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प्रकाश पंत की दूसरी पुण्यतिथि: सीएम तीरथ ने दी श्रद्धाजंलि, अंतिम पलों में भी उत्तराखंड के विकास को लेकर थे चिंतित

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Published : Jun 5, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 5:06 PM IST

दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश की आज दूसरी पुण्यतिथि है. इस मौके पर प्रदेशभर में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और उनके कामों को याद किया गया. वहीं, अंतिम पलों में पंत के साथ रहे संजय सैनी ने पुरानी यादों को साझा किया है.

प्रकाश पंत की दूसरी पुण्यतिथि
प्रकाश पंत की दूसरी पुण्यतिथि

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार में मंत्री रहे प्रकाश पंत की आज दूसरी पुण्यतिथि है. 5 जून 2020 को उन्होंने अमेरिका के ह्यूस्टन में अंतिम सांस ली थी. अपनी कार्यशैली और सौम्यता के लिए एक अलग पहचान बना चुके प्रकाश पंत भले ही इस दुनिया में अब नहीं हैं. लेकिन आज भी लोग उन्हें एक कर्मठशील नेता के तौर पर याद करते हैं. प्रकाश पंत की दूसरी पुण्यतिथि पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

प्रकाश पंत की पुण्यतिथि पर यादों को साझा करते संजय सैनी.

वहीं, उनके उत्तराखंड की राजनीति से जुड़े किस्से और कहानियां हर किसी को आज भी याद हैं. इनमें कुछ ऐसी भी यादें हैं. जिन्हें संजय सैनी याद कर भावुक हो रहे हैं. दरअसल, संजय सैनी ही प्रकाश पंत के अंतिम क्षणों तक उनके साथ थे. केंद्र और उत्तराखंड सरकार ने जब प्रकाश पंत को इलाज के लिए अमेरिका भेजने की तैयारी की थी. तब परिवार के 2 सदस्यों के साथ संजय को भी प्रकाश पंत ने अमेरिका चलने के लिए कहा था. संजय सैनी बताते हैं कि जिस वक्त साल 2017 में वो चुनाव जीते थे. उस चुनाव परिणाम के आने तक वे दिल्ली में मौजूद थे.

ये भी पढ़ेंः माता-पिता को नहीं पता दुनिया छोड़ कर चला गया उनका लाल

जनता के प्रति उनका समर्पण इसी बात से दिखता है कि जीतने के बाद तमाम लोग कमरे के बाहर उनसे मिलने के लिए खड़े हुए थे. लेकिन, अपनी विधानसभा से आ रहे लगातार फोन की वजह से वो किसी से बात नहीं कर पा रहे थे. जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने थक हार कर उनके फोन को पानी से भिगो दिया और फोन जब बंद हुआ. तब जाकर उन्होंने दूसरे लोगों से बातचीत शुरू की.

संजय सैनी ने बताया कि जिस वक्त उनका इलाज चल रहा था और वो तारीख 3 जून की थी. उस वक्त उन्हें डॉक्टरों ने बोलने से मना किया था, लेकिन अपने अंतिम समय तक प्रकाश पंत यही कहते रहे कि अभी भी उन्हें उत्तराखंड और अपने क्षेत्र के लिए बहुत से काम करने हैं.

इतना ही नहीं संजय सैनी बताते हैं कि अपने अंतिम समय पर भी वे अपने विभागों के कामों के बारे में भी बात कर रहे थे. जबकि, डॉक्टर उन्हें ना बोलने की नसीहत दे रहे थे. अमेरिका में इलाज के दौरान भले ही प्रकाश पंत शरीर से कमजोर पड़ गए थे, लेकिन उनकी सोच और जज्बा उत्तराखंड के लिए उस वक्त बेहद मजबूत था. संजय सैनी भावुक होते हुए यह भी कहते हैं कि अगर उन्हें भगवान से पूछने की इजाजत मिली तो वो जरूर पूछेंगे कि ऐसे व्यक्ति को समय से पहले आपने अपने पास क्यों बुला लिया.

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार में मंत्री रहे प्रकाश पंत की आज दूसरी पुण्यतिथि है. 5 जून 2020 को उन्होंने अमेरिका के ह्यूस्टन में अंतिम सांस ली थी. अपनी कार्यशैली और सौम्यता के लिए एक अलग पहचान बना चुके प्रकाश पंत भले ही इस दुनिया में अब नहीं हैं. लेकिन आज भी लोग उन्हें एक कर्मठशील नेता के तौर पर याद करते हैं. प्रकाश पंत की दूसरी पुण्यतिथि पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

प्रकाश पंत की पुण्यतिथि पर यादों को साझा करते संजय सैनी.

वहीं, उनके उत्तराखंड की राजनीति से जुड़े किस्से और कहानियां हर किसी को आज भी याद हैं. इनमें कुछ ऐसी भी यादें हैं. जिन्हें संजय सैनी याद कर भावुक हो रहे हैं. दरअसल, संजय सैनी ही प्रकाश पंत के अंतिम क्षणों तक उनके साथ थे. केंद्र और उत्तराखंड सरकार ने जब प्रकाश पंत को इलाज के लिए अमेरिका भेजने की तैयारी की थी. तब परिवार के 2 सदस्यों के साथ संजय को भी प्रकाश पंत ने अमेरिका चलने के लिए कहा था. संजय सैनी बताते हैं कि जिस वक्त साल 2017 में वो चुनाव जीते थे. उस चुनाव परिणाम के आने तक वे दिल्ली में मौजूद थे.

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जनता के प्रति उनका समर्पण इसी बात से दिखता है कि जीतने के बाद तमाम लोग कमरे के बाहर उनसे मिलने के लिए खड़े हुए थे. लेकिन, अपनी विधानसभा से आ रहे लगातार फोन की वजह से वो किसी से बात नहीं कर पा रहे थे. जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने थक हार कर उनके फोन को पानी से भिगो दिया और फोन जब बंद हुआ. तब जाकर उन्होंने दूसरे लोगों से बातचीत शुरू की.

संजय सैनी ने बताया कि जिस वक्त उनका इलाज चल रहा था और वो तारीख 3 जून की थी. उस वक्त उन्हें डॉक्टरों ने बोलने से मना किया था, लेकिन अपने अंतिम समय तक प्रकाश पंत यही कहते रहे कि अभी भी उन्हें उत्तराखंड और अपने क्षेत्र के लिए बहुत से काम करने हैं.

इतना ही नहीं संजय सैनी बताते हैं कि अपने अंतिम समय पर भी वे अपने विभागों के कामों के बारे में भी बात कर रहे थे. जबकि, डॉक्टर उन्हें ना बोलने की नसीहत दे रहे थे. अमेरिका में इलाज के दौरान भले ही प्रकाश पंत शरीर से कमजोर पड़ गए थे, लेकिन उनकी सोच और जज्बा उत्तराखंड के लिए उस वक्त बेहद मजबूत था. संजय सैनी भावुक होते हुए यह भी कहते हैं कि अगर उन्हें भगवान से पूछने की इजाजत मिली तो वो जरूर पूछेंगे कि ऐसे व्यक्ति को समय से पहले आपने अपने पास क्यों बुला लिया.

Last Updated : Jun 5, 2021, 5:06 PM IST
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