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चेतावनी! अगले 4 दिनों तक उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट, उफान पर रहेंगी नदियां

देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने आज से 9 जुलाई तक उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इस बीच छोटी-बड़ी नदियां भी उफान पर हैं. दूसरी तरफ ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान से 2 से 3 मीटर नीचे बह रही हैं. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है. जबकि एनडीआरएफ की टीम उत्तराखंड में मौजूद है.

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Published : Jul 6, 2022, 12:01 PM IST

Updated : Jul 6, 2022, 4:49 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक के बाद लगातार हो रही बारिश के कारण 2 दिनों से पहाड़ों में लगातार में हो रही बारिश से चट्टानों से बड़े-बड़े बोल्डर गिरने, भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ने लगी है. आलम ये कि इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण अब लोगों की जान भी जा रही है. वहीं, मौसम विभाग ने 6 यानी आज से 9 जुलाई तक उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं. लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है इससे नदियों के आसपास रहने वाली आबादी डर के साए में दिन रात बिता रही है. उधर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर बताया है कि अगले कुछ दिन उत्तराखंड में मॉनसून आफत के तौर पर बरस सकते हैं. खासकर 5 जुलाई की रात से शुरू होने वाली बारिश 9 जुलाई तक जारी रहेगी. लिहाजा, पहाड़ के लोगों के साथ-साथ मैदान के लोगों को भी मौसम विभाग ने अलर्ट किया है.

अगले 4 दिनों तक उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट.

वहीं, श्रीनगर की अलकनंदा और केदारघाटी से आ रही मंदाकिनी नदियों का वेग समय-समय पर देखा गया है. देवप्रयाग पर अलकनंदा और उत्तरकाशी से आ रही भागीरथी नदी का संगम है, जिसके बाद वह गंगा नदी कहलाती है. उत्तराखंड की कई छोटी-बड़ी नदियों का गंगा नदी में विलय होता है. यही कारण है कि बारिश के दिनों देवप्रयाग के बाद ऋषिकेश पहुंचते ही गंगा नदी विकराल रूप धारण कर लेती है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बारिश का कहर, टिहरी में मलबे में दबी कार

उत्तराखंड से यूपी तक प्रभावः उत्तराखंड में जब भी बारिश तबाही के रूप में बरसती है तो ऐसा नहीं है कि नुकसान सिर्फ उत्तराखंड का ही होता है. इस तबाही का असर यूपी के बिजनौर, मुरादाबाद, पीलीभीत जैसे जिलों में भी देखने को मिलता है. लिहाजा उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग व तमाम उन तमाम जिलों के अधिकारियों को सूचना देकर आगाह कर दिया है.

वहीं, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से नजीबाबाद के रावली, ब्रह्मपुरी, मिर्जापुर, शिमला कला जैसे गांव को इन दिनों में अलर्ट रहने के लिए कहा है. माना जा रहा है कि आने वाले 4 दिनों में उत्तराखंड में अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो नदियां खतरे के निशान से ऊपर चली जाएंगी.

यहां होगी भारी बारिशः मौसम की बेरुखी को देखते हुए सरकार ने भी मौसम विभाग को पल-पल नजर रखने के निर्देश दिए हैं. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह भी आपदा प्रबंधन विभाग से तालमेल बिठाकर ना केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश को भी पूरी रिपोर्ट दे रहे हैं. विक्रम सिंह की मानें तो आने वाले 4 दिन उत्तराखंड के लिए भारी रहेंगे. खासकर गढ़वाल के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी और कुमाऊं के बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश हो सकती है.
ये भी पढ़ेंः सावधान! उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी, ऑरेंज अलर्ट जारी

नदियों का स्तरः नदियों की बात करें तो 5 जुलाई को श्रीनगर गढ़वाल में बहने वाली अलकनंदा नदी का जलस्तर 533.82 क्यूसेक मीटर चल रहा है. अलकनंदा नदी का अलार्म इन लेवल 535 मीटर है. जबकि डेंजर लेवल 536.0 क्यूसेक मीटर है. ऐसे में धीरे-धीरे नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं, ऋषिकेश की बात करें तो ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर 338.8 क्यूसेक मीटर चल रहा है. जबकि, ऋषिकेश में खतरे का निशान 340.50 क्यूसेक मीटर है. हरिद्वार में भी गंगा पल-पल अपना रूप बदल रही है. मौजूदा समय में गंगा का लेवल 290.45 क्यूसेक मीटर है, जबकि खतरे का निशान 293.0 क्यूसेक मीटर है. ऐसे में नदियां अपना रूप दिखाकर लोगों को डरा रही हैं.

