धीरे सूना होने लगा है. दूर देश से पहुंचकर जलक्रीड़ा से मंत्रमुग्ध करने वाले प्रवासी पक्षी अब अपने वतन लौटने की प्रक्रिया में हैं.

Vikasnagar
अपने वतन लौटने लगे प्रवासी परिंदे
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Published : Feb 19, 2022, 4:03 PM IST

Updated : Feb 19, 2022, 4:27 PM IST

विकासनगर: आसन कंजर्वेशन में अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू होता है. फरवरी के दूसरे सप्ताह से प्रवासी पक्षी अपने वतन की ओर लौटने लगते हैं. प्रवासी पक्षियों के वतन लौटने का ये सिलसिला मार्च तक चलता रहता है.

आसन बैराज देहरादून जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. यह उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और पक्षी प्रेमी पहुंचते हैं. आसन बैराज में विभिन्न प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं. पक्षी प्रेमियों के लिए यह जगह काफी सुंदर है. सर्दी बढ़ते ही विकासनगर का आसन बैराज विदेशी पक्षियों से गुलजार होने लगता है. इन विदेशी पक्षियों को देखने के लिए पर्यटक भी काफी संख्या में यहां पहुंचते हैं. साथ ही पक्षी प्रेमी भी आसन बैराज पहुंचकर इनकी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं.

अपने वतन लौटने लगे प्रवासी परिंदे

पढ़ें- ऋषिकेश में आपसी संघर्ष में घायल दूसरे हाथी की भी गई जान, सौंग नदी में मिला शव

चकराता वन प्रभाग के वन दरोगा प्रदीप सक्सेना के मुताबिक अक्टूबर माह में विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है. फरवरी के दूसरे सप्ताह से वे लौटने लगते हैं. इन विदेशी पक्षियों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए बड़ी संख्या पक्षी प्रेमी आसन कंजर्वेशन पर आते हैं.

ऐसे पहुंचें आसन बैराज: आसन बैराज 287.5 मीटर लंबा तथा समुद्र तल से 389.4 मीटर न्यूनतम तथा अधिकतम जल स्तर लगभग 402.4 मीटर ऊँचा है. आसन बैराज उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित है. बैराज आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ भारत के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटकों के लिए एक पर्यटन स्थल है. बैराज बिजली उत्पादन के लिए जलाशय के रूप में कार्य करता है. 2 घंटे की दूरी पर देहरादून शहर के साथ बैराज अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.

विकासनगर: आसन कंजर्वेशन में अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू होता है. फरवरी के दूसरे सप्ताह से प्रवासी पक्षी अपने वतन की ओर लौटने लगते हैं. प्रवासी पक्षियों के वतन लौटने का ये सिलसिला मार्च तक चलता रहता है.

आसन बैराज देहरादून जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. यह उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और पक्षी प्रेमी पहुंचते हैं. आसन बैराज में विभिन्न प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं. पक्षी प्रेमियों के लिए यह जगह काफी सुंदर है. सर्दी बढ़ते ही विकासनगर का आसन बैराज विदेशी पक्षियों से गुलजार होने लगता है. इन विदेशी पक्षियों को देखने के लिए पर्यटक भी काफी संख्या में यहां पहुंचते हैं. साथ ही पक्षी प्रेमी भी आसन बैराज पहुंचकर इनकी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं.

अपने वतन लौटने लगे प्रवासी परिंदे

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चकराता वन प्रभाग के वन दरोगा प्रदीप सक्सेना के मुताबिक अक्टूबर माह में विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है. फरवरी के दूसरे सप्ताह से वे लौटने लगते हैं. इन विदेशी पक्षियों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए बड़ी संख्या पक्षी प्रेमी आसन कंजर्वेशन पर आते हैं.

ऐसे पहुंचें आसन बैराज: आसन बैराज 287.5 मीटर लंबा तथा समुद्र तल से 389.4 मीटर न्यूनतम तथा अधिकतम जल स्तर लगभग 402.4 मीटर ऊँचा है. आसन बैराज उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित है. बैराज आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ भारत के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटकों के लिए एक पर्यटन स्थल है. बैराज बिजली उत्पादन के लिए जलाशय के रूप में कार्य करता है. 2 घंटे की दूरी पर देहरादून शहर के साथ बैराज अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.

Last Updated : Feb 19, 2022, 4:27 PM IST
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