क्या है तैयारीः सरकार की तरफ से एसडीआरएफ की दो टीमों को टिहरी और ऋषिकेश के बीच तैनात किया गया है. जबकि हरिद्वार, चमोली, रुद्रप्रयाग, में भी एक एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा है. इसके अलावा नैनीताल, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में भी टीम को तैनात किया गया है. इसके अलावा एनडीआरएफ की टीम भी उत्तराखंड में मौजूद है. इसके साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की जैसे क्षेत्रों में जल पुलिस की टीम को तैनात किया गया है.

देहरादूनः उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक के बाद लगातार हो रही बारिश के कारण 2 दिनों से पहाड़ों में लगातार में हो रही बारिश से चट्टानों से बड़े-बड़े बोल्डर गिरने, भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ने लगी है. आलम ये कि इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण अब लोगों की जान भी जा रही है. वहीं, मौसम विभाग ने 6 यानी आज से 9 जुलाई तक उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं. लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है इससे नदियों के आसपास रहने वाली आबादी डर के साए में दिन रात बिता रही है. उधर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर बताया है कि अगले कुछ दिन उत्तराखंड में मॉनसून आफत के तौर पर बरस सकते हैं. खासकर 5 जुलाई की रात से शुरू होने वाली बारिश 9 जुलाई तक जारी रहेगी. लिहाजा, पहाड़ के लोगों के साथ-साथ मैदान के लोगों को भी मौसम विभाग ने अलर्ट किया है.

अगले 4 दिनों तक उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट.

वहीं, श्रीनगर की अलकनंदा और केदारघाटी से आ रही मंदाकिनी नदियों का वेग समय-समय पर देखा गया है. देवप्रयाग पर अलकनंदा और उत्तरकाशी से आ रही भागीरथी नदी का संगम है, जिसके बाद वह गंगा नदी कहलाती है. उत्तराखंड की कई छोटी-बड़ी नदियों का गंगा नदी में विलय होता है. यही कारण है कि बारिश के दिनों देवप्रयाग के बाद ऋषिकेश पहुंचते ही गंगा नदी विकराल रूप धारण कर लेती है.
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उत्तराखंड से यूपी तक प्रभावः उत्तराखंड में जब भी बारिश तबाही के रूप में बरसती है तो ऐसा नहीं है कि नुकसान सिर्फ उत्तराखंड का ही होता है. इस तबाही का असर यूपी के बिजनौर, मुरादाबाद, पीलीभीत जैसे जिलों में भी देखने को मिलता है. लिहाजा उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग व तमाम उन तमाम जिलों के अधिकारियों को सूचना देकर आगाह कर दिया है.

वहीं, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से नजीबाबाद के रावली, ब्रह्मपुरी, मिर्जापुर, शिमला कला जैसे गांव को इन दिनों में अलर्ट रहने के लिए कहा है. माना जा रहा है कि आने वाले 4 दिनों में उत्तराखंड में अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो नदियां खतरे के निशान से ऊपर चली जाएंगी.

यहां होगी भारी बारिशः मौसम की बेरुखी को देखते हुए सरकार ने भी मौसम विभाग को पल-पल नजर रखने के निर्देश दिए हैं. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह भी आपदा प्रबंधन विभाग से तालमेल बिठाकर ना केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश को भी पूरी रिपोर्ट दे रहे हैं. विक्रम सिंह की मानें तो आने वाले 4 दिन उत्तराखंड के लिए भारी रहेंगे. खासकर गढ़वाल के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी और कुमाऊं के बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश हो सकती है.
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नदियों का स्तरः नदियों की बात करें तो 5 जुलाई को श्रीनगर गढ़वाल में बहने वाली अलकनंदा नदी का जलस्तर 533.82 क्यूसेक मीटर चल रहा है. अलकनंदा नदी का अलार्म इन लेवल 535 मीटर है. जबकि डेंजर लेवल 536.0 क्यूसेक मीटर है. ऐसे में धीरे-धीरे नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं, ऋषिकेश की बात करें तो ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर 338.8 क्यूसेक मीटर चल रहा है. जबकि, ऋषिकेश में खतरे का निशान 340.50 क्यूसेक मीटर है. हरिद्वार में भी गंगा पल-पल अपना रूप बदल रही है. मौजूदा समय में गंगा का लेवल 290.45 क्यूसेक मीटर है, जबकि खतरे का निशान 293.0 क्यूसेक मीटर है. ऐसे में नदियां अपना रूप दिखाकर लोगों को डरा रही हैं.

क्या है तैयारीः सरकार की तरफ से एसडीआरएफ की दो टीमों को टिहरी और ऋषिकेश के बीच तैनात किया गया है. जबकि हरिद्वार, चमोली, रुद्रप्रयाग, में भी एक एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा है. इसके अलावा नैनीताल, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में भी टीम को तैनात किया गया है. इसके अलावा एनडीआरएफ की टीम भी उत्तराखंड में मौजूद है. इसके साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की जैसे क्षेत्रों में जल पुलिस की टीम को तैनात किया गया है.

Last Updated : Jul 6, 2022, 4:49 PM IST
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